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कर्नाटक में NIA ने PFI नेताओं के यहां की छापेमारी, 3 को किया गिरफ्तार; भाजपा कार्यकर्ता के हत्या का है मामला

एनआइए अधिकारियों ने कहा कि सुलिया उप्पिनंगडी मैसूर और हुबली में छापेमारी की जा रही है। सूत्रों के अनुसार एनआइए की टीम ने हाल ही में लापता हुए चार आरोपियों के सुराग के लिए लाखों रुपये के नकद इनाम की घोषणा की थी।

By AgencyEdited By: Dhyanendra Singh ChauhanUpdated: Sat, 05 Nov 2022 01:43 PM (IST)
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भाजपा कार्यकर्ता प्रवीण कुमार नेट्टारे की हत्या के मामले हुई छापेमारी
बेंगलुरु, आइएएनएस। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने शनिवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के कई नेताओं के यहां छापेमारी की। एनआइए की यह छापेमारी भाजपा कार्यकर्ता प्रवीण कुमार नेट्टारे की हत्या के सिलसिले में की गई। एनआइए ने कर्नाटक के मैसूर, हुबली और दक्षिण कन्नड़ जिलों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) नेताओं के यहां तलाशी अभियान चलाया।

सूत्रों ने पुष्टि की कि इस मामले में एनआइए ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। मैसूर के मंडी मोहल्ला एक्सटेंशन स्थित पीएफआई के जिला महासचिव मोहम्मद सुलेमान के आवास पर भी छापेमारी की गई। समाचार एजेंसी आइएएनएस ने सूत्रों के हवाले से बताया कि सुलिया से शफी बेल्लारे, इकबाल बेल्लारे और इब्राहिम शाह को हिरासत में लिया गया है। इन सभी को एनआइए ने गिरफ्तार किया है। इकबाल बेल्लारे बेल्लारे गांव के ग्राम पंचायत सदस्य हैं, जबकि शफी बेल्लारे सोशलिस्ट डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) के राज्य सचिव हैं।

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NIA ने की थी लाखों रुपये की घोषणा

एनआइए अधिकारियों ने कहा कि सुलिया, उप्पिनंगडी, मैसूर और हुबली में छापेमारी की जा रही है। सूत्रों के अनुसार एनआइए की टीम ने हाल ही में लापता हुए चार आरोपियों के सुराग के लिए लाखों रुपये के नकद इनाम की घोषणा की थी।

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दुकान के सामने की गई थी भाजपा कार्यकर्ता की हत्या

26 जुलाई को दक्षिण कन्नड़ जिले के बेल्लारे कस्बे में बाइक सवार बदमाशों ने भाजपा कार्यकर्ता प्रवीण पर उनकी चिकन की दुकान के सामने हमला कर उनकी हत्या कर दी थी। हत्या के बाद मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने अपने एक साल के कार्यकाल के जश्न को रद कर दिया था। उन्होंने प्रवीण के परिवार से मुलाकात की थी। सीएम बोम्मई ने सरकार की ओर से मुआवजे के रूप में 25 लाख रुपये का चेक जारी किया था। वहीं, पार्टी ने अलग से 25 लाख रुपये दिए थे।

भाजपा के खिलाफ लोगों का था आक्रोश

इस घटना के चलते सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ पूरे कर्नाटक में विरोध तेज हो गए थे। आंदोलनकारियों ने गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र के आवास को घेर लिया था, जिससे सत्ता पक्ष को भारी शर्मिंदगी उठानी पड़ी थी। जांच से पता चला था कि उसे हलाल कटे हुए मांस के खिलाफ अभियान शुरू करने के लिए निशाना बनाया गया था।