Karnataka: गृह मंत्री जी परमेश्वर ने जताई CM बनने की इच्छा, कहा- मैं चाहता हूं कि मुझे ऐसा सौभाग्य मिले
मध्यावधि परिवर्तन की चर्चा को पर गृह मंत्री जी परमेश्वर ने शुक्रवार को शीर्ष पद पर अपना नाम करने की अपनी इच्छा को लेकर खुलकर बात की और कहा कि अगर किस्मत अच्छी रही तो मैं सीएम बनुंगा। मैं भी चाहता हूं कि मुझे ऐसा सौभाग्य मिले। हालांकि उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि उन्हें कब पदोन्नत किया जा सकता है।
पीटीआई, बेंगलुरु। हाल ही में सीएम सिद्धारमैया ने दावा किया था कि वह अगले पांच सालों तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने रहेंगे, इस पर गृह मंत्री जी परमेश्वर ने अपनी टिप्पणी दी है। दरअसल, मध्यावधि परिवर्तन की चर्चा को पर गृह मंत्री जी परमेश्वर ने शुक्रवार को शीर्ष पद पर अपना नाम करने की अपनी इच्छा को लेकर खुलकर बात की और कहा कि अगर किस्मत अच्छी रही तो मैं सीएम बनुंगा।
भविष्य में कुछ भी हो सकता है
परमेश्वर सहकारिता मंत्री के एन राजन्ना की उन्हें किसी दिन मुख्यमंत्री के रूप में देखने की इच्छा पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जब उन्होंने अपनी इच्छा व्यक्त की। तुमकुरु जिला मुख्यालय शहर में एक कार्यक्रम के दौरान राजन्ना ने कहा, "परमेश्वर आज गृह मंत्री हैं, भविष्य में कुछ भी हो सकता है। उनकी किस्मत अच्छी है। मेरा मानना है कि आने वाले दिनों में उन्हें मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य प्राप्त होगा। हम भाग्य को पूरक करने के लिए काम करेंगे। इसके बारे में कोई संदेह नहीं है।"
मुझे ऐसा सौभाग्य मिले
राजन्ना ने कहा, "अगर परमेश्वर मुख्यमंत्री बनते हैं, तो हम सभी को मुख्यमंत्री बनने का एहसास होगा।" कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष परमेश्वर ने कहा, "मैं राजन्ना का आभारी हूं। मैं भी चाहता हूं कि मुझे ऐसा सौभाग्य मिले।"
हालांकि, उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि उन्हें कब पदोन्नत किया जा सकता है। उन्होंने कहा, "कई योग्य उम्मीदवार हैं, जो सीएम बन सकते हैं। सभी को मौका मिलना चाहिए।" उन्होंने इस बात से इनकार किया कि जब सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार तुमकुरु में उनके घर आए थे, तो इस मुद्दे पर कोई चर्चा हुई थी।
दिल्ली में बैठे लोग करते हैं तय
इस बीच, मीडिया से बात करते हुए, कर्नाटक के आईटी-बीटी मंत्री प्रियांक खरगे ने कहा कि नेतृत्व परिवर्तन का मुद्दा दिल्ली में चार लोग तय करते हैं। खरगे ने कहा, "जैसा कि मैंने कहा है कि दिल्ली में चार लोग एक साथ बैठते हैं, जो निर्णय लेते हैं। उन चार लोगों को छोड़कर जो भी बात करेगा, उसका कोई मूल्य नहीं है।अगर आलाकमान कहेंगे कि मैं मुख्यमंत्री हूं, तो मैं इसके लिए 'हां' कहूंगा।"
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ऐसी चर्चा का क्या फायदा
उप मुख्यमंत्री डी के शिवकुमार के भाई और लोकसभा सदस्य डी के सुरेश ने कहा कि जब मुख्यमंत्री का पद खाली नहीं है, तो अटकलों पर चर्चा करने का कोई मतलब नहीं है। सुरेश ने कहा, "सिद्धारमैया मुख्यमंत्री हैं। सीएम पद खाली नहीं है। जब पद खाली हो तो इस बात पर चर्चा होनी चाहिए। ऐसी बातचीत का क्या फायदा?"
उन्होंने कहा कि कर्नाटक के लोगों ने राज्य पर शासन करने के लिए कांग्रेस को पांच साल दिए हैं। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री शिवकुमार का लक्ष्य सरकार का सुचारू कामकाज सुनिश्चित करना है।
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