विश्वविद्यालय कानून संशोधन बिल पर केरल सरकार और राज्यपाल में ठनी, राज्य सरकार ने कहा- गवर्नर नहीं खारिज कर सकता विधेयक
विश्वविद्यालय कानून संशोधन विधेयक को लेकर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और केरल सरकार के बीच ठन गई है। केरल सरकार का कहना है कि राज्यपाल किसी विधेयक को अनिश्चितकाल तक नहीं नहीं रोक सकता है। पढ़ें यह रिपोर्ट...
By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Mon, 19 Sep 2022 07:03 PM (IST)
कोच्चि, एजेंसी। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और केरल सरकार के बीच विश्वविद्यालय कानून संशोधन विधेयक को लेकर तनातनी बढ़ गई है। केरल सरकार ने राज्य के राज्यपाल पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि एक राज्यपाल विधेयक को रोक सकता है, लेकिन उसे अनिश्चितकाल तक नहीं रोका जा सकता है और न ही राज्यपाल उसे खारिज कर सकता है। केरल के कानून मंत्री पी. राजीव ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा कि संविधान के तहत राज्यपाल किसी बिल को मंजूरी दे सकते हैं।
राज्यपाल को बिल खारिज करने का अधिकार नहीं
पी. राजीव ने कहा- उसे अपने पास रोक सकते हैं या उसे देश के राष्ट्रपति के पास भेज सकते हैं। लेकिन राज्यपाल के पास बिल को खारिज करने का अधिकार नहीं है। उनका यह बयान तब आया है जब पिछले हफ्ते राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि वह हाल में केरल विधानसभा में पारित किए गए विश्वविद्यालय कानून संशोधन विधेयक को पारित होने की अनुमति नहीं देंगे।
अवैध प्रवृत्तियों को कानूनी जामा पहनाने की कोशिश
उन्होंने कहा कि इसके जरिये अवैध प्रवृत्तियों को कानूनी जामा पहनाने की कोशिश हो रही है। साथ ही अयोग्य रिश्तेदारों को मुख्यमंत्री और उनके कैबिनेट सहयोगियों का स्टाफ बनाया जा रहा है। इस बीच, तिरुअनंतपुरम में सोमवार को ही केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने वाम मोर्चा सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाते हुए कहा कि राज्य सरकार राजभवन समेत अपने विरोधियों का मुंह बंद कर रही है।सरकार से हुए पत्राचार का भी ब्योरा दिया
खान ने सत्तारूढ़ एलडीएफ पर चौतरफा हमले करते हुए वर्ष 2019 में एक विश्वविद्यालय में उन पर हमला कराया था। साथ ही, आरोप लगाया कि राज्य में लाटरी और शराब की बिक्री से अधिकाधिक राजस्व आता है। आरिफ मोहम्मद ने एक प्रेस कांफ्रेंस में वर्ष 2019 में कन्नूर विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम में उनके साथ हुई धक्कामुक्की की वीडियो क्लिपिंग मीडिया से साझा करते हुए इस संबंध में सरकार से हुए पत्राचार का भी ब्योरा दिया।इरफान हबीब की भूमिका पर भी उठाए सवाल
उन्होंने वीडियो में सीएम के निजी सचिव केके रागेश और इतिहासकार इरफान हबीब की भूमिका पर भी सवाल उठाया। रागेश ने पुलिस को कार्रवाई करने से रोक दिया था। खान की यह नाराजगी उस समय सामने आई है जब हाल ही में केरल विधानसभा ने एक बिल पारित करके विश्वविद्यालयों के चांसलर के रूप में राज्यपाल की शक्तियों को कम करने का कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विरोधियों के स्वर दबा रही है और इसमें राजभवन को भी बख्शा नहीं गया है।
यह भी पढ़ें- केरल सरकार को नहीं दे सकते कुलपति नियुक्ति का अधिकार: राज्यपाल आरिफ मोहम्मदयह भी पढ़ें- आरिफ मोहम्मद खान बोले- मुझ पर हमले में शामिल शख्स सीएम दफ्तर में कर रहा काम