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Karnataka: बिजली की कमी से जुझ रहा राज्य, बाहरी स्रोतों से बिजली खरीदने पर विचार कर रही है कर्नाटक सरकार

सिद्धारमैया ने मीडिया से कहा कि बिजली उत्पादन में गिरावट आ रही है जबकि मांग बढ़ रही है। पिछले साल राज्य ने 900 मेगावाट का उपयोग किया था लेकिन इस साल मांग बढ़कर 1500-1600 मेगावाट हो गई है। बाहरी स्रोतों से बिजली खरीद की संभावना पर चर्चा के लिए एक बैठक आयोजित होगी। कर्नाटक राज्य पानी की कमी से जूझ रहा है जिससे बिजली की आवश्यकता और बढ़ गई है।

By AgencyEdited By: Shalini KumariUpdated: Fri, 13 Oct 2023 04:54 PM (IST)
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बिजली आपूर्ति पर चर्चा करने के लिए आयोजित होगी बैठक
एएनआई, बेंगलुरु। राज्य में बिजली उत्पादन में काफी गिरावट देखी जा रही है। इस बात की ओर इशारा करते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुक्रवार को कहा कि बाहरी स्रोतों से बिजली खरीदने की संभावना पर चर्चा के लिए एक बैठक आयोजित की जाएगी।

बिजली आपूर्ति पर चर्चा करने के लिए होगी बैठक

सिद्धारमैया ने मीडिया से कहा, "बिजली उत्पादन में गिरावट आ रही है, जबकि मांग बढ़ रही है। पिछले साल राज्य ने 900 मेगावाट का उपयोग किया था, लेकिन इस साल मांग बढ़कर 1500-1600 मेगावाट हो गई है।  बाहरी स्रोतों से बिजली खरीद की संभावना पर चर्चा के लिए एक बैठक आयोजित की जाएगी। बिजली अभी भी आपूर्ति की जा रही है और पूर्ण लोड शेडिंग नहीं हुई है। बैठक के दौरान तीन चरण प्रणाली में सात घंटे बिजली प्रदान करने की संभावना पर चर्चा की जाएगी।"

भाजपा के आरोपों से किया बचाव

भाजपा के आरोपों के जवाब में, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सरकार के कार्यों का बचाव करते हुए कहा कि अपर्याप्त वर्षा के कारण सूखे की स्थिति में सभी एहतियाती कदम उठाना चुनौतीपूर्ण है। इस बीच कर्नाटक राज्य भी पानी की गंभीर कमी से जूझ रहा है, जिससे बिजली की आवश्यकता और बढ़ गई है। जब 2023 के लिए दक्षिण-पश्चिम मानसून का मौसम 30 सितंबर को समाप्त हुआ, तो 1 जून से 30 सितंबर तक राज्य में वर्षा 642 मिमी थी, जबकि सामान्य वर्षा 852 मिमी थी और कमी 25% थी।

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सबसे कमजोर मानसून वाला क्षेत्र घोषित

आईएमडी के मुताबिक, सभी 31 जिलों में लंबी अवधि के औसत से कम बारिश हुई, जिससे राज्य सूखे की चपेट में आ गया। मलनाड जिलों में 39% की कमी देखी गई, जबकि दक्षिण आंतरिक कर्नाटक क्षेत्रों में 27% की कमी थी। तटीय क्षेत्र और उत्तरी आंतरिक कर्नाटक में 19% की कमी है, जिसे हाल के वर्षों में सबसे कमजोर मानसून में से एक माना गया है।

न्यूनतम से कम वर्षा वाले क्षेत्र

कर्नाटक राज्य प्राकृतिक द्वारा अद्यतन किए गए वर्षा आंकड़ों के मुताबिक, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक के 11 जिलों में सामान्य 369 मिमी के मुकाबले 271 मिमी बारिश हुई थी। आपदा निगरानी केंद्र (केएसएनडीएमसी) के मुताबिक, उनमें से सबसे बुरी तरह प्रभावित हुए क्षेत्रों में रामनगर, चित्रदुर्ग, दावणगेरे, चामराजनगर, मैसूर और मांड्या शामिल हैं। 

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