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Bikanervala के चेयरमैन Kedarnath Agarwal का निधन, दिल्ली से शुरू किया था अपना व्यावसायिक सफर; खड़ा किया बड़ा साम्राज्य

मिठाई और नमकीन की प्रतिष्ठित चेन बीकानेरवाला के संस्थापक लाला केदारनाथ अग्रवाल का सोमवार को निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे। भारत में बीकानेरवाला की 60 से अधिक दुकानें हैं और यह अमेरिका न्यूजीलैंड सिंगापुर नेपाल और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) जैसे देशों में भी मौजूद है। केदारनाथ अग्रवाल ने अपना व्यावसायिक सफर दिल्ली से शुरू किया था।

By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Mon, 13 Nov 2023 11:31 PM (IST)
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बीकानेरवाला के चेयरमैन केदारनाथ अग्रवाल का निधन

पीटीआई, नई दिल्ली। मिठाई और नमकीन की प्रतिष्ठित चेन बीकानेरवाला के संस्थापक लाला केदारनाथ अग्रवाल का सोमवार को निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे। बीकानेरवाला के चेयरमैन अग्रवाल शुरुआत में पुरानी दिल्ली में भुजिया और रसगुल्ले टोकरी में रखकर बेचते थे। कंपनी ने अपने बयान में कहा कि 'काकाजी' के नाम से प्रसिद्ध केदारनाथ अग्रवाल के निधन से एक युग का अंत हो गया है, जिसने स्वाद को समृद्ध किया है और अनगिनत लोगों के जीवन में अपनी जगह बनाई है।

भारत में बीकानेरवाला की 60 से अधिक दुकानें

भारत में बीकानेरवाला की 60 से अधिक दुकानें हैं और यह अमेरिका, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, नेपाल और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) जैसे देशों में भी मौजूद है।

काकाजी का जाना सिर्फ बीकानेरवाला के लिए क्षति नहीं है। यह पाककला परिदृश्य में एक शून्य है। उनकी दूरदर्शिता और नेतृत्व हमेशा हमारी खानपान यात्रा का मार्गदर्शन करेगा।- श्याम सुंदर अग्रवाल, समूह के प्रबंध निदेशक

केदारनाथ अग्रवाल ने दिल्ली से शुरू किया था अपना व्यावसायिक सफर

केदारनाथ अग्रवाल ने अपना व्यावसायिक सफर दिल्ली से शुरू किया था। उनका परिवार बीकानेर का रहने वाला था और 1905 से वहां उनके परिवार की मिठाई की दुकान थी। उस दुकान का नाम बीकानेर नमकीन भंडार था। अग्रवाल बड़ी महत्वाकांक्षाओं के साथ पिछली सदी के पांचवें दशक में अपने भाई सत्यनारायण अग्रवाल के साथ दिल्ली आ गए।

पीढ़ी-दर-पीढ़ी बढ़ता गया व्यापार

शुरुआत में दोनों भाई भुजिया और रसगुल्ले से भरी बाल्टियां लेकर पुरानी दिल्ली की सड़कों पर इन्हें बेचते थे। हालांकि, अग्रवाल बंधुओं की कड़ी मेहनत और बीकानेर के अनूठे स्वाद को जल्द ही दिल्ली के लोगों के बीच पहचान और स्वीकृति मिल गई। इसके बाद अग्रवाल बंधुओं ने दिल्ली के चांदनी चौक में दुकान शुरू की, जहां उन्होंने अपना पारिवारिक नुस्खा अपनाया, जिसे अब पीढ़ी-दर-पीढ़ी बढ़ाया जा रहा है।