Move to Jagran APP

Karnataka Minorities Reservation: कर्नाटक सरकार का फैसला, अल्पसंख्यकों के लिए चार फीसदी आरक्षण किया खत्म

Karnataka Minorities Reservation कर्नाटक सरकार ने धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण समाप्त करने और इसे राज्य के दो प्रमुख समुदायों के मौजूदा आरक्षण में जोड़ने की घोषणा की है। कर्नाटक में अल्पसंख्यकों के लिए चार फीसदी आरक्षण अब समान रूप से वितरित किया जाएगा

By AgencyEdited By: Mohd FaisalUpdated: Sat, 25 Mar 2023 09:48 AM (IST)
Hero Image
Karnataka Minorities Reservation: अल्पसंख्यकों के लिए चार फीसदी आरक्षण किया खत्म (फाइल फोटो)
बेंगलुरु, एजेंसी। कर्नाटक सरकार ने धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण समाप्त करने और इसे राज्य के दो प्रमुख समुदायों के मौजूदा आरक्षण में जोड़ने की घोषणा की है। इस फैसले के बाद ओबीसी श्रेणी के 2बी वर्गीकरण के तहत मुसलमानों को दिए गए 4 प्रतिशत आरक्षण को अब दो समान भागों में विभाजित किया जाएगा।

4 फीसदी आरक्षण अब समान रूप से किया जाएगा वितरित

दरअसल, कर्नाटक में अल्पसंख्यकों के लिए चार फीसदी आरक्षण अब समान रूप से वितरित किया जाएगा और राज्य के वोक्कालिगा और लिंगायत समुदाय के मौजूदा आरक्षण में जोड़ा जाएगा। वोक्कालिगा और लिंगायत समुदाय के लिए पिछले साल बेलगावी विधानसभा सत्र के दौरान 2सी और 2डी की दो नयी आरक्षण श्रेणियां बनाई गईं थीं।

विधानसभा चुनाव से पहले लिया कैबिनेट ने फैसला

बताते चलें कि कैबिनेट ने धार्मिक अल्पसंख्यकों को ईडब्ल्यूएस श्रेणी के तहत लाने का फैसला किया है। यह फैसला कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले लिया गया है। शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि धार्मिक अल्पसंख्यकों का कोटा समाप्त कर दिया जाएगा और बिना किसी बदलाव के ईडब्ल्यूएस श्रेणी के 10 प्रतिशत पूल के तहत लाया जाएगा।

दो हिस्सों में बांटा जाएगा चार प्रतिशत आरक्षण

सीएम ने बताया कि चार प्रतिशत (अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण) 2सी और 2डी के बीच दो हिस्सों में बांटा जाएगा। वोक्कालिगा और अन्य के लिए चार प्रतिशत आरक्षण बढ़कर छह प्रतिशत हो जाएगा, जबकि वीरशैव पंचमसाली और अन्य (लिंगायत), जिन्हें पांच प्रतिशत आरक्षण मिल रहा था, उन्हें अब सात प्रतिशत मिलेगा। बता दें कि कैबिनेट ने वोक्कालिगा और लिंगायत के लिए क्रमशः 3ए और 3बी श्रेणियों के आरक्षण को समाप्त कर दिया था और पिछले दिसंबर में उनकी जगह 2सी और 2डी की दो नई श्रेणियां बनाई थीं।

कोटा खत्म करने के फैसले का सीएम ने किया बचाव

मुसलमानों के लिए कोटा खत्म करने के फैसले का बचाव करते हुए बोम्मई ने कहा कि धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए कोई संवैधानिक प्रावधान नहीं है। आंध्र प्रदेश में अल्पसंख्यकों के लिए दिए गए आरक्षण को रद्द करने वाले एक अदालत के फैसले का हवाला देते हुए सीएम ने कहा कि भारतीय संविधान के निर्माता बीआर अंबेडकर ने भी कहा था कि आरक्षण जाति के लिए है। हालांकि, हम उस समुदाय को पूरी तरह से नहीं छोड़ सकते हैं।

फैसले पर बोले सीएम बोम्मई

बोम्मई ने धार्मिक अल्पसंख्यकों को कोई समस्या न हो, इस देखते हुए अगर कोई उनके लिए आरक्षण को चुनौती देता है तो हमने एक सक्रिय निर्णय लेने का फैसला किया है। वास्तव में वे बिना किसी बदलाव के ईडब्ल्यूएस समूह के 4 प्रतिशत से 10 प्रतिशत पूल में चले जाएंगे। इसलिए मुसलमानों को तीन आरक्षण श्रेणियों 1, 2A और 2B में बांटा गया है। अत्यंत पिछड़े धार्मिक अल्पसंख्यक, जो पिंजरा, नदाफ, दारोजी, छप्परबंद जैसे मुसलमानों के उप-संप्रदाय हैं और श्रेणी 1 में सूचीबद्ध हैं, वे उसी आरक्षण सूची में रहेंगे।