Cauvery Water-sharing Dispute: कावेरी जल विवाद में कर्नाटक ने SC में दायर किया हलफनामा, तमिलनाडु पर कही यह बात
कावेरी जल बंटवारा विवाद में कर्नाटक सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया। कर्नाटक का कहना है कि राज्य के जलाशयों से प्रति दिन 24 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने का तमिलनाडु का आवेदन इस धारणा पर आधारित है कि यह वर्ष सामान्य वर्षा जल वर्ष है। कर्नाटक का कहना है कि 36.76 टीएमसी जल छोड़ने को लेकर तमिलनाडु के आवेदन का कोई कानूनी आधार नहीं है।
नई दिल्ली, एएनआई। कावेरी जल बंटवारा विवाद में कर्नाटक सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया। कर्नाटक का कहना है कि राज्य के जलाशयों से प्रति दिन 24 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने का तमिलनाडु का आवेदन इस धारणा पर आधारित है कि यह वर्ष सामान्य वर्षा जल वर्ष है।
कर्नाटक सरकार ने अपने हलफनामे में क्या कहा?
कर्नाटक सरकार ने अपने हलफनामे में कहा कि इस साल 25 फीसदी कम बारिश हुई, जिससे जलाशयों में पानी का प्रवाह 42.5% कम रहा। तमिलनाडु की मांग पूरी तरह से गलत है। उसकी मांग इस गलत धारणा पर आधारित है कि यह साल सामान्य बारिश का साल है, जबकि हकीकत में यह संकटग्रस्त साल है।
डीके शिवकुमार ने क्या कहा?
इससे पहले, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि हम राज्य और उसके किसानों के हितों की रक्षा के उद्देश्य से अदालत के समक्ष अपना तर्क रखेंगे। शिवकुमार ने कहा, "हमने सुप्रीम कोर्ट की नई पीठ के समक्ष अपना (राज्य का) पक्ष दाखिल करने के संबंध में चर्चा की है। हमने राज्य और उसके किसानों के हितों की रक्षा के उद्देश्य से कावेरी जल बंटवारे के मुद्दे पर एक अपील दायर की है।"
कावेरी विवाद पर पीठ का गठन करेगा सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह कावेरी नदी जल बंटवारे को लेकर तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच दशकों पुराने विवाद की सुनवाई के लिए एक पीठ का गठन करेगा। तमिलनाडु ने इस सप्ताह की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कर्नाटक को खड़ी फसलों के लिए रोजाना 24,000 क्यूसेक कावेरी पानी छोड़ने का निर्देश देने की मांग की।
मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने कावेरी और महादयी जैसे अंतरराज्यीय नदी विवादों पर चर्चा के लिए बुधवार को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई। बैठक में तमिलनाडु को कावेरी का पानी छोड़े जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में प्रभावी ढंग से कानूनी लड़ाई लड़ने का निर्णय लिया गया।