'4 जुलाई को शादी का सर्टिफिकेट पेश करें', आरोपी को दुष्कर्म पीड़िता से शादी करने का आदेश; ये है पूरा मामला
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने दुष्कर्म के आरोपी को 18 वर्षीय पीड़िता से विवाह करने के लिए 15 दिन की जमानत दी है। बता दें कि पीड़िता जब 16 वर्ष और 9 महीने की उम्र की थी तब आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म किया था। इसके बाद किशोरी गर्भवती हो गई थी। डीएनए टेस्ट से पुष्टि हो गई है कि दुष्कर्मी का आरोपी व्यक्ति ही बच्ची का बायोलॉजिकल पिता है।
पीटीआई, बेंगलुरू। कर्नाटक हाई कोर्ट ने दुष्कर्म आरोपी को पीड़िता से शादी करने के लिए 15 दिन की जमानत दे दी है। दोनों पक्षों के परिवार इस विवाह के पक्ष में हैं। दरअसल, पीड़िता 18 वर्ष की हुई है और उसने एक बच्चे को जन्म दिया है। बता दें कि पीड़िता जब 16 वर्ष और 9 महीने की उम्र की थी तब आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म किया था। इसके बाद किशोरी गर्भवती हो गई थी।
DNA टेस्ट में सामने आया सच
डीएनए टेस्ट से पुष्टि हो गई है कि दुष्कर्मी का आरोपी व्यक्ति ही बच्ची का बायोलॉजिकल पिता है। इसको देखते हुए अदालत ने याचिकाकर्ता को आदेश दिया है कि वह 3 जुलाई की शाम को हिरासत में वापस आ जाए और 4 जुलाई को अगली सुनवाई में विवाह प्रमाण पत्र पेश करे। अदालत ने कहा कि उसके निर्णय का उद्देश्य बच्चे के हितों की रक्षा करना और युवा मां का समर्थन करना है।
दोनों परिवार विवाह के लिए हुए सहमत
न्यायमूर्ति एम. नागप्रसन्ना ने पिछले शनिवार को आरोपियों की याचिका के जवाब में अंतरिम आदेश जारी किया, जिसमें आरोपों को खारिज करने की मांग की गई थी, क्योंकि दोनों परिवार विवाह को आगे बढ़ाना चाहते थे।क्या है पूरा मामला?
मैसूरु जिले के रहने वाले आरोपी को फरवरी 2023 में लड़की की मां द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद गिरफ्तार किया गया था। आरोपी ने उसकी बेटी का बार-बार यौन उत्पीड़न किया, जो उस समय 16 साल और नौ महीने की थी। उस पर आईपीसी की धारा 376(2)(एन) और पोक्सो अधिनियम, 2012 की धारा 5(एल), 5(जे)(ii) और 6 के तहत आरोप हैं।
परिस्थितियों के मद्देनजर, न्यायमूर्ति नागप्रसन्ना ने युवा मां और बच्चे की नाजुक स्थिति को देखते हुए, उनके भरण-पोषण के लिए विवाह की आवश्यकता पर ध्यान दिया।