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kerala Landslide: मलबे से तक 49 लोगों के शव बरामद, राज्य में भारी बारिश की चेतावनी

केरल सशस्त्र पुलिस के 105 सदस्य स्थानीय पुलिस के 21 सदस्य और रैपिड एक्शन फोर्स के 10 सदस्य भी भूस्खलन के मौके पर मौजूद थे।

By Manish PandeyEdited By: Updated: Mon, 10 Aug 2020 02:57 PM (IST)
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kerala Landslide: मलबे से तक 49 लोगों के शव बरामद, राज्य में भारी बारिश की चेतावनी
इदुक्की (केरल), एएनआइ। केरल के इदुक्की जिले में हुए लैंडस्लाइड में मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 49 हो गया है। आज मलबे से छह और लोगों के शव बरामद किए हैं। इससे पहले रविवार मलबे से 17 लोगों के शव, शनिवार को 11 और शुक्रवार को 15 लोगों के शव निकाले गए थे। भारी बारिश के बावजूद एनडीआरएफ और दमकल विभाग की टीमें राहत व बचाव कार्य में लगी हुई हैं। वहीं, मौसम विभाग ने आज के लिए राज्य भर में बहुत भारी बारिश की भविष्यवाणी जारी की है।

केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने कहा है कि केरल में कई प्राकृतिक आपदाएं आई हैं लेकिन ये भूस्खलन उनसे ज्यादा गंभीर है। सरकार को मृतकों के परिवार को 5 लाख रुपये देने की अपनी घोषणा पर पुनर्विचार करना चाहिए और राशि को बढ़ाना चाहिए। मैं भूस्खलन वाली जगह पर जा रहा हूं। 

जिला सूचना कार्यालय ने कहा कि एनडीआरएफ की दो टीमें, जिसमें इदुक्की आग और बचाव दल की एक पूरी इकाई, कोट्टायम, तिरुवनंतपुरम की एक टीम और विशेष प्रशिक्षण प्राप्त एक टीम इदुक्की के राजमाला में बचाव अभियान का नेतृत्व कर रही हैं। इसके अलावा केरल सशस्त्र पुलिस के 105 सदस्य, स्थानीय पुलिस के 21 सदस्य और रैपिड एक्शन फोर्स के 10 सदस्य भी भूस्खलन के मौके पर मौजूद थे।

शुक्रवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनारयी विजयन ने मृतक के परिजनों को 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भूस्खलन के कारण हुई मौतों पर शोक व्यक्त किया था और मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की थी।

गौरतलब है कि शुक्रवार तड़के तेज बारिश के कारण इदुक्की जिले के राजामलाई में भूस्खलन हुआ। इस दौरान 15 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया और 60 लोग मलबे में दब गए। भूस्खलन वाले इस पर्वतीय क्षेत्र में ज्यादातर टी-एस्टेट में काम करने वाले श्रमिक रहते हैं। बताया जाता है कि भूस्खलन की यह घटना सुबह के वक्त हुई जब धरती का एक बड़ा टुकड़ा पहाड़ से कटकर कतारबद्ध घरों पर गिर गया जिससे घरों में सो रहे लोगों की मौत हो गई। चाय बागान में काम करने वाले ज्यादातर लोग नजदीकी राज्य तमिलनाडु के रहने वाले लोग थे।