विरोध कर रहे छात्रों को केरल के राज्यपाल ने दिया जवाब, आप मुझे बोलने से नहीं रोक सकते
विरोध करने वाले छात्रों में दिल्ली के जामिया मिलिया अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जेएनयू के कुछ छात्र भी शामिल थे।
By Manish PandeyEdited By: Updated: Sat, 28 Dec 2019 09:02 PM (IST)
कन्नूर, पीटीआइ। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Arif Mohammed Khan) को भारतीय इतिहास कांग्रेस (Indian History Congress) में बोलने से रोकने की कोशिश की गई। कुछ प्रतिनिधियों और छात्रों ने उनका विरोध किया। विरोधियों को जवाब देते हुए खान ने कहा कि उन्हें बोलने से कोई नहीं रोक सकता। भाजपा (BJP) ने इसे सरकार प्रायोजित विरोध बताया है।
कन्नूर विश्वविद्यालय में आयोजित समारोह में आरिफ मोहम्मद खान मुख्य अतिथि थे। उनसे पहले कांग्रेस को संबोधित करते हुए माकपा के राज्यसभा सदस्य केके रागेश और इतिहासकार इरफान हबीब ने नागरिकता संशोधन कानून का मुद्दा उठाया था।आरिफ खान ने जब इस मुद्दे पर दोनों द्वारा उठाए गए मुद्दे पर जवाब देना शुरू किया तो वहां बैठे कुछ प्रतिनिधियों और छात्रों ने उनका विरोध शुरू कर दिया। इस पर राज्यपाल ने कहा, 'आपको विरोध करने का पूरा हक है। लेकिन आप मुझे बोलने से नहीं रोक सकते।' आरिफ खान बार-बार यह शब्द दोहराते रहे, लेकिन विरोध शांत नहीं हुआ।
WATCH: Kerala Governor Arif Mohammed Khan responds to heckling by historian Irfan Habib while Khan was delivering his inaugural address at the 80th Indian History Congress at Kannur University, earlier today. pic.twitter.com/tey5LBTptA
— ANI (@ANI) December 28, 2019
बताया जा रहा है कि विरोध करने वाले छात्रों में दिल्ली के जामिया मिलिया, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, और जेएनयू के कुछ छात्र भी शामिल थे। राज्यपाल के खिलाफ कुछ प्रतिनिधियों ने नारे भी लगाए। बाद में पुलिस ने विरोध करने वाले छात्रों और प्रतिनिधियों को बाहर निकाला। इससे पहले राज्यपाल के समारोह में पहुंचने पर काला झंडा दिखाने पर पुलिस ने कांग्रेस समर्थक और यूथ कांग्रेस के 12 कार्यकर्ताओं और मुस्लिम स्टूडेंट फ्रंट के पांच सदस्यों को हिरासत में लिया।
बाद में आरिफ मोहम्मद खान ने पत्रकारों से कहा कि वह इस मुद्दे पर बोलना नहीं चाहते थे। लेकिन उनसे पहले कुछ वक्ताओं ने सीएए को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन का मुद्दा उठाया तो राज्यपाल के तौर पर उनकी संविधान की रक्षा करने की जिम्मेदारी है, इस नाते उन्हें उन लोगों द्वारा उठाए गए मुद्दे पर स्थिति साफ करने के लिए बोलने के लिए मजबूर होना पड़ा।
आइएचसी के सचिव ने इस घटना पर कहा कि कुछ छात्र और प्रतिनिधि शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने उनके साथ खराब बर्ताव किया। प्रतिनिधियों में शामिल असम निवासी और जेएनयू की प्रतिनिधि मरसी ने कहा, 'उसका राज्य जल रहा है, कश्मीर में सबकुछ बंद पड़ा है..मैं शांत नहीं रह सकती।'
राज्य प्रायोजित विरोध: भाजपाभाजपा महासचिव एमटी रमेश ने राज्यपाल के विरोध को सरकार प्रायोजित करार दिया है। उन्होंने इसकी जांच कराने की मांग की और कहा कि यह राज्यपाल की सुरक्षा में चूक का भी यह मामला है।