जानिए किस तरह अफगानिस्तान में तबाही के लिए जिम्मेदार हैं जलमय खलीलजाद
टीआरटी वर्ल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक खलीलजाद ने तालिबान के साथ वार्ता में अमेरिका का नेतृत्व किया जिन्हें कई लोग अफगानिस्तान में पश्तून-प्रभुत्व वाले समूह की बिजली की गति से जीत के मुख्य सूत्रधार के रूप में देखते हैं।
By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Updated: Tue, 24 Aug 2021 01:13 AM (IST)
नई दिल्ली, आइएएनएस। इराक में अमेरिकी विफलताओं और अब अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता में वापसी का मुख्य कारण बने रहस्यमय राजनयिक जलमय खलीलजाद को लेकर सवाल उठ रहे हैं। अफगान मूल के एक प्रमुख अमेरिकी राजनयिक खलीलजाद लंबे समय से वाशिंगटन के आतंक के खिलाफ युद्ध में भूमिका को लेकर विवादास्पद व्यक्ति रहे हैं।
टीआरटी वर्ल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक खलीलजाद ने तालिबान के साथ वार्ता में अमेरिका का नेतृत्व किया, जिन्हें कई लोग अफगानिस्तान में पश्तून-प्रभुत्व वाले समूह की बिजली की गति से जीत के मुख्य सूत्रधार के रूप में देखते हैं। अमेरिका द्वारा प्रशिक्षित अफगान सेना के खिलाफ तालिबान की आश्चर्यजनक रूप से मिली जीत के बाद कई सरकारी संचालक और विशेषज्ञ अफगान समूह की सत्ता में वापसी में वाशिंगटन की भूमिका, विशेष रूप से खलीलजाद की भूमिका पर अटकलें लगा रहे हैं।कुछ अन्य विशेषज्ञ मानते हैं कि खलीलजाद ने अपने व्यक्तिगत और पारिवारिक हितों को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष राजनीतिक एजेंडा अपनाया।
अटलांटिक काउंसिल के अनिवासी वरिष्ठ फेलो कमल आलम कहते हैं, अफगानिस्तान में फैली अराजकता और विनाश के लिए जिम्मेदार एक व्यक्ति जलमय खलीलजाद हैं। कथित वित्तीय भ्रष्टाचार के लिए उनकी जांच होनी चाहिए।2014 में आस्टि्रया ने खलीलजाद से संबंधित वित्तीय जांच कराई थी और अमेरिकी न्याय विभाग की जानकारी के आधार पर यूरोपीय देश में उनकी पत्नी के खातों को सील कर दिया था, क्योंकि उन्हें इराक और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में व्यावसायिक गतिविधियों से संबंधित मनी लांड्रिंग का संदेह था।
अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति को लेकर चीन ने अमेरिका को ठहराया जिम्मेदारवहीं, अफगानिस्तान की मौजूदा स्थित को लेकर चीन ने एक बार फिर अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया है। अफगान संकट के लिए अमेरिका को 'मुख्य गुनहगार' करार देते हुए चीन ने कहा कि अमेरिका, अफगानिस्तान के पुनर्निमाण के लिए कुछ किए बिना ऐसे हाल में छोड़कर नहीं जा सकता। गौरतलब है कि अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से देश अस्थिरता का माहौल है। बड़ी संख्या में अफगान लोग देश छोड़ने को मजबूर हैं।