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Kerala Crime 'डाक्टरों की सुरक्षा नहीं कर सकते तो बंद कर दें अस्पताल', केरल HC ने सरकार और पुलिस को लगाई फटकार

पुलिसकर्मियों ने उसे रोकने की कोशिश की तो उसने उनपर भी हमला बोल दिया। हमले में चार लोग घायल भी हुए हैं। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने घटना को दुखद बताया है। उन्होंने कहा है कि मामले की जांच कराई जाएगी।

By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaUpdated: Thu, 11 May 2023 05:42 AM (IST)
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पांव में लगी चोट, पट्टी कर रही डाक्टर को शिक्षक ने कैंची से गोदकर मार डाला; HC ने लिया संज्ञान
कोल्लम, एजंसी। केरल के कोल्लम स्थित सरकारी अस्पताल में बुधवार तड़के एक स्कूल शिक्षक ने 23 वर्षीय महिला डाक्टर की कैंची से गोदकर हत्या कर दी। उसने वहां मौजूद अन्य लोगों को भी घायल कर दिया। शिक्षक को परिवार के सदस्यों के साथ झगड़े के बाद पुलिस अस्पताल लेकर पहुंची थी। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कहा है कि वंदना दास अजीजिया मेडिकल कालेज अस्पताल में हाउस सर्जन थीं।

वह ट्रेनिंग के दौरान अस्पताल में कार्य कर रही थीं। कोट्टाराक्कारा पुलिस के अधिकारी ने बताया कि आरोपित निलंबित शिक्षक संदीप ने पुलिस को सूचना दी थी कि परिवार के सदस्यों ने उस पर हमला बोल दिया है। उसे बचाया जाए। पुलिस जब वहां पहुंची तो उसने शराब पी रखी थी। झगड़े के दौरान उसका पांव जख्मी हो गया था। पुलिस उसकी पट्टी कराने उसे अस्पताल लेकर पहुंची।

वहां डाक्टर वंदना दास उसकी पट्टी कर रही थीं, तभी उसने कैंची और आपरेशन करने वाले चाकू से उनपर हमला बोल दिया। पुलिसवाले घटना के वक्त कमरे से बाहर थे। घायल डाक्टर जान बचाने के लिए कमरे से बाहर भागी। वह शख्स कैंची लेकर उसके पीछे भाग रहा था।

पुलिसकर्मियों ने उसे रोकने की कोशिश की तो उसने उनपर भी हमला बोल दिया। हमले में चार लोग घायल भी हुए हैं। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने घटना को दुखद बताया है। उन्होंने कहा है कि मामले की जांच कराई जाएगी। आरोपित पर कार्रवाई होगी। ड्यूटी के दौरान किसी भी स्वास्थ्यकर्मी पर हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

डाक्टरों की सुरक्षा नहीं कर सकते तो बंद कर दें अस्पताल

हाई कोर्ट केरल हाई कोर्ट ने बुधवार को डाक्टर की हत्या मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए सरकार और पुलिस को फटकार लगाई है। साथ ही कहा है कि अगर डाक्टरों की सुरक्षा नहीं कर सकते तो अस्पतालों को बंद कर दें। कोर्ट ने राज्य के पुलिस प्रमुख को वर्चुअली पेश होने का भी निर्देश दिया है।

कोर्ट ने कहा कि पुलिस ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए प्रशिक्षित होती है, लेकिन वह युवा डाक्टर को बचाने में असफल रही। यह पूरे सिस्टम की विफलता है। जब पता था कि शख्स सामान्य व्यवहार नहीं कर रहा था, तो उन्हें सतर्क रहना चाहिए था। कोर्ट ने कहा कि कृपया, कम से कम अब डाक्टरों को वीआइपी मानें। वे बहुत महत्वपूर्ण हैं।