कर्नाटक के मांड्या शहर के श्रीरंगपटना जिले में शनिवार सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक धारा 144 लागू कर दी गई है। ऐसा विहिप के श्रीरंगपटना चलो आह्वान को देखते हुए किया गया है। मौके पर भारी पुलिसबल की तैनाती की गई है।
By Achyut KumarEdited By: Updated: Sat, 04 Jun 2022 12:26 PM (IST)
बेंगलूरु, एएनआइ। कर्नाटक (Karnataka) के मांड्या (Mandya) जिले के श्रीरंगपटना (Srirangapatna) शहर में सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी गई है। यह शनिवार सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक लागू रहेगा। यह कदम विश्व हिन्दू परिषद (VHP) के आज के 'श्रीरंगपटना चलो (Srirangapatna Chalo)' के आह्वान को देखते हुए उठाया गया है।
विहिप के आह्वान को देखते हुए 500 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। चार चेक पोस्ट लगाए गए हैं। एसपी एन यतीश की मौजूदगी में रूट मार्च भी निकाला गया। वहीं, इन सबके बावजूद हिंदू संगठनों के सदस्य मांड्या जिले के श्रीरंगपटना शहर में किरंगुर जंक्शन पर इकट्ठा होना शुरू हो गए हैं। उन्होंने आज यहां जामिया मस्जिद तक मार्च निकालने का आह्वान करते हुए कहा था कि वे मस्जिद में प्रवेश करेंगे और वहां पूजा करेंगे।
आज नहीं लगेगा बाजारडिप्टी कमिश्नर अश्वथी एस ने बताया कि आमतौर पर हर शनिवार को लगने वाला साप्ताहिक बाजार आज नहीं लगेगा। उन्होंने कहा कि आज श्रीरंगपटना की 5 किलोमीटर की सीमा में शराब बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
मस्जिद रोड बंदडिप्टी कमिश्नर ने कहा, 'आज मस्जिद रोड को बंद कर दिया गया है। लोगों को मस्जिद में जाने की इजाजत नहीं है। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाये गए हैं। संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए विशेष टीम का गठन किया गया है।'अप्रिय घटना को रोकने के लिए सुरक्षा के पर्याप्त बंदोबस्तमांड्य एसपी ने कहा कि तालुक प्रशासन द्वारा लगाए गए निषेधाज्ञा की वजह से श्रीरंगपटना नगर पंचायत सीमा में रैलियों/जुलूसों/विरोधों की अनुमति नहीं है। इस आदेश को ध्यान में रखते हुए हमने कस्बे और उसके आसपास पर्याप्त बंदोबस्त सुनिश्चित किया है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने पर होगी कानूनी कार्रवाईउन्होंने कहा कि शहर अब पूरी तरह से शांत है। यह आने वाले दिनों में भी ऐसा ही रहेगा। हमने जरूरी इंतजाम कर लिए हैं। हमने अपने जवानों को तैनात किया है, नेताओं से भी बात की है और उन्हें निषेधाज्ञा लागू होने के बारे में बताया है। यदि कोई उल्लंघन किया जाता है, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।क्या है पूरा मामलादरअसल, वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद की तरह ही मांड्या जिले के श्रीरंगपटना स्थित जामिया मस्जिद को लेकर भी विवाद शुरू हो गया है। हिंदू संगठनों का दावा है कि मस्जिद को हनुमान मंदिर के भग्नावशेष पर बनाया गया है। उन्होंने इस मामले में अदालत का दरवाजा खटखटाने की भी बात कही। इस संबंध में हिंदू संगठनों ने मांड्या के डिप्टी कमिश्नर अश्वथी एस को ज्ञापन भी सौंपा और मस्जिद का सर्वे कराने की मांग की।
16 अप्रैल को चर्चा में आई मस्जिदऐसा माना जाता है कि जामिया मस्जिद को मैसूर के पूर्व शासक टीपू सुल्तान ने बनवाया था। यह मस्जिद उस समय चर्चा में आई, जब हिंदू संगठनों ने 16 अप्रैल को हनुमान जयंती के अवसर पर छह लाख मालाधारी श्रद्धालुओं के श्रीरंगपटना पहुंचने का एलान किया था। उन्होंने इसके लिए प्रशासन से इजाजत भी मांगी थी। इससे वहां कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा हो गई थी। मस्जिद समिति ने भी प्रशासन से सुरक्षा प्रदान करने की मांग की थी।
मस्जिद में नहीं है कोई गुंबदजामिया मस्जिद को मस्जिद-ए-आला भी कहा जाता है। यह श्रीरंगपटना किले के अंदर स्थित है। 1786-87 में बनी इस मस्जिद में दो मीनारें हैं, जिन्हें एक ऊंचे चबूतरे पर बनाया गया है। मीनार के प्रत्येक चरण को बालनी अलग करती है। यह मस्जिद दो मंजिला है। इसमें कोई गुंबद नहीं है। यह मस्जिद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के बेंगलूरु सर्कल द्वारा प्रशासित है।