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Republic Day: नारी शक्ति, सैन्य पराक्रम के साथ सांस्कृतिक वैभव की छटाओं से गुलजार हुआ कर्तव्य पथ, धरती से आसमां तक दिखा भारत का लोहा

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के कर्तव्य पथ पर राष्ट्रध्वज फहराने के बाद गणतंत्र दिवस परेड के इस रोमांच का समारोह के मुख्य अतिथि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रां ने भी लुत्फ उठाया। समारोह की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने में राष्ट्र का नेतृत्व किया। पीएम मोदी पीली पगड़ी पहने हुए थे जो श्रीराम का भी रंग माना जाता है।

By Sanjay Mishra Edited By: Sonu Gupta Updated: Fri, 26 Jan 2024 10:00 PM (IST)
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75वें गणतंत्र दिवस समारोह में नारी शक्ति का लहराया परचम।
संजय मिश्र, नई दिल्ली। कर्तव्य पथ 75वें गणतंत्र दिवस के मौके पर तीनों सेनाओं के संयुक्त सैन्य पराक्रम और नारी शक्ति स्वाभिमान के अलग-अलग स्वरूपों के साथ देश के गौरवशाली सांस्कृतिक वैभव से गुलजार हुआ। तिरंगे को दी गई 21 तोपों की सलामी की गूंज, भारतीय शास्त्रीय वाद्य यंत्रों से निकले नादस्वरम सुर संगीत से निकले आह्वान और वायुसेना के लड़ाकू विमानों की आकाशीय गर्जनाओं ने अब तक के भारतीय गणतंत्र के मजबूत सफर के रंगों के रोमांच की छटा बिखेरी।

कर्तव्य पथ पर महिलाओं ने दिखाया हैरतअंगेज करतब

सैन्य पराक्रम और समृद्ध सांस्कृतिक विविधता के अनूठे संगम के बीच देश की नारी शक्ति के उत्थान को रेखांकित करते भारतीय गणतंत्र में स्वदेशी क्षमताओं से आत्मनिर्भरता के उभरते स्वरूपों की झलक भी दिखाई पड़ी। गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार नारी शक्ति की इतनी बड़ी भागीदारी हुई कि परेड की शुरुआत 100 से अधिक महिला कलाकारों द्वारा करने से केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की महिला ब्रिगेड के महिला मोटरसाइकिल दस्ते के हैरतअंगेज करतबों ने कर्तव्य पथ पर मौजूद लोगों की धड़कनें बढाते हुए परेड के रोमांच को शिखर पर पहुंचा दिया।

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रां थे मुख्य अतिथि

 राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के कर्तव्य पथ पर राष्ट्रध्वज फहराने के बाद गणतंत्र दिवस परेड के इस रोमांच का समारोह के मुख्य अतिथि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रां ने भी लुत्फ उठाया। समारोह की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इंडिया गेट स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने में राष्ट्र का नेतृत्व किया। पीएम मोदी पीली पगड़ी पहने हुए थे जो श्रीराम का भी रंग माना जाता है। इसके बाद सलामी मंच पहुंचे प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति राष्ट्रपति मुर्मू और राष्ट्रपति मैक्रां का स्वागत किया।

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पारंपरिक बग्गी में कर्तव्य पथ पर पहुंचे दोनों राष्ट्रपति

राष्ट्रपति के अंगरक्षक की भारतीय सेना की सबसे पुरानी रेजिमेंट के साथ दोनों राष्ट्रपति 'पारंपरिक बग्गी' में कर्तव्य पथ पहुंचे और 40 वर्षों के अंतराल के बाद इस प्रथा की वापसी हुई। सैन्य परेड के साथ तीनों सेनाओं की सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति को सलामी देने की शुरुआत परेड कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल भवनीश कुमार, जनरल ऑफिसर कमांडिंग, दिल्ली एरिया ने की।

फिर परमवीर चक्र और अशोक चक्र जैसे सर्वोच्च वीरता पुरस्कारों से सम्मानित सैन्यकर्मियों ने सलामी दी। जब फ्रांस के सैनिकों का दल मार्च पास्ट में अपने बैंड दस्ते की मधुर धुनों के साथ सलामी मंच के सामने आया तो दर्शकों ने इसका उत्साह के साथ स्वागत किया।

दो राफेल लड़ाकू विमानों दिया दोनों देशों के बीच दोस्ती का पैगाम

फ्रांसीसी वायुसेना के मल्टी-रोल टैंकर परिवहन विमान और दो राफेल लड़ाकू विमानों ने इसी समय कर्तव्य पथ पर उड़ान भरते हुए जमीन से आकाश तक भारतीय गणतंत्र और फ्रांस के बीच गहरी दोस्ती का पैगाम दिया। इसके बाद भारतीय सेना की अलग-अलग टुकड़ियों ने राष्ट्रपति को सलामी दी, जिसमें पहली बार तीनों सेनाओं के संयुक्त महिला सैनिकों का दल भी था। इसी तरह वायुसेना, नौसेना और थल सेना के महिला दस्तों के साथ-साथ सेनाओं की नर्सिंग यूनिट की महिला अधिकारियों ने भी सलामी मार्च के दौरान अपनी छाप छोड़ी।

