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Kandahar Plane Hijack: 24 दिसंबर 1999 को आतंकियों ने हाईजैक किया था भारतीय विमान, जानें तब हुआ क्या था

Kandahar Indian Airlines flight Hijack 24 दिसंबर 1999 को आतंकियों ने इंडियन एयरलाइंस (Indian Airlines) के विमान आईसी 814 को उस वक्त हाईजैक कर लिया था जब वो काठमांडू के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट से नई दिल्‍ली की उड़ान पर था।

By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarUpdated: Sat, 24 Dec 2022 10:27 AM (IST)
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Kandahar Indian Airlines flight Hijack by terrorists
नई दिल्‍ली, ऑनलाइन डेस्‍क। Kandahar Plane Hijack: 23 साल पहले आज ही के दिन यानी 24 दिसंबर को एक घटना ने पूरे भारत को सन्न कर दिया था। साल था 1999 जब इंडियन एयरलाइंस (Indian Airlines) के विमान आईसी 814 का अपहरण कर लिया गया था। इसके बाद अगले कुछ दिनों तक विमान और विमान में सवार यात्रियों के साथ जो हुआ, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। तो चलिए आपको इस रिपोर्ट में बताते हैं कि 24 दिसंबर 1999 को हुआ क्या था।

भारतीय विमान का अपहरण

24 दिसंबर 1999 को आतंकियों ने इंडियन एयरलाइंस के विमान आईसी 814 को उस वक्त हाईजैक कर लिया था जब वो काठमांडू के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट से नई दिल्‍ली की उड़ान पर था। इसमें हरकत उल मुजाहिद्दीन के आतंकियों का हाथ था। अपहरण के समय इस विमान में 176 पैसेंजर समेत क्रू के कुल 15 सदस्‍य भी थे।

चल रही थी क्रिसमस की तैयारी

आतंकियों ने इस घटना को ऐसे समय पर अंजाम दिया था जब पूरी दुनिया क्रिसमस के जश्‍न की तैयारियों जुटी थी। भारत में भी जश्न का माहौल था। विमान हाईजैक की खबर ने भारतीयों की खुशियों पर पानी फेर दिया था। भारत में इस खबर के बाद लोगों में गम और गुस्से की लहर देखी गई थी। उस वक्त देश के लोगों को इंतजार था तो बस विमान में सवार यात्रियों की सकुशल घर वापसी की।

कंधार एयरपोर्ट पर उतारा गया विमाम 

24 दिसंबर 1999 शाम करीब पांच बजे विमान भारतीय वायु क्षेत्र में दाखिल हुआ। इस दौरान विमान में यात्री के तौर पर सवार हुए आतंकियों ने हथियार के बल पर प्लेन को कब्जे में लिया। इस बीच कुछ ही देर में भारत और पूरी दुनिया को पता लग चुका था कि एक भारतीय विमान को हाइजैक कर लिया गया है। आतंकी विमान को पहले पाकिस्‍तान लेकर गए और अंत में इस विमान को कंधार एयरपोर्ट पर उतारा गया था। इससे पहले विमान थोड़े समय के लिए अमृतसर में भी रुका था।

आतंकियों ने मांगी फिरौती

भारतीय प्लेन को दुबई भी ले जाया गया था और यहां आतंकियों ने 27 यात्रियों को उतार दिया था, जिनमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे थे। इस बीच आतंकियों रूपिन कात्याल नाम के एक यात्री की हत्‍या भी कर दी थी। हाईजैक से भारत सरकार की मुश्किलें बढ़ रही थीं। पूरी दुनिया की नजर इस घटना पर थी। यात्रियों के परिजन और कुछ संगठन विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इस बीच अपरहरणकर्ताओं ने अपने 36 आतंकी साथियों की रिहाई और 20 करोड़ अमेरिकी डॉलर की फिरौती की मांगी।

आतंकियों के साथ बतचीत

भारत सरकार ने आतंकियों के साथ बातचीत शुरू की थी। हाइजैक विमान में भारतीय यात्रियों के अलावा ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, कनाडा, फ्रांस और इटली जैसे अन्य देशों के नागरिक भी उसमें सवार थे। हालात ऐसे बने कि, तत्कालीन एनडीए सरकार को यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चत करने के लिए तीन आतंकियों को कंधार ले जाकर रिहा करने का फैसला लेना पड़ा था।

रिहा किए गए तीन आतंकी

जब ये घटना हुई थी उस समय अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे और जसवंत सिंह विदेश मंत्री। भारत की जेलों में बंद मौलाना मसूद अजहर, अहमद जरगर और शेख अहमद उमर सईद को बाहर निकाला गया। विदेश मंत्री जसवंत सिंह विशेष विमान से इन तीनों आतंकियों को अपने साथ लेकर कंधार पहुंचे थे। इन तीनों को कंधार में ही रिहा गया था। 31 दिसंबर को सरकार और अपहरणकर्ताओं के बीच समझौते के बाद सभी 155 बंधकों को रिहा कर दिया गया था जिसके बाद यात्री भारत पहुंचे थे।

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