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SBI-PNB के साथ सभी लेन-देन पर लगी रोक, सरकारी धन का हो रहा था दुरुपयोग? कर्नाटक सरकार ने लिया फैसला

कर्नाटक सरकार ने SBI- PNB के साथ सभी लेन-देन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाए जाने का आदेश दिया है। इस निर्णय के बाद राज्य विभागों को इन बैंकों में अपने अकाउंट को बंद करने और अपनी सेविंग निकालने का निर्देश दिया है। कर्नाटक सरकार ने अपने आदेश में कहा है कि SBI-PNB में कोई सेविंग या निवेश नहीं करेंगे।

By Jagran News Edited By: Nidhi Avinash Updated: Wed, 14 Aug 2024 07:36 PM (IST)
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SBI-PNB के साथ सभी लेन-देन पर लगी रोक (Image: ANI)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक सरकार ने बुधवार को भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और पंजाब नेशनल बैंक (PNB) को लेकर बड़ा फैसला लिया है। इन दोनों बेंकों के साथ सभी लेन-देन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के आदेश दिए गए है। इस निर्णय के बाद राज्य विभागों को इन बैंकों में अपने अकाउंट को बंद करने और अपनी सेविंग निकालने का निर्देश दिया है। 

कर्नाटक सरकार ने क्यों लिया फैसला?

कर्नाटक सरकार ने अपने आदेश में कहा है कि, SBI-PNB में कोई सेविंग या निवेश नहीं करेंगे। बता दें कि सिद्धारमैया सरकार में वित्त विभाग के सचिव डॉ पीसी जाफर ने यह निर्देश जारी किया है। दरअसल, दोनों बेंकों में जमा धन के दुरुपयोग के आरोपों के बीच यह फैसला लिया गया है। सरकार ने कहा कि 'दुरुपयोग की कई बार चेतावनी देने के बावजूद एसबीआई और पीएनबी ने अपनी ओर से कोई कड़े कदम नहीं उठाए। ॉ

आदेश में क्या?

आदेश में कहा गया है, 'राज्य सरकार के विभागों, सार्वजनिक उद्यमों, निगमों, स्थानीय निकायों, विश्वविद्यालयों और अन्य संस्थानों द्वारा भारतीय स्टेट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक में रखे गए खातों को तत्काल बंद किया जाए।  इसके अलावा, इन बैंकों में कोई और जमा या निवेश नहीं किया जाए।'

कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि घोटाला

कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड से जुड़े कथित धन हस्तांतरण घोटाले को लेकर कांग्रेस और विपक्षी भाजपा के बीच चल रही राजनीतिक खींचतान के बीच यह आदेश आया है। कथित घोटाले का खुलासा तब हुआ जब निगम के लेखा अधीक्षक चंद्रशेखर पी ने 26 मई को आत्महत्या कर ली और एक नोट छोड़ गए।

नोट में दावा किया गया है कि निगम के 187 करोड़ रुपए बिना प्राधिकरण के स्थानांतरित कर दिए गए और कुल राशि में से 88.62 करोड़ रुपए अन्य खातों में स्थानांतरित कर दिए गए। इसमें आईटी कंपनियों और हैदराबाद स्थित एक सहकारी बैंक के खाते भी शामिल हैं।

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