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एडवांस टेक्‍नोलॉजी से फेस रिकग्निशन तक, नई संसद में परिंदा भी नहीं मार पाएगा पर; सुरक्षा के क्या हैं बंदोबस्त?

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को नए संसद भवन को राष्ट्र को समर्पित किया। नए संसद भवन की सुरक्षा को किले में तब्दील करने के लिए सुरक्षा अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है। जिसमें सीसीटीवी कैमरे से लेकर थर्मल इमेजिंग सिस्टम शामिल हैं।

By Anurag GuptaEdited By: Anurag GuptaUpdated: Sun, 28 May 2023 04:05 PM (IST)
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नई संसद में परिंदा भी नहीं मार पाएगा पर (जागरण ग्राफिक्स)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को नए संसद भवन को राष्ट्र को समर्पित किया। नए भवन का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह 140 करोड़ भारतीय नागरिकों की आकांक्षाओं और सपनों का प्रतिबिंब है। साथ ही उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया भारत को आदर और उम्मीद के भाव से देख रही है। इस बीच, हम नए संसद भवन के सुरक्षा बंदोबस्त की बात करेंगे। 

दरअसल, नए संसद भवन की सुरक्षा को किले में तब्दील करने के लिए सुरक्षा अधिकारियों ने दुनियाभर की संसद में मौजूद सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया और उसी से प्रेरित होकर नए संसद भवन को अत्याधुनिक सुरक्षा प्रणाली से लैस किया गया। जिसमें सीसीटीवी कैमरे से लेकर थर्मल इमेजिंग सिस्टम को और भी ज्यादा सुदृढ़ किया गया।

कितनी मजबूत है सुरक्षा व्यवस्था?

1927 से देश की गाथा का गवाह रहे पुराने संसद भवन के इतिहास में 13 दिसंबर, 2001 की तारीख 'काले अक्षरों' में अंकित है। यह वही दिन था जब आतंकवादियों ने सुरक्षा व्यवस्था को तोड़कर संसद भवन में घुसने की कोशिश की थी और सुरक्षा में तैनात 9 सुरक्षाकर्मियों की हत्या कर दी थी। इतिहास के पन्नों में दर्ज हो चुके इसी घटनाक्रम से सीख लेते हुए सुरक्षा को और भी ज्यादा सुदृढ़ करने की व्यवस्था की गई।

इसके लिए संसद भवन के सुरक्षा अधिकारियों की टीम ने कई देशों को दौरा कर बेहतर सुरक्षा प्रणाली की खोज की, जो किसी भी प्रकार के आतंकी और साइबर हमले को नाकाम करने में सक्षम हों। नए संसद भवन की इमारत में अत्याधुनिक हथियारों से लैस सुरक्षाकर्मी, एडवांस टेक्नोलॉजी, अग्निशमन प्रणाली समेत कई पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं, जो पुरानी इमारत की तुलना में कई ज्यादा बेहतर हैं।

सुरक्षा व्यवस्था की बड़ी बातें:

  • नए संसद भवन की इमारत में थर्मल इमेजिंग सिस्टम को इंस्टॉल किया गया है। इसकी मदद से किसी भी घुसपैठियों की आसानी से पहचान की जा सकती है।
  • थर्मल इमेजिंग सिस्टम के साथ ही फेस रिकग्निशन सिस्टम और 360 डिग्री कैमरों को लगाया गया है। जिसकी मदद से सुरक्षाकर्मी चप्पे-चप्पे की निगरानी कर सकेंगे।
  • नए संसद भवन परिसर में मौजूद जनप्रतिनिधियों और व्यक्तियों की सुरक्षा को भी और ज्यादा मजबूत किया गया है। ऐसे में सुरक्षाकर्मी अत्याधुनिक हथियार और उपकरणों से लैस रहेंगे।
  • नए संसद भवन में संसद सदस्यों के प्रवेश के लिए एक नया स्मार्ट कार्ड आधारित पहचान पत्र तैयार किया जा रहा है। इस स्मार्ट कार्ड आधारित पहचान पत्र प्रणाली में अनेक सुरक्षा विशेषताएं होंगी और यह अत्यंत सुरक्षित होगा।
  • इसके अतिरिक्त किसी भी प्रकार के साइबर हमलों से निपटने के लिए एक सुरक्षा संचालन केंद्र बनाया गया है, जो चौबीसों घंटे निगरानी कर किसी भी संभावित खतरे की जांच करेगा।
  • नए संसद भवन में कई स्तर की सुरक्षा के इंतजाम किए हैं ताकि किसी भी अनहोनी से बचा जा सकें। ऐसे में नए आईडी कार्ड से लेकर बैरियर, बाड़ और चौकियों तक को स्थापित किया गया है। 
  • आग की वजह से होने वाले नुकसान से बचने के लिए अग्निशमन प्रणाली की व्यवस्था की गई है। दरअसल, पुरानी संसद में अग्निशमन प्रणाली के इंतजाम बाद में किए गए थे।
गौरतलब है कि पुरानी संसद भवन की आधारशिला वर्ष 1921 में ड्यूक ऑफ कनॉट, प्रिंस आर्थर द्वारा रखी गई थी और इसका उद्घाटन 18 जनवरी, 1927 को किया गया था, जबकि साल 2020 में प्रधानमंत्री मोदी ने नए संसद भवन का शिलान्यास किया था और आज यानी 28 मई, 2023 को नई संसद की 64,500 वर्ग मीटर में फैली भव्‍य इमारत का उद्घाटन किया।