Karnataka: कांग्रेस के 50 नेताओं और मंत्रियों की एक टीम दिल्ली में पार्टी नेतृत्व से करेगी मुलाकात
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने मंगलवार को कहा कि राज्य कांग्रेस के लगभग 50 नेता और मंत्री 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए कार्य योजना पर रणनीति बनाने के लिए 2 अगस्त को नई दिल्ली में पार्टी नेतृत्व से मुलाकात करेंगे।एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पार्टी नेता राहुल गांधी महासचिव केसी वेनगोपाल और रणदीप सिंह सुरजेवाला सहित अन्य लोगों के राष्ट्रीय राजधानी में बैठक में भाग लेने की संभावना है।
By Nidhi AvinashEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Wed, 02 Aug 2023 10:18 AM (IST)
बेंगलुरु, एजेंसी। Karnatka Congress: आगामी लोकसभा चुनावों के लिए कर्नाटक कांग्रेस पार्टी के 50 नेताओं और मंत्रियों की एक टीम बुधवार को नई दिल्ली में पार्टी नेतृत्व से मुलाकात करेगी। उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने मंगलवार को कहा कि एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी नेता राहुल गांधी, महासचिव केसी वेनगोपाल और रणदीप सिंह सुरजेवाला सहित अन्य लोगों के राष्ट्रीय राजधानी में बैठक में भाग लेने की संभावना है।
केंद्रीय मंत्रियों से भी होगी मुलाकात
दिल्ली रवाना होने से पहले, कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वह राज्य से संबंधित मुद्दों और परियोजनाओं पर चर्चा करने के लिए कुछ केंद्रीय मंत्रियों से भी मिलेंगे। कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के साथ उनकी मुलाकात को सत्ताधारी पार्टी के भीतर पनप रहे असंतोष के बीच महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वहीं, 30 से अधिक विधायकों ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और पार्टी नेतृत्व को पत्र लिखकर अपने निर्वाचन क्षेत्रों में विकास कार्यों के कार्यान्वयन और कार्यप्रणाली पर चिंता व्यक्त की है।
लोकसभा की रणनीति बनाने के लिए होगी बैठक
शिवकुमार ने यहां मीडिया से कहा कि 2 अगस्त को दिल्ली में एक बैठक है। आज मैं वहां कुछ केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात करूंगा। पार्टी का काम है और सरकारी काम भी है। इसलिए, मैं दिल्ली जा रहा हूं। उन्होंने कहा कि यह बैठक चुनाव से पहले कांग्रेस के हित में क्या करने की जरूरत है, इस पर चर्चा करने और रणनीति बनाने के लिए है।सत्ताधारी पार्टी के कई विधायक नाराज
माना जा रहा है कि सत्ताधारी पार्टी के कई विधायक नाराज हैं और उन्होंने शिकायत की है कि वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों में काम नहीं करा पाए हैं। वह अनुरोध के अनुसार (सरकारी कर्मचारियों के) तबादलों पर निर्णय लेने का अधिकार नहीं दिया गया है। बताया जा रहा कि उन्होंने कुछ मंत्रियों को लेकर नाखुशी जाहिर की है और आरोप लगाया है कि वे उनके साथ सहयोग नहीं कर रहे हैं।