Move to Jagran APP

ISRO Chandrayaan-3 Launch: मिशन चंद्रयान-3... क्यों, कब, कहां? हर सवाल का जवाब मिलेगा यहां

चंद्रयान-3 की आज लॉन्चिंग होने जा रही है। दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर ये लॉन्च होगा। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर के दूसरे लॉन्च पैड से चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग होगी। ये भारत का तीसरा मिशन मून है। साल 2019 में मिशन चंद्रयान-2 लॉन्च किया गया था। चंद्रयान-3 को लेकर आपके मन में उठ रहे हर सवाल का जवाब यहां मिलेगा।

By Manish NegiEdited By: Manish NegiUpdated: Fri, 14 Jul 2023 01:24 PM (IST)
Hero Image
ISRO Chandrayaan-3 Launch: मिशन चंद्रयान-3... क्यों, कब, कहां?
देशवासियों का लंबा इंतजार खत्म होने जा रहा है। चंद्रयान-3 आज उड़ान भरने जा रहा है। दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर हर देशवासियों के लिए ऐतिहासिक क्षण होगा, क्योंकि इसी समय मिशन चंद्रयान-3 लॉन्च होगा। श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से फैट बॉय रॉकेट (एलवीएम3-एम4) चंद्रयान-3 को लेकर उड़ान भरेगा।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

चंद्रयान 3 साल 2019 में लॉन्च हुए चंद्रयान 2 का ही अगला चरण है। चार साल पहले भारत लक्ष्य हासिल नहीं कर पाया था।

चंद्रयान 3 आज दोपहर दो बजकर 35 मिनट पर लॉन्च होगा।

मिशन में एक स्वदेशी प्रपल्शन मॉड्यूल, लैंडर मॉड्यूल और एक रोवर शामिल है। मिशन का उद्देश्य अंतरग्रहीय अभियानों के लिए आवश्यक नई प्रौद्योगिकियों को विकसित करना और उन्हें प्रदर्शित करना है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने इसे शुक्रवार दोपहर को लॉन्च करेगा।

प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा स्थित के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में होगा।

अमेरिका, चीन, तत्कालीन सोवियत संघ चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग कर चुके हैं। भारत ये कारनामा करने वाला चौथा देश बन जाएगा।

23 अगस्त को चांद की सतह पर इसकी सॉफ्ट लैंडिंग होगी और भारत इतिहास रचेगा।

इसरो ने लैंडिंग के लिए चंद्रमा पर दक्षिणी ध्रुव पर सुरक्षित लैंडिंग क्षेत्र को ढूंढा है। लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर 70 डिग्री लेटीट्यूड पर उतरेगा।

चंद्रयान-2 को 22 जुलाई 2019 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था। चंद्रमा की सतह से 2.1 किमी की ऊंचाई पर लैंडर से संपर्क टूट गया था।

इसरो के चंद्रयान-3 मिशन का बजट करीब 615 करोड़ रुपये है, जबकि चंद्रयान-2 के लिए 960 करोड़ रुपये का बजट रखा गया था।

पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने 15 अगस्त 2003 को मिशन मून की घोषणा की थी।

22 अक्टूबर 2008 को चंद्रयान-1 ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रमा के लिए उड़ान भरी।