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Twitter को झटका: केंद्र सरकार के खिलाफ याचिका खारिज, कर्नाटक HC ने लगाया 50 लाख का जुर्माना

कर्नाटक हाईकोर्ट ने शुक्रवार को ट्विटर द्वारा फरवरी 2021 और 2022 के बीच केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए दस ब्लॉकिंग आदेशों को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया जिसमें सोशल मीडिया दिग्गज कंपनी को 39 URL हटाने का निर्देश दिया गया था। कोर्ट ने कहा कि ट्विटर कोई किसान या कानून से अपरिचित कोई सामान्य व्यक्ति नहीं है बल्कि एक अरबपति कंपनी है।

By Jagran NewsEdited By: Versha SinghUpdated: Fri, 30 Jun 2023 01:49 PM (IST)
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कर्नाटक हाई कोर्ट से ट्विटर को लगा झटका, केंद्र सरकार के खिलाफ याचिका खारिज
बेंगलुरु (कर्नाटक), एजेंसी। कर्नाटक हाईकोर्ट ने शुक्रवार को ट्विटर  द्वारा फरवरी 2021 और 2022 के बीच केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए दस ब्लॉकिंग आदेशों को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें सोशल मीडिया दिग्गज कंपनी को 39 URL हटाने का निर्देश दिया गया था। कोर्ट ने कहा कि ट्विटर कोई किसान या कानून से अपरिचित कोई सामान्य व्यक्ति नहीं है, बल्कि एक अरबपति कंपनी है।

वहीं, इस मामले में सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि अदालत हमारे पक्ष पर कायम है। उन्होंने कहा कि देश के कानून का पालन किया जाना चाहिए।

न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित की एकल-न्यायाधीश पीठ ने, जिसने फैसले का ऑपरेटिव भाग तय किया, ट्विटर पर 50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया और इसे 45 दिनों के भीतर कर्नाटक राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण को भुगतान करने का आदेश दिया।

ट्विटर पर लगाया 50 लाख रुपये का जुर्माना

जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित ने कहा कि उसने समय पर ब्लॉक करने की केंद्र सरकार की मांगों का पालन नहीं करने का कारण नहीं बताया। फैसले के ऑपरेटिव भागों का उल्लेख करते हुए जस्टिस दीक्षित ने कहा कि वह केंद्र सरकार के रुख से आश्वस्त हैं कि उसके पास न केवल ट्वीट्स को ब्लॉक करने की शक्ति है, बल्कि वह खातों को भी ब्लॉक कर सकती है।

अप्रैल में कर्नाटक हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा फरवरी 2021 और फरवरी 2022 के बीच 39 URL को हटाने के लिए जारी किए गए 10 आदेशों को चुनौती देने वाली ट्विटर की एक याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा था। जिस पर आज अपना फैसला सुनाते हुए याचिका खारिज कर दी और ट्विटर पर ही 50 लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया है।

हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता पर 50 लाख रुपये का फाइन लगाया गया है, जो 45 दिनों के भीतर कर्नाटक राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण, बेंगलुरु को देय होगा। यदि ये रकम देने में देरी होती है तो इस पर प्रति दिन 5,000 रुपये का अतिरिक्त शुल्क लगता है।

ट्विटर ने क्या कहा था?

ट्विटर ने इस मामले में तर्क दिया था कि केंद्र सरकार को सोशल मीडिया खातों को ब्लॉक करने के लिए सामान्य आदेश जारी करने का अधिकार नहीं था और आदेशों में ऐसे कारण होने चाहिए जो उपयोगकर्ताओं को बताए गए हों। केंद्र सरकार ने कोर्ट के सामने अपनी दलील रखते हुए कहा था कि भारत की संप्रभुता या सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा होने पर ही सरकार हस्तक्षेप करेगी। सरकार की ओर से बंद लिफाफों में रोक लगाने के आदेश भी हाई कोर्ट को सौंपे गए थे।