जस्टिस चंद्रचूड़ बोले, पेपरलेस कोर्ट से देश में सुलभ होगा न्याय, डिजिटल लिट्रेसी के प्रयास तेज करें सरकार
जस्टिस चंद्रूचूड़ ने कहा केरल हाईकोर्ट का ताजा प्रयास सभी नागरिकों को उनके दरवाजे पर न्यायिक सुविधा उपलब्ध कराने वाला है। दूसरे शब्दों में ई-सर्विसेज के जरिये सरकार ने नागरिकों को सरल न्याय की सुविधा उपलब्ध कराई है।
By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Updated: Sat, 01 Jan 2022 07:38 PM (IST)
कोच्चि, प्रेट्र। न्यायालय राज व्यवस्था द्वारा नागरिकों को उपलब्ध कराई गई सुविधा हैं। इनके जरिये नागरिकों को न्याय मिलता है। न्यायपालिका की कार्यप्रणाली को विकेंद्रित करने की दिशा में ई-फाइलिंग और पेपरलेस कोर्ट बड़े कदम हैं। इनसे कार्य की गति बढ़ेगी और आमजन को न्याय भी सुलभ होगा। यह बात सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को केरल में एक कार्यक्रम में कही।
केरल हाईकोर्ट में ई-फाइलिंग, पेपरलेस कोर्ट और ई-आफिस प्रोजेक्ट का उद्घाटन करते हुए जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, दस्तावेजों की ई-फाइलिंग से मुवक्किल और वकील के बीच का संपर्क और मजबूत हुआ है। इसलिए सभी की डिजिटल साक्षरता के लिए राज्य सरकारों को प्रयास तेज करना चाहिए। जस्टिस चंद्रचूड़ ने मुख्यमंत्री से व्यक्तिगत रूप से रुचि लेने का अनुरोध किया। शीर्ष न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश ने कोरोना काल में न्यायिक कार्य के आनलाइन निष्पादन से मिले अनुभवों के आधार पर यह बात कही है। विदित हो कि जस्टिस चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट की न्यायिक कार्यो को आनलाइन करने के लिए बनी ई-कमेटी के प्रमुख हैं।
जस्टिस चंद्रूचूड़ ने कहा, केरल हाईकोर्ट का ताजा प्रयास सभी नागरिकों को उनके दरवाजे पर न्यायिक सुविधा उपलब्ध कराने वाला है। दूसरे शब्दों में ई-सर्विसेज के जरिये सरकार ने नागरिकों को सरल न्याय की सुविधा उपलब्ध कराई है। इससे न्याय की प्रक्रिया का विकेंद्रीकरण हुआ है और न्याय पाना सरल हुआ है। ई-सर्विसेज के चलते वादी, प्रतिवादी और अधिवक्ताओं का कोर्ट में जाने-आने में लगने वाला समय, शक्ति और धन बचेगा। दस्तावेजों की ई-फाइलिंग से निर्धारित प्रारूप पर सारी सूचनाएं भी कोर्ट को समय और स्पष्ट रूप से मिल जाएंगी। ई-फाइलिंग का कार्य घर या कार्यालय से आनलाइन किया जा सकेगा। लेकिन इस सबके लिए हाईस्पीड इंटरनेट के साथ ही डिजिटल लिट्रेसी का विकास जरूरी है। शिक्षा के विकास और साक्षरता के क्षेत्र में केरल ने देश में अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया है। इसलिए केरल को ही डिजिटल लिट्रेसी रेट बढ़ाने की जिम्मेदारी संभालनी चाहिए। कार्यक्रम में शामिल केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने पेपरलेस कोर्ट का उद्घाटन किया, जबकि केरल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एस मणिकुमार ने ई-आफिस का कार्य शुरू करवाया।