Move to Jagran APP

Karnataka: कर्नाटक हाईकोर्ट ने गर्भवती को गृह नगर में परीक्षा देने की दी अनुमति, मुख्य न्यायाधीश ने फैसले को दी मंजूरी

कर्नाटक हाई कोर्ट ने पहली बार किसी महिला को अपने गृह नगर में ही सिविल जज की मुख्य परीक्षा में बैठने की अनुमति दी है। दरअसल महिला साढ़े आठ माह की गर्भवती है इसलिए वह मंगलुरु से बाहर कहीं परीक्षा देने नहीं जा पाती। हाई कोर्ट ने 57 जजों की भर्ती के लिए इस साल मार्च में परीक्षा आयोजित करने की अधिसूचना जारी की थी।

By Jagran NewsEdited By: Jeet KumarUpdated: Sun, 19 Nov 2023 06:30 AM (IST)
Hero Image
कर्नाटक हाईकोर्ट ने गर्भवती को गृह नगर में परीक्षा देने की दी अनुमति
 पीटीआई, बेंगलुरु। कर्नाटक हाई कोर्ट ने पहली बार किसी महिला को अपने गृह नगर में ही सिविल जज की मुख्य परीक्षा में बैठने की अनुमति दी है। दरअसल, महिला साढ़े आठ माह की गर्भवती है इसलिए वह मंगलुरु से बाहर कहीं परीक्षा देने नहीं जा पाती। हाई कोर्ट ने 57 जजों की भर्ती के लिए इस साल मार्च में परीक्षा आयोजित करने की अधिसूचना जारी की थी।

मुख्य परीक्षा के लिए चुना गया ये स्थान

प्रारंभिक परीक्षा 23 जुलाई, 2023 को आयोजित की गई थी, जिसमें 6,000 से अधिक परीक्षार्थियों में से 1,022 को बेंगलुरु में शनिवार और रविवार को होने वाली मुख्य परीक्षा के लिए चुना गया। दक्षिण कन्नड जिले के मंगलुरु की वकील नेत्रावती को मुख्य परीक्षा के लिए चुना गया था।

महिला स्वास्थ्य कारणों से बेंगलुरु की यात्रा करने में असमर्थ

उन्होंने हाई कोर्ट में एक अनुरोध प्रस्तुत किया कि उन्हें जिले में ही परीक्षा देने की अनुमति दी जाए क्योंकि वह गर्भवती होने के कारण स्वास्थ्य कारणों से बेंगलुरु की यात्रा करने में असमर्थ हैं।

सिविल जज की सीधी भर्ती के लिए गठित हाई कोर्ट की समिति में जस्टिस पीएस दिनेश कुमार, जस्टिस के सोमशेखर, जस्टिस एस. सुनील दत्त यादव, जस्टिस अशोक एस किनागी और जस्टिस एम नागप्रसन्ना शामिल हैं, जिन्होंने नेत्रावती के आवेदन पर विचार करने के बाद उन्हें दक्षिण कन्नड जिले में ही परीक्षा देने की अनुमति दी। मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना बी. वराले ने समिति के फैसले को मंजूरी दे दी है।