दुश्मन को हैरान कर उसे तबाह करने में माहिर हैं कलवरी क्लास या scorpion class की सबमरीन, जानें- इनकी खासियत
भारत ने समुद्र में अपनी ताकत बढ़ाने के लिए रूस फ्रांस और जर्मनी से भी सहयोग लिया है। फ्रांस के सहयोग से भारत ने scorpion class की सबमरीन का निर्माण किया है। भारत के लिए ये सबमरीन बेहद खास हैं।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Sat, 15 Oct 2022 12:49 PM (IST)
नई दिल्ली (आनलाइन डेस्क)। समुद्र में भारत की ताकत लगातार बढ़ रही है। सतह पर जहां भारतीय नौसेना के जंगी जहाज समुद्री सीमाओं की रखवाली करते हैं तो वहीं समुद्र की गहराइयों में ये काम भारत की सबमरीन करती हैं। भारत के पास 4 अलग-अलग क्लास की सबरीन हैं। हर क्लास की पनडुब्बियों की खासियत भी अलग-अलग होती है। भारत ने समुद्र में अपनी ताकत को बढ़ाने के लिए फ्रांस (India-France Submarines) से भी सहयोग लिया है और कई सबमरीन का निर्माण किया है। इनमें कलवेरी क्लास (Kalvery Class Submarine) बेहद खास है।
इस क्लास में कौन सी हैं सबमरीन
कलवेरी क्लास की अटैक सबमरीन में INS Kalvery (S21), INS Khanderi (S22), INS Karanj (S23), INS Vela (S24) है। इस क्लास की सभी सबमरीन को भारत ने फ्रांस के सहयोग से तैयार किया है। इस क्लास की अभी दो सबमरीन और आनी हैं। ये सभी सबमरीन स्कार्पीयन क्लास का वैरिएंट है। ये सभी 2 हजार टन वजनी हैं और ये सभी डीजल-इलेक्ट्रिक से चलने वाली सबमरीन हैं। इस क्लास की सभी सबमरीन को मझगांव डाक लिमिटेड ने तैयार किया है।
कब मिला कमीशन
INS Kalvery (S21) को दिसंबर 2017, INS Khanderi (S22) को सितंबर 2019, INS Karanj (S23)को मार्च 2021, INS Vela (S24) को नवंबर 2021 में कमीशन मिला था। ये सभी 221 फीट लंबी है और सतह पर 20 किमी प्रतिघंटे और समुद्र के नीचे 37 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चलती है।
गजब की है क्षमता
सतह पर रहते हुए एक बार में ये अधिकतम 21 हजार किमी और समुद्र की गहराई में ये 1 हजार से कुछ अधिक किमी की दूरी तय कर सकती हैं। ये सबमरीन करीब 50 दिनों तक समुद्र में बनी रह सकती हैं। इसमें कुल 45-55 कर्मी एक बार में रह सकते हैं। इसमें लगे टारपीडो की संख्या 6 है। इसके अलावा इससे एंटी शिप मिसाइल को लान्च किया जा सकता है और समुद्र में माइन्स भी बिछाई जा सकती है।
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