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karnataka: 'सड़कों पर सभी का अधिकार, ये सिर्फ स्थानीय लोगों के लिए नहीं', कर्नाटक हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला

कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा है कि किसी भूखंड के डेवलेपर और मालिकों का जमीन पर नियंत्रण छोड़ने के बाद वहां बनी सड़कों पर कोई अधिकार नहीं होगा। कर्नाटक हाईकोर्ट ने एकल जज वाली पीठ के फैसले को बरकरार रखते हुए यह आदेश दिया। एकल जज पीठ ने 29 नवंबर 2022 के अपने फैसले में कहा था कि गेटेड कम्यूनिटी की कोई अवधारणा नहीं है।

By Jagran NewsEdited By: Abhinav AtreyUpdated: Thu, 30 Nov 2023 07:49 PM (IST)
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सड़कों पर सभी का अधिकार, ये सिर्फ स्थानीय लोगों के लिए नहीं- हाई कोर्ट (फाइल फोटो)
जागरण न्यूज नेटवर्क, बेंगलुरु। कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा है कि किसी भूखंड के डेवलेपर और मालिकों का जमीन पर नियंत्रण छोड़ने के बाद वहां बनी सड़कों पर कोई अधिकार नहीं होगा। कर्नाटक हाईकोर्ट ने एकल जज वाली पीठ के फैसले को बरकरार रखते हुए यह आदेश दिया।

एकल जज पीठ ने 29 नवंबर 2022 के अपने फैसले में कहा था कि गेटेड कम्यूनिटी की कोई अवधारणा नहीं है। जमीन का डेवलेपर आम जनता को सड़क का इस्तेमाल करने से नहीं रोक सकता। अपील को खारिज करते हुए खंडपीठ ने कहा कि जब लेआउट को मंजूरी दी गई तो उसमें शर्त थी कि लेआउट में मौजूद सड़कों का रखरखाव नगर निगम करेगा और ये सड़कें सभी आम नागरिकों के इस्तेमाल के लिए होगी।

कुछ मामलों में रियायत दी जा सकती है

हालांकि कुछ मामलों में रियायत दी जा सकती है, लेकिन एक बार सड़कें नगर निगम के नियंत्रण में आएंगी तो फिर डेवलेपर या जमीन के मालिक के पास कोई अधिकार नहीं होगा कि वह आम लोगों को सड़कों के इस्तेमाल के लिए रोक सकें।

उपकार रेजीडेंसेस ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी

उपकार रेजीडेंसेस ने कर्नाटक हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की। यह याचिका श्री लक्ष्मी वेंकटेश्वरा टावर्स के पब्बा रेड्डी कोडांडरामी रेड्डी के खिलाफ दायर की गई थी, जिसमें जमीन के मंजूर नक्शे में जनता को प्रवेश और निकास देने की मांग की गई थी। रेड्डी का कहना है कि यह एक गेटेड कम्यूनिटी है और लेआउट में मौजूद सड़क का इस्तेमाल सिर्फ सोसाइटी के लोग ही कर सकते हैं।

पीठ ने सड़क को आम जनता के लिए खोलने का आदेश दिया

एकल जज पीठ ने अपने आदेश में सड़क को आम जनता के लिए खोलने का आदेश दिया। इस फैसले के खिलाफ रेड्डी ने डिविजन बेंच में अपील की। अब मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना बी. वाराले और जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित की पीठ ने भी एकल जज पीठ के फैसले को बरकरार रखा है।

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