केरल में दो लोगों की अप्राकृतिक मौत के कारण प्रशासन ने कोझिकोड जिले में स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट कर दिया है। साथ ही मृतक और इसके चार रिश्तेदारों के सैंपल पुणे के राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान में भेजे गए हैं ताकि निपाह वायरस को लेकर पुष्टि की जा सके। WHO के मुताबिक निपाह वायरस संक्रमण एक ऐसी बीमारी जो जानवरों से लोगों में फैलती है।
By AgencyEdited By: Shalini KumariUpdated: Tue, 12 Sep 2023 02:21 PM (IST)
कोझिकोड, पीटीआई। केरल के कोझिकोड जिले से दो अप्राकृतिक मौतों की सूचना मिली है। जिसके बाद, केरल सरकार ने पुणे में राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (National Institute of Virology) को घातक निपाह वायरस की उपस्थिति का परीक्षण करने के लिए पांच सैंपल भेजे हैं।
पुणे भेजे गए पांच सैंपल
माना जा रहा है कि सोमवार को होने वाली दो लोगों की अप्राकृतिक मौत का कारण निपाह वायरस (Nipah Virus) संक्रमण है, जिसके बाद प्रशासन ने जिले भर में स्वास्थ्य अलर्ट जारी किया गया। वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट में परीक्षण के लिए भेजे गए सैंपल में एक मृतक और उसके चार रिश्तेदारों के सैंपल शामिल हैं।
सीएम ने जिला भर को किया अलर्ट
मंगलवार को एक फेसबुक पोस्ट में, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि सरकार दो मौतों को गंभीरता से ले रही है और स्वास्थ्य विभाग ने निपाह वायरस के कारण मौतों के संदेह पर जिले में अलर्ट जारी किया है। सीएम ने यह भी कहा कि चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि जो लोग मृतक के संपर्क में थे, उनमें से ज्यादातर लोगों का इलाज चल रहा है।
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स्वास्थ्य मंत्री ने किया जिले का दौरा
राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज जिले में पहुंचीं और स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इसके बाद मीडिया को बताया कि अगर सैंपल का परीक्षण होने के बाद निपाह वायरस की मौजूदगी दिखाई देती है, तो सरकार सभी एहतियाती कदम उठाएगी।
परीक्षण के बाद होगी पुष्टि
वीना जॉर्ज ने बताया कि मृतक के संपर्क में आने वाले व्यक्तियों की पहचान कर ली गई है, ताकि उच्च जोखिम का पता लगाया जा सके। उन्होंने कहा, "इस समय, हमने संदेह के आधार पर सभी एहतियाती कदम उठाए हैं। हमने यहां शुरुआती जांच कर लिए हैं, लेकिन इसकी पुष्टि पुणे एनआईवी में सैंपल भेजे गए हैं, जिसके परीक्षण के बाद ही किसी बात की पुष्टि की जा सकती है।"
मृतक के करीबियों को हो रहा इलाज
स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि पहली मौत एक निजी अस्पताल में हुई और पीड़ित के बच्चों, भाई और उनके रिश्तेदारों का भी बुखार का इलाज चल रहा है। मंत्री ने कहा कि कई लोगों ने अस्पताल का दौरा किया और उन लोगों का पता लगाना शुरू कर दिया गया है, जो उन लोगों के संपर्क में आए हैं।
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आइसोलेशन सेंटर बनाने के निर्देश
स्वास्थ्य विभाग ने कोझिकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक आइसोलेशन सेंटर स्थापित करने और तदनुसार मानव संसाधन बढ़ाने का निर्देश दिया है। 2018 और 2021 में कोझिकोड जिले में निपाह वायरस संक्रमण के कारण मौतें दर्ज की गईं। दक्षिण भारत में निपाह वायरस का पहला मामला 19 मई, 2018 को कोझिकोड से रिपोर्ट किया गया था।
WHO ने बताई गंभीर बीमारी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, निपाह वायरस संक्रमण एक ऐसी बीमारी जो जानवरों से लोगों में फैलती है और दूषित भोजन के माध्यम से या सीधे एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकती है।संक्रमित लोगों में, यह सबक्लिनिकल संक्रमण से लेकर तीव्र श्वास बीमारी और घातक एन्सेफलाइटिस तक कई प्रकार की बीमारियों का कारण बन जाता है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, यह वायरस सूअर जैसे जानवरों में भी गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है, जिसके कारण किसानों को भी काफी आर्थिक नुकसान हो सकता है।