Knee Pain: अगर आपका काम बैठकर करने वाला है तो हर एक घंटे बाद उठकर 10 मिनट घूमें
Knee Pain दिल्ली के वरिष्ठ अस्थि व जोड़ प्रत्यारोपण विशेषज्ञ डॉ. एल. तोमर ने बताया कि अब विज्ञान ने इतनी तरक्की कर ली है कि मिनिमल इनवेसिव सर्जरी के कारण चीरा बहुत छोटा लगता है
By Sanjay PokhriyalEdited By: Updated: Wed, 29 Jan 2020 08:35 AM (IST)
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। Knee Pain: सारा दिन बैठकर काम करने, कसरत न करने और खानपान पर ध्यान न देने का असर हमारे घुटनों पर पड़ता है। पहले घुटनों में दर्द की समस्या बुजुर्गों में देखने को मिलती थी, लेकिन अब तो नौजवान तक घुटनों में दर्द की शिकायत कर डॉक्टर से परामर्श लेते हैं। जब घुटनों का दर्द शुरुआती दौर में होता है तो लोग इस ओर बिल्कुल ध्यान नहीं देते, लेकिन जब घुटनों के दर्द से दिनचर्या प्रभावित होने लगती है तो आसपास के लोगों के सुझाए गए उपायों को आजमाते हैं। अनेक लोग टेलीविजन पर आ रहे विज्ञापनों से प्रभावित होकर बाजार में उपलब्ध तेल का इस्तेमाल करते हैं। जानें क्या कहते है दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल के वरिष्ठ अस्थि व जोड़ प्रत्यारोपण विशेषज्ञ डॉ. एल. तोमर।
क्या करें शुरुआती दर्द में: अक्सर लोग सोचते हैं कि दर्द ज्यादा नहीं है तो डॉक्टर के पास जाने का भी कोई फायदा नहीं है। लोग दर्द कम करने के लिए पेनकिलर लेने लगते हैं। वह बिल्कुल नहीं समझ पाते कि डॉक्टर की सलाह लिए बगैर पेनकिलर या किसी भी तरह की दवा लेना खतरनाक हो सकता है। अगर घुटनों में लगातार दर्द रहे, तो समय रहते डॉक्टर से परामर्श लें।
डॉक्टर की सलाह मानें: कई मामलों में ऐसा देखा गया है कि लोग अपनी ही बात चलाते हैं। जैसे वे कहते हैं कि अभी मैं स्टिक लेकर चल सकता हूं, तो मुझे सर्जरी की कोई जरूरत नहीं है। जबकि उनके घुटने को सर्जरी की बहुत जरूरत है। लोग सर्जरी का नाम सुनते ही घबरा जाते हैं, उनकी ऐसी सोच गलत है। जबकि नई तकनीकों जैसे टोटल नी रिप्लेसमेंट (टीकेआर) ने सर्जरी को काफी आसान कर दिया है। इसके बावजूद लोग ऑपरेशन को तभी तवज्जो देते हैं, जब उनसे चला नहीं जाता। इस बात को समझने की खास जरूरत है कि समय रहते सर्जरी कराने से जटिलताएं कम होती है और आप दर्द रहित जीवन बिताते हैं। कई मामलों में देखा गया है कि रोगी के देरी करने से उसकी सर्जरी करना नामुमकिन हो जाता है।
लोगों के डर की वजहलोगों को लगता है कि सर्जरी कराने के बाद महीनों तक बिस्तर पर रहना पड़ेगा और कृत्रिम घुटने प्राकृतिक तरीके से काम नहीं करते। इस संदर्भ में आपको बता दें कि अब विज्ञान ने इतनी तरक्की कर ली है कि मिनिमल इनवेसिव सर्जरी के कारण चीरा बहुत छोटा लगता है। इस कारण कुछ घंटों बाद ही रोगी को सहारा लेकर चलने की सलाह दी जाती है। रोगी की स्थिति देखते हुए उसे तीन से चार दिनों तक अस्पताल में रखने के बाद डिस्चार्ज कर दिया जाता है। रही बात कृत्रिम घुटने की तो, टीकेआर सर्जरी के बाद आप वह हर काम कर सकते हैं, जो पहले किया करते थे। जैसे ड्राइविंग, स्वीमिंग, सीढ़ियां ऊपर नीचे चढ़ना और उतरना आदि। आप रोजमर्रा के कार्यों को अंजाम दे सकते हैं।
ऐसे रखें ख्यालदिल्ली के वरिष्ठ अस्थि व जोड़ प्रत्यारोपण विशेषज्ञ डॉ. एल. तोमर ने बताया कि अगर आपका काम बैठकर करने वाला है तो हर एक घंटे बाद उठकर 10 मिनट घूमें। इन छोटी-छोटी बातों को जीवन में अमल में लाकर आप घुटनों के दर्द से बच सकते हैं और जीवन को सेहतमंद बना सकते हैं।