Move to Jagran APP

Karnataka: गौरी लंकेश हत्याकांड के आरोपी को कर्नाटक हाई कोर्ट ने दी जमानत, केस में देरी बनी वजह

कोर्ट ने कहा कि पिछले दो वर्षों से अधिक समय से केवल 90 गवाहों से पूछताछ की गई है। यह माना जा सकता है कि मामले की सुनवाई जल्द पूरी नहीं हो सकती।... याचिकाकर्ता पांच वर्षों से अधिक समय से हिरासत में है। कोर्ट ने आगे कहा कि मुकदमा जल्द पूरा नहीं हो सकता है तो यह आरोपी को जमानत देने की अदालत की शक्तियों को बाधित नहीं कर सकता।

By AgencyEdited By: Mohammad SameerUpdated: Fri, 08 Dec 2023 11:17 PM (IST)
Hero Image
गौरी लंकेश हत्याकांड के आरोपी को कर्नाटक हाई कोर्ट ने दी जमानत
पीटीआई, बेंगलुरु। कर्नाटक हाई कोर्ट ने वरिष्ठ पत्रकार और दक्षिणपंथियों की आलोचक रही गौरी लंकेश की हत्या के 11वें आरोपी मोहन नायक एन को जमानत दे दी। नायक के खिलाफ आरोप यह था कि उसने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर गौरी लंकेश की हत्या की साजिश रची थी और इस साजिश को अंजाम देने के लिए उसने रामनगर में एक सुनसान जगह पर किराए का घर लिया था और उसे हमलावरों को किराए पर दिया था।

जिन आधारों पर नायक को जमानत दी गई उनमें से एक मुकदमे में देरी थी। नायक 18 जुलाई, 2018 से हिरासत में हैं।

ज्यादातर गवाहों से नहीं हो सकी पूछताछ

अदालत ने 11.02.2019 को ट्रायल कोर्ट को मुकदमे में तेजी लाने का निर्देश दिया था। हालांकि वर्तमान मामले में 30.10.2021 को आरोप तय किए गए थे लेकिन दो वर्षों से अधिक समय में केवल 90 गवाहों से पूछताछ की गई है। मामले में 400 से अधिक गवाहों से पूछताछ की जानी बाकी है।

एचसी ने अपने फैसले में कहा कि-

भले ही यह मान लिया जाए कि आरोप पत्र में उल्लिखित सभी गवाहों से मामले में पूछताछ नहीं की जा सकती है, फिर भी पिछले दो वर्षों से अधिक समय से केवल 90 गवाहों से पूछताछ की गई है। यह माना जा सकता है कि मामले की सुनवाई जल्द पूरी नहीं हो सकती।... याचिकाकर्ता पिछले पांच वर्षों से अधिक समय से हिरासत में है। जब मुकदमे में अनुचित देरी होती है और रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री से पता चलता है कि मुकदमा जल्द पूरा नहीं हो सकता है, तो यह आरोपी को जमानत देने की इस अदालत की शक्तियों को बाधित नहीं कर सकता है।

यह भी पढ़ेंः Aditya L1 Mission: आदित्य एल1 मिशन के SUIT पेलोड ने कैद की सूर्य की बेहद नजदीक से तस्वीर, आप भी देखें खूबसूरत नजारा