Old Parliament House: आतंकी हमला, आपातकाल, पहली पंचवर्षीय योजना... किन बड़ी घटनाओं की साक्षी बनी पुरानी संसद?
Old Sansad Bhavan पुराना संसद भवन कई ऐतिहासिक आयोजनों का गवाह रहा है। पुराने संसद भवन ने कई बार इतिहास को बनते और टूटते देखा है। ये इमारत कभी भगत सिंह के ‘साम्राज्यवाद मुर्दाबाद!’ ‘दुनिया के मजदूरों एक हो!’ और ‘क्रांति जिंदाबाद!’ के क्रांतिकारी नारों की गवाह बनी थी। तो कभी आतंकी हमले का शिकार हुई। पढ़िए ये खास रिपोर्ट।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। पुराने संसद भवन में सोमवार को विशेष सत्र का ऐतिहासिक आयोजन संपन्न हुआ। इसी के साथ इसने अपनी लोकतांत्रिक शक्तियां नए संसद भवन में स्थानांतरित कीं। मंगलवार यानी आज से देश के लोकतंत्र की सर्वोच्च पंचायत नए संसद भवन में बैठ रही है।
पुराने संसद भवन ने औपनिवेशिक शासन से लेकर, द्वितीय विश्व युद्ध और स्वतंत्रता की शुरुआत से लेकर संविधान को अपनाने तक कई बार इतिहास को बनते, टूटते और दोबारा बनते देखा है। 96 वर्षों से अधिक समय से पुराना संसद भवन राष्ट्र के जन्म से लेकर परमाणु भारत के उदय तक कई ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह बना। यहीं पर हमारे नीति-नियंताओं के फैसले से भारत अनाज से लेकर तमाम चीजों में आत्मनिर्भर बना। गरीबी तेजी से घटी। लोगों का कल्याण स्तर बढ़ा। भारत दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शुमार हुआ और अब दुनिया का हर बड़ा मंच हमारी बात को अनसुना नहीं करने को विवश हो चला है। लोकतंत्र के इस पुराने मंदिर पर पेश है एक नजर।