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होयसला मंदिरों ने बढ़ाया देश का मान तो पूर्व PM देवगौड़ा ने कुछ इस तरह जताई खुशी, PMO को किया Twitter पर टैग

कर्नाटक के बेलूर हैलेबिडु और सोमनाथपुरा के होयसला मंदिरों को साल 2022-2023 की विश्व विरासत सूची के लिए भारत के नामांकन के तौर पर शामिल किया गया है। कर्नाटक की इस उपलब्धि पर देश के पूर्व पीएम एच डी देवगौड़ा ने PMO आफिस को पत्र लिखकर खुशी जताई है।

By Mohd FaisalEdited By: Updated: Wed, 02 Feb 2022 04:46 PM (IST)
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र्नाटक के बेलूर, हैलेबिडु और सोमनाथपुरा के होयसला मंदिर फाइल फोटो
नई दिल्ली, एजेंसी: कर्नाटक के बेलूर, हैलेबिडु और सोमनाथपुरा के होयसला मंदिरों को साल 2022-2023 की विश्व विरासत सूची के लिए भारत के नामांकन के तौर पर शामिल किया गया है। कर्नाटक की इस उपलब्धि पर देश के पूर्व पीएम एच डी देवगौड़ा ने PMO आफिस को पत्र लिखकर खुशी जताई है। उन्होंने इसे कर्नाटक के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि बताया है। बता दें कि, 15 अप्रैल, 2014 से 'सेक्रेड एन्सेम्बल्स ऑफ द होयसला' यूनेस्को की संभावित सूची में शामिल हैं।

पूर्व पीएम एच डी देवगौड़ा ने पत्र में लिखा है कि, हमें गर्व है कि बेलूर, हैलेबिडु और सोमनाथपुरा के होयसला मंदिरों को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों के लिए भारत की ओर से नामांकित कर दिया गया है। मैं कर्नाटक में कला और विरासत के सभी प्रेमियों के मेरे सुझाव को स्वीकार करने के लिए @PMOIndia का तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूं।

दरअसल, केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन विकास मंत्री जी किशन रेड्डी ने बताया कि, कर्नाटक के बेलूर, हलेबिड और सोमनाथपुरा के होयसला मंदिरों को साल 2022-2023 के लिए यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों के लिए भारत की ओर से नामांकित कर दिया गया है। यह मंदिर मानव रचनात्मक प्रतिभा के सर्वश्रेष्ठ बिंदुओं का प्रतिनिधित्व करते हैं और हमारे देश की समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के साक्षी हैं। 

इससे पहले, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने भी इस पर खुशी जताई थी। उन्होंने कहा था, वास्तुकला की उत्कृष्टता के इस उत्कृष्ट कार्य को देखा जाना चाहिए। बता दें कि, यूनेस्को में भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने सोमवार को औपचारिक रूप से होयसला मंदिरों का नामांकन विश्व विरासत के निदेशक, लजारे एलौंडौ को सौंप दिया है। पहला कदम वर्ल्ड हेरिटेज सेंटर को डोजियर जमा करना है, जिसके बाद तकनीकी जांच की जाएगी। एक बार सबमिशन हो जाने के बाद यूनेस्को मार्च की शुरुआत तक वापस संचार करेगा। उसके बाद साइट मूल्यांकन सितंबर/अक्टूबर 2022 में होगा और जुलाई/अगस्त 2023 में डोजियर पर विचार किया जाएगा। कर्नाटक के हम्पी और पट्टाडकल पहले से ही यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों में शामिल हैं।