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कर्नाटक हिजाब मामले पर फैसला सुनाने वाले सभी जजों को वाई श्रेणी की सुरक्षा, जान से मारने की मिली थी धमकी

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने आज तीनों जजों को वाई श्रेणी की सुरक्षा देने का ऐलान किया। उन्होंने साथ ही बताया कि राज्य के डीजी और आईजी को जजों को जान से मारने की धमकी की जांच का आदेश भी दे दिया गया है।

By Mahen KhannaEdited By: Published: Sun, 20 Mar 2022 12:39 PM (IST)Updated: Sun, 20 Mar 2022 03:01 PM (IST)
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई मीडिया को जानकारी देते हुए। (फाइल फोटो)

बेंगलुरु, एएनआइ। हिजाब मामले में फैसला सुनाने वाले कर्नाटक हाई कोर्ट (Karnataka High Court) के जजों को वाई श्रेणी की सुरक्षा (Y category security) दी गई है। राज्य सरकार ने यह फैसला जजों को मिल रही धमकी के बाद लिया है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने आज कहा कि हमने हिजाब पर फैसला देने वाले तीनों जजों को वाई श्रेणी की सुरक्षा देने का फैसला किया है। उन्होंने साथ ही बताया कि डीजी और आईजी को विधानसौधा पुलिस स्टेशन में दर्ज शिकायत की गहन जांच करने का निर्देश दिया गया है जिसमें कुछ लोगों द्वारा जजों को जान से मारने की धमकी की बात कही गई है।

— ANI (@ANI) March 20, 2022

वीडियो से धमकी की बात आई सामने

बता दें कि तमिलनाडु के मदुरैई में एक वीडियो सोशल मीडिया में पर वायरल हो रहा था जिसनें तमिलनाडु तौहीद जमात के सदस्य कोवई रहमतुल्लाह कथित तौर पर यह कहते हुए सुनाई दे रहे थे कि झारखंड में मॉर्निंग वॉक के दौरान गलत फैसला देने वाले जज की हत्या हो गई है। जज को अप्रत्यक्ष तौर पर धमकी देते हुए वीडियो में कहा गया है कि हमारे समाज में कुछ लोग भावनाओं में बहके हुए हैं। वीडियो में आगे कहा गया है कि इन जजों के साथ अगर कुछ गलत होता है तो वो इसके जिम्मेदार नहीं होंगे।

कोर्ट ने यह सुनाया था फैसला

बता दें कि कर्नाटक में इसी साल जनवरी में हिजाब को लेकर विवाद छिड़ा है। इस विवाद की शुरूआत उस समय हुई जब उडुपी के एक सरकारी कालेज में छात्राओं को हिजाब पहनने से रोका गया और उन्हें कालेज में आने नहीं दिया गया। इसके बाद इन छात्राओं ने कर्नाटक हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। 

इसपर कोर्ट ने छात्राओं की याचिका को खारिज कर दी और अपने फैसले में कहा कि हिजाब धर्म का अनिवार्य हिस्सा कभी नहीं रहा है। स्कूल और कालेज में छात्रों को यूनिफार्म पहनना ही होगा और इस्लाम में भी हिजाब पहनना अनिवार्य नहीं है।


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