केसरिया रंग के साफे में नजर आए पीएम मोदी

 सेना की एकमात्र अश्वारोही टुकड़ी 61 कैवेलरी और बीएसएफ के उंट दस्ते की परेड ने भी सबका ध्यान खींचा। सिर पर केसरिया रंग का साफा पहने पीएम मोदी इस दौरान बीच-बीच में फ्रांसीसी राष्ट्रपति को परेड के पहलुओं से अवगत कराते नजर आए।

 देखने को मिली भारत के सैन्य शक्ति की झलक  

मार्च पास्ट के दौरान कर्तव्य पथ पर भारत के सैन्य शक्ति की झलक देख लोग गौरव की अनुभूति के साथ रोमांचित होते दिखे जब टैंक टी-90 भीष्म, एनएजी मिसाइल सिस्टम, इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल, ऑल-टेरेन व्हीकल, पिनाका, वेपन लोकेटिंग रडार सिस्टम ''स्वाति'', सर्वत्र मोबाइल ब्रिजिंग सिस्टम, ड्रोन जैमर सिस्टम और मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल सिस्टम के उन्हें दीदार हुए।

महिलाओं ने किया नारी शक्ति का प्रदर्शन

सेना, नौसेना और वायुसेना की झांकियों में भी भारत की सैन्य ताकत के कई स्वरूपों ने लोगों को रोमांचित किया तो राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार पाने वाले बहादुर बच्चों की मौजूदगी ने कर्तव्य पथ पर नई पीढ़ी को प्रेरित किया। गणतंत्र दिवस परेड का रोमांच अपने शिखर पर तब पहुंचा जब सीआरपीएफ, बीएसएफ और एसएसबी की महिला कर्मियों ने मोटरसाइकिल प्रदर्शन के दौरान साहसिक करतब दिखा देश की नारी शक्ति के नए मुकाम हासिल करने का संदेश दिया।

260 से अधिक महिला कर्मियों ने लिया भाग

करीब 260 से अधिक महिला कर्मियों ने चंद्रयान, सर्वत्र सुरक्षा, अभिवादन और योग से सिद्धि सहित विभिन्न संरचनाओं के माध्यम से अपनी बहादुरी, वीरता और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया कि पूरा कर्तव्य पथ राजधानी दिल्ली की कड़कड़ाती ठंड के मौसम में भी रोमांच की गर्मी महसूस करने लगा। कई केंद्रीय मंत्रियों से लेकर तमाम वीवीआइपी भी इसे देख अपना जोश नहीं रोक पाए और खड़े होकर तालियां बजाते नजर आए।

भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने दिया शांति का संदेश

बेशक गणतंत्र दिवस समारोह के जश्न को भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों की कर्तव्य पथ के आकाश पर तरह-तरह की अठखेलियों ने रोमांच के शिखर पर पहुंचा दिया। वायुसेना के 54 विमानों और हेलीकॉप्टरों ने लुभावने फ्लाई पास्ट के दौरान युद्ध और शांति के रंगों के आकाश में अद्भुत नजारे पेश किए।

पुराने और आधुनिक विमानों ने दिखाया करतब

पुराने और आधुनिक विमान जैसे लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट ''तेजस'', राफेल, सुखोई-30, मिग-29 अपग्रेड, पी-8आई, जगुआर, डकोटा, डोर्नियर, सी-17, सी-130जे के साथ-साथ लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर ''प्रचंड'', उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर अपाचे तेजस ने नेत्र, वरुण, वज्रांग, त्रिशूल, अमृत, प्रचंड, अर्जन और तंगेल जैसे स्वरूपों की संरचनाओं का प्रदर्शन कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध करते दिया। 75वें गणतंत्र दिवस के इस यादगार समारोह को पूरे देश से बुलाए गए करीब 13,000 विशेष मेहमानों ने देखा।

राम लला की निकली झांकी

इस दौरान 16 राज्यों की कला, संस्कृति, विकास और विरासत को दर्शाती मनोहर झांकियों के साथ कई सरकारी मंत्रालयों की झांकियों ने प्रगति की ओर देश के बढ़ते कदमों से रूबरू कराया। इसमें उत्तर प्रदेश की झांकी ''अयोध्या: विकसित भारत-समृद्ध विरासत'' झांकी का मुख्य फोकस रामलला थे। अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के चार दिन बाद कर्तव्य पथ पर झांकी में भगवान राम का बालक स्वरूप आकर्षण का केंद्र रहा।

झारखंड से लेकर अरुणाचल प्रदेश और मध्यप्रदेश से लेकर तेलंगाना और तमिलनाडु की झांकियों ने भी देश के अलग-अलग हिस्सों के गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत के गौरव की अनुभूति कराई।  

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