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निपाह वायरस के कहर से केरल सरकार सतर्क, आज से घर-घर जाकर होगी जांच; कर्नाटक में भी अलर्ट जारी

निपाह वायरस जानवरों के जरिए इंसानों में बड़ी तेजी से फैलता है। यह एक वायरल संक्रमण है जिसका परिणाम काफी गंभीर हो सकता है। इससे बचने के लिए फिलहाल कोई इलाज देश में मौजूद नहीं है। ऐसे में इससे बचने के लिए सावधानी ही एकमात्र उपाय है।

By Neel RajputEdited By: Updated: Tue, 07 Sep 2021 10:40 AM (IST)
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आठ लोगों के 24 सैंपल भेजे गए नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी
तिरुअनंतपुरम, एएनआइ। कोरोना वायरस के बाद केरल निपाह वायरस के कहर से जूझ रहा है। इससे निपटने के लिए राज्य सरकार काफी सतर्क हो गई है। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जार्ज ने बताया कि आठ लोगों के 24 सैंपल टेस्टिंग के लिए पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी को भेजे गए हैं। उन्होंने बताया कि अब और सैंपलों की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि हमने फील्ड सर्विलांस शुरू कर दिया है और आज से कंटेनमेंट जोन में घर-घर जाकर लोगों की जांच की जाएगी। बता दें कि कोझिकोड में पिछले दिनों निपाह वायरस के कारण एक 12 वर्षीय बच्चे की मौत हो गई थी, जिसके बाद राज्य सरकार काफी सतर्क हो गई है।

कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ में भी अलर्ट जारी

केरल में निपाह वायरस के कहर को देखते हुए कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। जिले के डिप्टी कमीश्नर केवी राजेंद्र ने अलर्ट जारी करते हुए लोगों से सावधानी बरतने को कहा है और स्वास्थ्य विभाग से एहतियाती उपाय करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि दक्षिण कन्नड़ की सीमा केरल से लगती है और यहां से काफी लोग नौकरी और शिक्षा के लिए आते हैं। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने विशेषज्ञों को निर्देश दिए हैं कि निपाह वायरस को लेकर अध्ययन कर इससे निपटने के तरीके के बारे में अपने सुझाव दें।

सावधानी ही बचाव

बता दें कि निपाह वायरस जानवरों के जरिए इंसानों में बड़ी तेजी से फैलता है। यह एक वायरल संक्रमण है जिसका परिणाम काफी गंभीर हो सकता है। इससे बचने के लिए फिलहाल कोई इलाज देश में मौजूद नहीं है। ऐसे में इससे बचने के लिए सावधानी ही एकमात्र उपाय है। इसकी वैक्सीन बनाने के लिए दुनियाभर के वैज्ञानिक कड़ी मेहनत कर रहे हैं।