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केरल के सूरमाओं सुरेश गोपी-जॉर्ज कुरियन को कैबिनेट में जगह, दशकों बाद राज्य में भगवा झंडा लहराने का मिला इनाम

भाजपा ने केरल में पहली बार अपना खाता खुलने पर राज्य के अपने दो सूरमाओं को केंद्रीय कैबिनेट में जगह देकर अनुग्रहित किया है। पहले तो सुरेश गोपी हैं जिनकी वजह से केरल में दशकों लंबे संघर्ष के बाद भाजपा को पहली लोकसभा सीट मिली है। दूसरे नेता केरल भाजपा के महासचिव जॉर्ज कुरियन हैं जिन्होंने कड़ी मेहनत के दम पर भाजपा को इस मुकाम तक पहुंचाया है।

By Agency Edited By: Abhinav Atrey Updated: Mon, 10 Jun 2024 06:00 AM (IST)
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एक्शन हीरो गोपी ने दिलाई राज्य में पार्टी को पहली लोकसभा सीट। (फोटो, एक्स)

पीटीआई, तिरुअनंतपुरम। भाजपा ने केरल में पहली बार अपना खाता खुलने पर राज्य के अपने दो सूरमाओं को केंद्रीय कैबिनेट में जगह देकर अनुग्रहित किया है। पहले तो सुरेश गोपी हैं जिनकी वजह से केरल में दशकों लंबे संघर्ष के बाद भाजपा को पहली लोकसभा सीट मिली है। दूसरे नेता केरल भाजपा के महासचिव जॉर्ज कुरियन हैं जिन्होंने संघ के जमाने में 1970 के अंत से लेकर अपनी वफादारी और कड़ी मेहनत के दम पर भाजपा को इस मुकाम तक पहुंचाया है।

भाजपा की स्थापना 1980 में हुई थी, और वह तब से ही पार्टी का अटूट हिस्सा हैं। मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार में केरल से एकमात्र सांसद और मलयाली फिल्मों के एक्शन हीरो सुरेश गोपी ने चुनाव के दौरान विपक्षी दलों के तीखे वार झेलने के बावजूद चार जून को चुनावी नतीजे आने पर राजनीति में अपनी अलग जगह बना ली है। वह भाजपा के टिकट पर त्रिचूर सीट जीतने वाले अकेले सांसद हैं।

केरल में भगवा झंडा लहराकर गोपी ने इतिहास रचा

साल 2024 के लोकसभा चुनाव में केरल में भगवा झंडा लहराकर गोपी ने इतिहास रच दिया है। 250 से अधिक फिल्मों में काम कर चुके सुरेश गोपी का राजनीति में झुकाव उनके करीबी और कांग्रेस नेता के.करुणाकरण के कारण हुआ जो केरल के चार बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इसी वजह से उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ाने और राज्यसभा भेजने की कोशिशें हुईं लेकिन सब नाकाम रहीं।

मोदी को राजनीतिक भगवान मानते हैं गोपी

फिर करुणाकरण सक्रिय राजनीति से बाहर हुए और ओमन चांडी आए तो उनसे भी उनका तालमेल अच्छा रहा। लेकिन राजनीति में उनका पहला कदम 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बुलावे पर ही हुआ। दोनों के बीच अच्छा तालमेल रहा है और एक दशक बाद मोदी ने उन्हें दिल्ली बुला लिया। मोदी को राजनीतिक भगवान मानने वाले गोपी के राजनीतिक कैरियर पर राज्यसभा में उनका कार्यकाल खत्म होने के साथ ही विराम लग गया था क्योंकि वह 2019 में लोकसभा व 2021 में विधानसभा चुनाव हार गए। लेकिन पार्टी के कहे मुताबिक उन्होंने अपने क्षेत्र त्रिचूर में मेहनत जारी रखी।

भाजपा के प्रतिबद्ध कार्यकर्ता हैं जॉर्ज कुरियन

केरल राज्य में हमेशा से वामपंथी दलों और कांग्रेस का राज रहा है। भाजपा नेता जॉर्ज कुरियन केरल के कोट्टयम जिले के रहने वाले हैं। वह भाजपा के प्रतिबद्ध कार्यकर्ता हैं जो कभी किसी और पार्टी से नहीं जुड़े। भाजपा के कई केंद्रीय नेताओं से अच्छे रिश्ते होने के कारण कुरियन को प्रदेश में अहम पद मिलते गए। वह कई सालों तक पार्टी महासचिव और अध्यक्ष के पद पर रहे।

गोविंदाचार्य, प्रमोद महाजन जैसे नेताओं का सानिध्य मिला

उन्हें गोविंदाचार्य, प्रमोद महाजन और वेंकैया नायडु जैसे नेताओं का सानिध्य मिला। पेशे से वकील कुरियन युवा मोर्चा के अध्यक्ष रहने के साथ ही वह राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य नियुक्त हो चुके हैं। उन्होंने प्रदेश में भाजपा की ईसाई समुदाय में अच्छी पैठ बनाई है।

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