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Karnataka: कर्नाटक में ईडी अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज, मुख्यमंत्री को फंसाने के लिए अधिकारी पर दबाव बनाने का आरोप

कर्नाटक महर्षि वाल्मिकी अनुसूचित जनजाति विकास निगम में 187 करोड़ रुपये के घोटाले में एक बड़ा मोड़ सामने आया है। राज्य सरकार के एक अधिकारी पर मुख्यमंत्री सिद्दारमैया को फंसाने के लिए दबाव डालने के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दो अफसरों के खिलाफ सोमवार को मामला दर्ज किया गया। जिसमें सामान्य इरादे के साथ संयुक्त आपराधिक दायित्व आपराधिक धमकी और शांति भंग करने की धाराएं लगाई गई हैं।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Updated: Mon, 22 Jul 2024 11:26 PM (IST)
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कर्नाटक में वाल्मीकि निगम घोटाले में एक बड़ा मोड़ सामने आया है।
ऑनलाइन डेस्क, बेंगलुरु। कर्नाटक महर्षि वाल्मिकी अनुसूचित जनजाति विकास निगम में 187 करोड़ रुपये के घोटाले में एक बड़ा मोड़ सामने आया है। कर्नाटक के एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के दो अधिकारियों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया है।

कांग्रेस और विपक्ष के नेताओं को मिला मुद्दा

अधिकारी ने आरोप लगाया है कि इस साल की शुरुआत में सामने आए वाल्मीकि निगम घोटाले में मुख्यमंत्री सिद्दारमैया, राज्य के एक पूर्व मंत्री और कुछ अन्य लोगों को फंसाने के लिए उनपर दबाव डाला गया। इस शिकायत से कांग्रेस और विपक्षी दलों को केंद्र सरकार को घेरने का मौका मिल गया है, जो केंद्रीय जांच एजेंसियों पर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के आदेश पर विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने का आरोप लगाते हैं।

आज, राज्य के समाज कल्याण विभाग के अतिरिक्त निदेशक कलेश बी ने आरोप लगाया कि उन्हें कथित वाल्मीकि घोटाले की जांच के सिलसिले में 16 जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया था। उन्हें 18 जुलाई को कुछ फाइलें लेकर वापस आने के लिए कहा गया था। उन्होंने पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में कहा कि इसके बाद अधिकारियों ने उनसे मुख्यमंत्री और पूर्व मंत्री बी नागेंद्र का नाम बताने को कहा, जिन्हें इस मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है और कुछ अन्य लोगों का भी नाम बताने को कहा।

ईडी अधिकारियों के खिलाफ क्या है आरोप?

उन्होंने अपनी शिकायत में कहा कि अधिकारियों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और ऐसा न करने पर उन्हें गिरफ्तार करने की धमकी दी। उन्होंने जिन ईडी अधिकारियों का नाम लिया उनमें मुरली कन्नन और एक अधिकारी मित्तल शामिल थे। उन्होंने आरोप लगाया कि मुरली कन्नन ने उनसे पूर्व मंत्री बी नागेंद्र, 'सर्वोच्च अधिकारी' (जाहिर तौर पर सीएम सिद्धारमैया का जिक्र करते हुए) और वित्त विभाग का नाम बताने को कहा। इसके बाद कल्लेश ने बेंगलुरु के विल्सन गार्डन पुलिस स्टेशन में पुलिस से संपर्क किया और उनसे कार्रवाई करने को कहा।

इन मामलों के तहत दर्ज कराया गया मुकदमा

दर्ज मामलों में उन पर 'एक समान इरादे से संयुक्त आपराधिक दायित्व, आपराधिक धमकी और शांति भंग करने के इरादे' का आरोप लगाया गया है। सरकारी अधिकारी के आरोप पिछले सप्ताह मंत्रियों के एक समूह द्वारा मीडिया को बताए गए आरोपों के अनुरूप हैं। गुरुवार को राज्य के पांच मंत्रियों ने दावा किया कि ईडी वाल्मीकि घोटाले में गिरफ्तार लोगों को मुख्यमंत्री और उनके उपमुख्यमंत्री का नाम बताने के लिए मजबूर कर रहा है।

उन्होंने आरोप लगाया कि इसका मकसद राज्य की निर्वाचित सरकार को अस्थिर करना है। मीडिया कॉन्फ्रेंस में शामिल होने वाले मंत्रियों में कृष्णा बायरे गौड़ा, केजे जॉर्ज, प्रियांक खड़गे, दिनेश गुंडू राव और संतोष लाड शामिल थे। 21 मई को निगम के लेखा अधीक्षक चंद्रशेखरन पी के मृत पाए जाने के बाद कथित घोटाले का पता चला। उन्होंने एक कथित सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें निगम से विभिन्न बैंक खातों में अवैध रूप से धन हस्तांतरित करने का आरोप लगाया गया था।

सीबीआई कर रही निगम घोटाले की जांच

कर्नाटक सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल के अलावा, सीबीआई भी कथित 187 करोड़ रुपये के गबन की जांच कर रही है। एजेंसी ने संभावित मनी लॉन्ड्रिंग एंगल की जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय को शामिल किया है। ईडी ने नागेंद्र और वाल्मीकि निगम के अध्यक्ष और विधायक बसनगौड़ा डडल से जुड़े स्थानों पर तलाशी ली है। ईडी ने बी नागेंद्र को गिरफ्तार किया है, जो फिलहाल न्यायिक हिरासत में है।