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VIDEO: बेंगलुरु का यह इलाका पाकिस्तान जैसा! कर्नाटक HC के जज की टिप्पणी पर SC ने लिया संज्ञान; पढ़ें पूरा मामला

कर्नाटक हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति वी. श्रीशानंद की टिप्पणी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। न्यायाधीश ने पश्चिमी बेंगलुरु के गोरी पाल्या क्षेत्र की तुलना पाकिस्तान से की है। बीमा से संबंधित एक मामले की सुनवाई के दौरान खुली अदालत में उन्होंने ये टिप्पणी की। न्यायमूर्ति की इस टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट ने आज स्वत संज्ञान लिया है।

By Jagran News Edited By: Piyush Kumar Updated: Fri, 20 Sep 2024 11:53 AM (IST)
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कर्नाटक हाईकोर्ट ने बेंगलुरु के एक इलाके की तुलना पाकिस्तान से की।(फोटो सोर्स: सोशल मीडिया)
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। बेंगलुरु के एक इलाके की कानून-व्यवस्था पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने सवाल खड़े किए हैं। जज साहब को यह तक कहना पड़ गया कि ऐसा लगता है कि यह इलाका भारत में नहीं, बल्कि पाकिस्तान में है।

कर्नाटक हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति वी. श्रीशानंद की टिप्पणी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। न्यायाधीश पश्चिमी बेंगलुरु के गोरी पाल्या क्षेत्र का जिक्र कर रहे थे। बीमा से संबंधित एक मामले की सुनवाई के दौरान खुली अदालत में उन्होंने ये टिप्पणी की।

न्यायमूर्ति की इस टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया है।  5 जजों की बेंच ने HC रजिस्ट्रार से रिपोर्ट मांगी। इस मामले की सुनवाई बुधवार को होगी। 

न्यायमूर्ति ने क्या कहा?

न्यायमूर्ति वी. श्रीशानंद ने कहा, मैसूर रोड फ्लाईओवर पर जाइए। हर ऑटो रिक्शा में 10 लोग होते हैं। यह कानून लागू नहीं होता क्योंकि मैसूर फ्लाईओवर गोरी पाल्या से फूल बाजार तक पाकिस्तान में है, भारत में नहीं। यह हकीकत है। यह हकीकत है। चाहे आप वहां कितने भी सख्त पुलिस अधिकारी क्यों न रखें, उन्हें वहां पीटा ही जाएगा,"

भूमि मालिक की शक्तियों पर सुनवाई कर रहे थे जज साहब

न्यायाधीश ने 28 अगस्त को किराया नियंत्रण अधिनियम से संबंधित सुनवाई के दौरान ये टिप्पणियां कीं। न्यायाधीश लीज समझौते और अधिनियम की धारा 27 (2) (ओ) के तहत भूमि मालिक की शक्तियों पर चर्चा कर रहे थे।

न्यायमूर्ति ने सुनवाई के दौरान कहा,"विदेश में अगर आप 40 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से भी जा रहे हैं, तो पुलिस आकर आपको धीमी लेन में शिफ्ट कर देगी। यहां, आप अपनी स्पीड से चलते हैं, कानून तोड़ते हैं और 304A से बच निकल जाते हैं। आज किसी भी निजी स्कूल में जाएं, आपको हमेशा छात्र स्कूटर चलाते हुए दिखेंगे। प्रिंसिपल कोई कार्रवाई नहीं करते, अभिभावक कोई कार्रवाई नहीं करते।

उन्होंने आगे कहा, "हर दो मिनट में आपको एक ऑटो रिक्शा ऐसे ही लोगों को उतारता हुआ मिलेगा। यही समस्या है। कोई नियम लागू नहीं होता।"

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