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New Year: इस राज्‍य में नए साल का जश्न पड़ेगा फीका! मास्‍क होगा अनिवार्य; लागू होने वाली हैं कोरोना गाइडलाइंस

नए साल के आगमन के बीच कोरोना महामारी के गाइडलाइंस जारी होने की संभावना है। मास्क पहनना लक्षण वाले बच्चों को स्कूल न भेजना सात दिनों के लिए घर में आइसोलेट रहना इसमें शामिल किया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में कुल एक्टिव केसों की संख्या बढ़कर 4170 हो चुकी है । कर्नाटक से 34 मामले महाराष्ट्र से 9 केरल से 6 तमिलनाडु से 4 मामले सामने आए।

By Agency Edited By: Nidhi Avinash Updated: Tue, 26 Dec 2023 11:00 PM (IST)
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इस राज्‍य में नए साल का जश्न पड़ेगा फीका! (Image: AP)
पीटीआई, बेंगलुरु। 2024 के आगमन के साथ ही देशवासियों को कोरोना महामारी से बचके रहना पड़ेगा। कर्नाटक और केरल में कोरोना का JN.1-वैरिएंट तबाही मचा रहा है। यहां तक की दिल्ली और महाराष्ट्र में भी इस वैरिएंट ने दस्तक दे दिया है। आज (25 दिसंबर) को 69 मामले सामने आए है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में कुल एक्टिव केसों की संख्या बढ़कर 4,170 हो चुकी है। कर्नाटक से 34 मामले, महाराष्ट्र से 9, गोवा से 14, केरल से 6, तमिलनाडु से 4 और तेलंगाना से 2 मामले सामने आए।

राज्य में जेएन.1 संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी के बीच कोरोना वायरस पर कर्नाटक सरकार की कैबिनेट उप-समिति ने बड़ा फैसला लिया है। इसमें मास्क पहनना, लक्षण वाले बच्चों को स्कूल न भेजना, सामाजिक दूरी जैसे कोविड संबंधी उचित व्यवहार का पालन करना, सात दिनों के लिए घर में आइसोलेट रहना और संक्रमित मरीजों को छुट्टी देना शामिल है।

इसके अलावा बुजुर्गों के लिए एहतियाती टीका लगाने का भी निर्णय लिया गया है। वहीं, अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों को केंद्र से कॉर्बेवैक्स वैक्सीन की 30,000 खुराकें भी मिलेंगी। कर्नाटक सरकार द्वारा ये गाइडलाइंस नए साल के आगमन के साथ ही जारी कर दिए जाएंगे।

क्या होंगे गाइडलाइंस?

  • सभी को मास्क पहनने की सलाह दी जाएगी।
  • खासकर 60 साल से अधिक उम्र के लोगों और अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को मास्क पहनना अनिवार्य होगा।
  • स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा कि जिन बच्चों में सर्दी, बुखार जैसे लक्षण हैं, उन्हें स्कूल नहीं भेजा जाएगा।
  • होम आइसोलेशन रहना होगा और जरूरत पड़ने पर परीक्षण भी किया जाएगा।

नए साल का जश्न पड़ेगा फीका?

कोविड पर कैबिनेट उप-समिति की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा, 'सरकार नए साल के जश्न और समारोहों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगा रही है, लेकिन भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंस का पालन करने की सलाह दी जाएगी।

कोविड संक्रमित मरीजों को अस्पताल में किया जाएगा भर्ती?

दिनेश गुंडू राव ने बताया कि कोविड से संक्रमित लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं होने पर एक सप्ताह के लिए होम आइसोलेशन में रहना होगा। वे सभी जो होम आइसोलेशन से गुजर रहे हैं और सरकारी और गैर-सरकारी क्षेत्रों में काम कर रहे हैं, उन्हें एक सप्ताह के लिए अनिवार्य अवकाश दिया जाएगा। वहीं, अस्पताल में भर्ती होने वालों को एक सप्ताह के लिए अनिवार्य अवकाश मिलेगा।

अस्पताल में भर्ती रहने की अवधि के लिए विशेष छुट्टी दी जाएगी और इस पर दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे। मंत्री ने दोहराया कि लोगों को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है, लेकिन सतर्क रहने और सावधानी बरतने की जरूरत है। उन्होंने कहा, लोगों की आवाजाही पर कोई प्रतिबंध नहीं है, साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों में लोगों की अब तक कोई स्क्रीनिंग या परीक्षण नहीं किया गया है।

कोविड के 34 मामले

यह कोविड ​​पर कैबिनेट उप-समिति की पहली बैठक थी जिसमें राव के साथ समाज कल्याण मंत्री एचसी महादेवप्पा, चिकित्सा शिक्षा मंत्री शरण प्रकाश पाटिल और उच्च शिक्षा मंत्री एमसी सुधाकर भी शामिल हुए। कर्नाटक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण सेवा विभाग ने सोमवार को कहा कि राज्य में अब तक कोविड ​​-19 के वैरिएंट जेएन.1 के 34 मामले पाए गए हैं, जिनमें तीन मौतें शामिल हैं। कैबिनेट उप-समिति ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कोविड ​​स्थिति पर चर्चा की। राव ने कहा कि जेएन.1 संक्रमण को लेकर घबराने की कोई जरूरत नहीं है।

कैसे बरती जाएगी सावधानी?

दिनेश गुंडू राव ने कहा कि शनिवार से प्रति दिन 5,000 कोविड ​​परीक्षण किए जाएंगे। हालांकि, सोमवार को लगभग 3,200 परीक्षण किए गए। मंत्री ने कहा कि आज परीक्षणों की संख्या 5,000 तक पहुंच जाएगी और आवश्यक किट सभी जिलों और तालुकों को वितरित किए जाएंगे। कर्नाटक में 436 मामलों में से 400 होम आइसोलेशन में हैं, जबकि 36 अस्पताल में हैं और उनमें से केवल 7 आईसीयू में हैं। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन में रहने वालों को ट्रैक किया जाएगा और फॉलो-अप भी किया जाएगा।

राव ने कहा कि सुरक्षा के लिए राज्य के सभी स्वास्थ्य कर्मियों को अनिवार्य रूप से फ्लू के टीके लगाने का भी निर्णय लिया गया है और ये टीके आवश्यकता के आधार पर खरीदे जाएंगे। साथ ही, बेंगलुरु के विक्टोरिया अस्पताल और राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ चेस्ट डिजीज, मेडिकल कॉलेजों के सभी अस्पतालों और सभी जिला अस्पतालों में अलग-अलग कोविड ​​वार्ड स्थापित किए जा रहे हैं।

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