कर्नाटक में प्राइवेट नौकरी में इन लोगों को मिलेगा 100 फीसदी आरक्षण, कांग्रेस सरकार का बड़ा फैसला
Karnataka News कर्नाटक सरकार ने निजी फर्मों में कन्नड़ लोगों के लिए 100% आरक्षण विधेयक को मंजूरी दे दी है। यह फैसला सोमवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। सीएम सिद्धारमैया ने मंगलवार को कहा कि हम कन्नड़ समर्थक सरकार हैं। हमारी प्राथमिकता कन्नड़ लोगों के कल्याण करना है। इस विधेयक में निजी क्षेत्र में प्रबंधन संबंधी 50 प्रतिशत नौकरियां आरक्षित करने का प्रावधान है।
एएनआई, बेंगलुरु। कर्नाटक के प्राइवेट फर्म में ग्रुप सी और ग्रुप डी के पदों पर कन्नड़ लोगों के लिए 100 प्रतिशत आरक्षण अनिवार्य करने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी गई है। सोमवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मंगलवार को सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा, 'कल हुई मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य के सभी निजी उद्योगों में 'सी और डी' ग्रेड के पदों पर 100 प्रतिशत कन्नड़ लोगों की भर्ती अनिवार्य करने वाले विधेयक को मंजूरी दी गई।'
कन्नड़ लोगों के कल्याण करना हमारी प्राथमिकता
सीएम ने आगे कहा, 'हम कन्नड़ समर्थक सरकार हैं। हमारी प्राथमिकता कन्नड़ लोगों के कल्याण करना है।' विधि विभाग के सूत्रों के अनुसार, 'कर्नाटक राज्य उद्योग, कारखानों और अन्य प्रतिष्ठानों में स्थानीय उम्मीदवारों को रोजगार विधेयक, 2024' गुरुवार को विधानसभा में पेश किया जाएगा।'स्थानीय उम्मीदवारों' की नियुक्ति के बारे में विधेयक में कहा गया है कि 'किसी भी उद्योग, कारखाने या अन्य प्रतिष्ठानों को प्रबंधन श्रेणियों में पचास प्रतिशत स्थानीय उम्मीदवारों और गैर-प्रबंधन श्रेणियों में सत्तर प्रतिशत स्थानीय उम्मीदवारों की नियुक्ति करनी होगी।'
Karnataka CM Siddaramaiah tweets, "The Cabinet meeting held yesterday approved a bill to make it mandatory to hire 100 per cent Kannadigas for "C and D" grade posts in all private industries in the state. It is our government's wish that the Kannadigas should avoid being deprived…
— ANI (@ANI) July 17, 2024
उल्लंघन करने वालों पर लगेगा इतना जुर्माना
इसमें कहा गया है कि यदि उम्मीदवारों के पास कन्नड़ भाषा के साथ माध्यमिक विद्यालय का प्रमाण पत्र नहीं है, तो उन्हें 'नोडल एजेंसी' द्वारा कन्नड़ भाषा में परीक्षा पास करनी होगी।इसमें यह भी कहा गया है कि अगर कोई भी नियोक्ता, अधिभोगी या प्रतिष्ठान के प्रबंधक इस अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करते हैं, उन्हें 10,000 रुपये से 25,000 रुपये तक के जुर्माने भरना पड़ेगा। प्रस्तावित विधेयक में कहा गया है कि 'यदि जुर्माना लगाए जाने के बाद भी उल्लंघन जारी रहता है, तो उल्लंघन जारी रहने तक प्रत्येक दिन के लिए 100 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।'यह भी पढ़ें: Tamil Nadu: तेज रफ्तार वैन ने पदयात्रा पर निकले श्रद्धालुओं को मारी टक्कर, चार की हुई मौतयह भी पढ़ें: Chandrababu Naidu: गृह मंत्री अमित शाह से मिले चंद्रबाबू नायडू, आंध्र प्रदेश के लिए मांगा अधिक फंड