Move to Jagran APP

केरल के तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर कल पांच घंटे के लिए उड़ानें रहेंगी बंद, एयरपोर्ट अथॉरिटी ने बताई वजह

Thiruvananthapuram Airport एयरपोर्ट अथॉरिटी ने अधिक जानकारी देते हुए कहा कि इस दौरान संचालित होने वाली घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को पुनर्निर्धारित किया गया है। इस दौरान अल्पासी अराट्टू पर्व के अंतर्गत जुलूस निकलेगा। (फाइल फोटो )

By AgencyEdited By: Dhyanendra Singh ChauhanUpdated: Mon, 31 Oct 2022 12:04 PM (IST)
Hero Image
तिरुवनंतपुरम में हवाई अड्डे के ठीक पीछे है शंकुमुघम समुद्र तट (फाइल फोटो)
तिरुवनंतपुरम, एएनआइ। केरल के तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई (Thiruvananthapuram Airport) अड्डे में मंगलवार को उड़ाने कुछ घंटों के लिए बंद रहेंगी। एयरपोर्ट अथॉरिटी ने जानकारी देते हुए कहा कि मंगलवार को पांच घंटे के लिए उड़ान सेवाओं को स्थगित करने की घोषणा की गई है। एक आधिकारिक बयान में हवाई अड्डे ने कहा कि श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर (Padmanabhaswamy temple) के अलपसी अराट्टू (Alpassi Arattu) जुलूस से पहले 1 नवंबर को सेवाएं निलंबित रहेंगी।

घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को किया गया पुनर्निर्धारित 

एयरपोर्ट अथॉरिटी ने अधिक जानकारी देते हुए कहा कि इस दौरान संचालित होने वाली घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को पुनर्निर्धारित किया गया है। इस दौरान अल्पासी अराट्टू पर्व के अंतर्गत जुलूस निकलेगा। श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर द्वारा सदियों से जारी देवता के स्नान के इस अनुष्ठान को सुचारू रूप से जारी रखने और सुगम बनाने के लिए एयरपोर्ट से उड़ान सेवाएं निलंबित रहेंगी।

यह भी पढ़ें : Banglore Pothole: बेंगलोर के गड्ढों ने ली युवा की जान, कार चालक ने बाइक को मारी टक्कर, पीछे बैठे सवार की मौत

हजारों सालों से जारी है ये पूजा

सदियों पुराने विष्णु मंदिर का प्रबंधन पारंपरिक रूप से मंदिर के वारिस त्रावणकोर के पूर्व शासक मार्तंड वर्मा के परिजनों द्वारा 1,000 से अधिक सालों से जारी है।

हर साल बंद होती हैं उड़ानें

हवाईअड्डा हर साल पारंपरिक अराट्टू जुलूस (अराट्टू- देवता के परंपरागत स्नान) के समय अपनी उड़ान सेवाओं को निलंबित कर देता है। इस जुलूस के दौरान भगवान विष्णु की मूर्ति को शंकुमुघम समुद्र तट पर ले जाया जाता है, जो तिरुवनंतपुरम में हवाई अड्डे के ठीक पीछे है। इस अवसर पर देवता को साल में दो बार 'पवित्र डुबकी' दी जाती है।

यह भी पढ़ें : Karnataka: भगत सिंह को फांसी के सीन का रिहर्सल कर रहा था बच्चा, फंदे से लटककर हुई मौत

साल में दो बार होता है यह उत्सव

द्वि-वार्षिक उत्सव के लिए एयरपोर्ट को बंद करने से पहले एयरमेन को नोटिस (NOTAM) जारी की जाती है। यह उत्सव साल में दो बार मनाया जाता है। साल के शुरुआत में पहला उत्सव मार्च और अप्रैल के बीच होता है। इसके बाद अक्टूबर और नवंबर के आस-पास यह उत्सव मनाया जाता है।

समुद्र तट पर डुबकी लगाने के बाद निकाला जाता है जुलूस

जुलूस के दौरान गरुड़ वाहन में पुजारी सैकड़ों लोगों और चार हाथियों के साथ समृद्ध सजावटी आवरणों के साथ, देवताओं पद्मनाभस्वामी, नरसिम्हा मूर्ति और कृष्ण स्वामी के उत्सव विग्रह को ले जाते हैं और इस लंबे रनवे से शंकुमुघम बीच तक चलते हैं। इस समुद्र तट में डुबकी लगाने के बाद मूर्तियों को पारंपरिक मशालों के साथ जुलूस के साथ मंदिर में वापस ले जाया जाएगा, जो इस त्योहार के समापन का प्रतीक है।