'NEET को खत्म कर दिया जाए', कर्नाटक सरकार ने नीट के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया
कर्नाटक सरकार ने प्रस्ताव में कहा है कि कर्नाटक विधान परिषद सर्वसम्मति से आग्रह करती है कि केंद्र सरकार को तुरंत राज्य को नीट परीक्षा से छूट देनी चाहिए और राज्य सरकार द्वारा आयोजित कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीईटी) के नंबरों के आधार पर छात्रों को मेडिकल एडमिशन देना चाहिए। यह फैसला नीट की परीक्षाओं में बार-बार होने वाली अनियमितताओं को देखते हुए किया गया है।
एएनआई, बेंगलुरु। कर्नाटक विधानसभा ने गुरुवार को नीट के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया। कांग्रेस की सिद्धारमैया सरकार ने प्रस्ताव में कहा है कि नीट परीक्षा प्रणाली ग्रामीण क्षेत्रों के आने वाले गरीब बच्चों के लिए मेडिकल शिक्षा के अवसरों को बुरी तरह प्रभावित कर रही है। यह न केवल स्कूली शिक्षा प्रणाली को अप्रभावी बनाता है, बल्कि राज्य सरकार द्वारा प्रबंधित मेडिकल कॉलोजों में छात्रों को प्रवेश देने के राज्य के अधिकार को भी छीन लेता है। इसलिए यह अनुरोध किया जाता है कि इस प्रणाली खत्म किया जाए।
इसके साथ ही प्रस्ताव में कहा गया है कि कर्नाटक विधान परिषद सर्वसम्मति से आग्रह करती है कि केंद्र सरकार को तुरंत राज्य को इस परीक्षा से छूट देनी चाहिए और राज्य सरकार द्वारा आयोजित कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीईटी) के नंबरों के आधार पर छात्रों को मेडिकल एडमिशन देना चाहिए।
Karnataka Assembly passes resolution against NEET. It was tabled by State Minister of Medical Education & Skill Development, Sharan Prakash Patil. pic.twitter.com/NXVZjuXWQr
— ANI (@ANI) July 25, 2024
परीक्षाओं में होने वाली अनियमितताओं को देखते हुए फैसला
नीट की परीक्षाओं में बार-बार होने वाली अनियमितताओं को देखते हुए, केंद्र सरकार को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम, 2019 (केंद्रीय अधिनियम 30, 2019) में भी आवश्यक संशोधन करना चाहिए ताकि राष्ट्रीय स्तर पर नीट प्रणाली को खत्म कर दिया जाए।बता दें कि यह प्रस्ताव कर्नाटक के चिकित्सा शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री शरण प्रकाश पाटिल ने पेश किया।ये भी पढ़ें: मंगलुरु पुलिस की सिटी जेल में अचानक छापेमारी, मोबाइल, ब्लूटूथ और कैंची सहित गांजे के पैकेट बरामद