Move to Jagran APP

तेलंगाना में तेलुगु की किताबों को लेकर मचा बवाल, केसीआर को बताया गया मुख्यमंत्री, एससीईआरटी पर उठे सवाल

तेलंगाना में तेलुगू की इस साल की किताबों में प्रस्तावना में मुख्यमंत्री के रुप में के. चंद्रशेखर का नाम लिखा हुआ है जिसके कारण अब सरकार को शर्मिंदगी उठानी पड़ रही है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि पिछले साल की पुरानी प्रस्तावना के साथ तेलुगु की किताबें छात्रों को वितरित की गईं। बीआरएस ने भी मामले को लेकर सरकार पर उठाए सवाल।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Fri, 14 Jun 2024 04:20 PM (IST)
Hero Image
किताबों में प्रस्तावना में मुख्यमंत्री के रुप में के. चंद्रशेखर का नाम लिखा हुआ है। (File Image)
पीटीआई, हैदराबाद। तेलंगाना में तेलुगू की इस साल की किताबों में प्रस्तावना में मुख्यमंत्री के रुप में के. चंद्रशेखर का नाम लिखा हुआ है, जिसके कारण अब सरकार को शर्मिंदगी उठानी पड़ रही है। ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि पिछले साल की पुरानी प्रस्तावना के साथ तेलुगु की किताबें छात्रों को वितरित की गईं।

गर्मी की छुट्टियों के बाद 12 जून को जब नए सत्र की कक्षाएं खुलीं तो कक्षा 1 से 10वीं तक की किताबों में मुख्यमंत्री के रूप में केसीआर का नाम दर्ज था। समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि अधिकारियों ने शुरू में पाठ्यपुस्तकों को वापस करने की मांग की थी, लेकिन अब उन्होंने प्रस्तावना पृष्ठ को (आंतरिक) कवर पेज के पीछे चिपकाने का सुझाव दिया, ताकि पिछली सरकार का संदर्भ दिखाई न दे।

एससीईआरटी पर लापरवाही का आरोप

रिपोर्ट में शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एक विशेष पाठ्यपुस्तक छात्रों को वितरित नहीं की गई, क्योंकि कुछ सुधार किए जाने हैं। इधर, तेलंगाना स्टेट यूनाइटेड टीचर्स फेडरेशन ने शुक्रवार को राज्य सरकार से जांच कराने और त्रुटि के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। फेडरेशन के महासचिव चावा रवि ने आरोप लगाया कि यह त्रुटि राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के अधिकारियों की लापरवाही के कारण हुई। उन्होंने कहा कि सरकार को मामले की जांच कर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।

बीआरएस ने उठाए सवाल

इससे पहले विपक्षी दल बीआरएस ने गुरुवार को सरकारी स्कूल के छात्रों को वितरित की जाने वाली पाठ्यपुस्तकों को कथित तौर पर वापस लेने के लिए कांग्रेस सरकार पर हमला किया, क्योंकि उनमें केसीआर का संदर्भ था। बीआरएस विधायक और पूर्व शिक्षा मंत्री पी सबिता इंद्रा रेड्डी ने पूछा कि क्या किताबें वापस लेना या पन्ने फाड़ देना या उस पर दूसरा पेज चिपका देना उचित है, क्योंकि उनमें केसीआर का नाम था।