The Kashmir Files पर हमवतन फिल्मकार के बिगड़े बोल पर इजरायली राजदूत ने मांगी माफी
भारत में इजरायल के राजूदत गिलोन ने जूरी के प्रमुख लापिड के कश्मीर फाइल्स फिल्म को प्रोपेगेंडा और अश्लील बताए जाने को बताया शर्मनाक कहा लापिड को होना चाहिए शर्मिंदा। वही अनुपम खेर ने कहा कश्मीर का सच कुछ लोगों को पच नहीं रहा यह फिल्म नहीं आंदोलन है।
By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraUpdated: Tue, 29 Nov 2022 09:44 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चर्चित फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' पर भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह की जूरी के प्रमुख नादव लापिड के विवादित बोल पर बवाल बढ़ता देख इजरायली राजदूत ने अपने हम वतन फिल्मकार को तगड़ी फटकार लगाते हुए उनके बयानों की निंदा की और इसके लिए भारत से माफी भी मांगी। भारत-इजराइल के मैत्रीपूर्ण रिश्तों पर इस विवाद का किसी तरह से प्रतिकूल असर न हो इसके मद्देनजर इजरायली राजनयिकों ने न केवल उनके बिगडे बोल को खारिज किया बल्कि यहां तक कहा कि लापिड ने भारतीय संस्कृति में अतिथि को भगवान मानने की परंपरा का असम्मान कर उनको दिए गए आतिथ्य का दुरूपयोग किया।
भाजपा ने भी लापिड को लिया आड़े हाथों
लापिड को इस कृत्य के लिए शर्मिंदा होना चाहिए और माफी मांगना चाहिए। कई प्रमुख फिल्मकारों के अलावा भाजपा ने भी लापिड को आड़े हाथों लेते हुए उनकी तीखी आलोचना की और कश्मीर फाइल्स को कश्मीर की हकीकत का प्रतिबिंब बताया।
इस फिल्म के अभिनेता अनुपम खेर ने भी लापिड के साथ कथित टूल किट गैंग पर निशाना साधते हुए कहा कि कश्मीर फाइल्स एक फिल्म नहीं आंदोलन है और कई लोगों को यह सच पच नहीं रहा है। इजरायली राजदूत ने लापिड पर तीखे वार करते हुए कहा कि एक इंसान के रूप में मुझे शर्म आती है और हम अपने मेजबानों से उनकी उदारता और दोस्ती का इस खराब तरीके से भुगतान करने के लिए माफी मांगना चाहते हैं।
विश्व के प्रसिद्ध फिल्म समारोहों में शुमार किए जाने वाले भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह की अंतर्राष्ट्रीय फिल्मों की जूरी के अध्यक्ष नादव लापिड ने गोवा में सोमवार को समारोह के समापन मौके पर कश्मीर फाइल्स को विश्व प्रतिस्पर्धा खंड में शामिल करने पर सवाल उठाते हुए आलोचना की थी। उन्होंने कहा कि जूरी में हम सभी इस फिल्म से परेशान और हैरान थे। यह हमें एक प्रोपेगेंडा और अश्लील फिल्म की तरह लगी जो इस तरह के प्रतिष्ठित फिल्म समारोह के कलात्मक और प्रतिस्पर्धा वर्ग के लिए अनुपयुक्त थी। इसी साल मार्च में रिलीज हुई यह फिल्म इंडियन पैनोरमा सेक्शन का हिस्सा थी। जूरी प्रमुख के नाते लापिड के बयान न केवल समारोह के आयोजकों को हतप्रभ किया बल्कि सरकार के लिए भी असहज स्थिति पैदा की।
तभी भाजपा आइटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय से लेकर भारतीय सिनेमा जगह के कई लोगों ने लापिड की धज्जियां उड़ानी शुरू कर दी। वैसे भारत में इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन को लापिड के बयान की संवेदनशीलता का अहसास सुबह ही हो गया। उन्होंने श्रृंखलाबद्ध टवीट के जरिए हमवतन फिल्मकार की बखिया उधड़ते राजनयिक डैमेज कंट्रोल शुरू कर दिया।गिलोन ने कहा कि हम हिब्रू में इसे नहीं लिख रहे क्योंकि वे चाहते थे कि भारतीय इसे समझ सकें। राजदूत ने कहा कि लापिड को 'शर्मिंदा' होना चाहिए क्योंकि भारतीय संस्कृति में अतिथि भगवान की तरह होता है और आपने जूरी की अध्यक्षता करने के लिए सम्मान और विश्वास के साथ आतिथ्य का सबसे खराब तरीके से दुरुपयोग किया है। यह फिल्म कश्मीर की संवेदनशीलता को दर्शाता है और हम उनके बयान की निंदा करते हैं।
गिलोन ने कहा कि इजराइल के साथ मैत्री की वजह से भारत ने प्यार का जश्न मनाने के लिए एक इजराइली के रुप में लापिड और देश के राजदूत के रूप में मुझे आमंत्रित किया। मैं कोई फिल्म विशेषज्ञ नहीं हूं, लेकिन मुझे पता है कि ऐतिहासिक घटनाओं का गहराई से अध्ययन करने से पहले उनके बारे में बात करना असंवेदनशीलता है। इशारे में कश्मीर को भारत के लिए एक खुला घाव बताते हुए राजदूत ने कहा कि अभी भी काफी लोग इसकी कीमत चुका रहे हैं। लापिड को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का इस्तेमाल अपने विचारों को थोपने और हताशा जाहिर करने के लिए नहीं करने की नसीहत भी दी।
साथ ही कहा कि भले वे यह सोचकर वापस जाएंगे कि उन्होंने एक बेबाक बयान दिया है मगर हम इजराइल के प्रतिनिधि यहा रहेंगे और आपको इस बहादुरी के बाद हमारे डायरेक्ट मेल बॉक्स देखना चाहिए। इसका टीम पर क्या प्रभाव पड़ सकता है।लापिड के विवादित बोल के बाद इजराइली राजनयिकों को इसके विरोध में मेल और शिकायतें भेजी जा रही है और गिलोन ने इसी ओर इशारा किया। भारत में इजरालय के पूर्व राजदूत डेनियल कार्मन ने भी लैपिड की टिप्पणी की निंदा की तो मुंबई में इजराइली महावाणिज्य दूत ने अभिनेता अनुपम खेर को फोन कर इसके लिए माफी मांगी।