Security Categories: आइए समझें वीआईपी-VVIP सुरक्षा की A... B... C... D...; क्या है X, Y, Z और Z+ सिक्योरिटी का घेरा
Security Categories in India हमारे देश में राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति प्रधानमंत्री एवं सर्वोच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों सहित कई अभिनेताओं और उद्योगपतियों को X Y Z और Z+ सुरक्षा दी जाती है। क्या आप जानते हैं कि यह सुरक्षा क्यों और किस आधार पर दी जाती है। इसका निर्धारण कौन करता है। आज इस खबर में हम आपको बताने जा रहे हैं कि भारत में कितनी तरह की सिक्योरिटी होती हैं।
श्रेणी को छह स्तरों में बांटा गया है-
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SPG
- Z+ (उच्चतम स्तर)
- Z सिक्योरिटी
- वाई सिक्योरिटी
- वाई+ सिक्योरिटी
- X सिक्योरिटी
कितनी तरह की होती हैं सिक्योरिटी?
- SPG एक विशिष्ट बल है जिसका विवरण वर्गीकृत किया जाता है और केवल भारत के प्रधानमंत्री को प्रदान किया जाता है।
- Z+ श्रेणी में 55 कर्मियों की सुरक्षा होती है, जिसमें 10+ NSG कमांडो और पुलिस कर्मी शामिल होते हैं।
- Z श्रेणी में 22 कर्मियों की सुरक्षा होती है, जिसमें 4-6 एनएसजी कमांडो और पुलिस कर्मी शामिल होते हैं।
- Y+ श्रेणी में 11 कर्मियों की सुरक्षा होती है, जिसमें 2-4 कमांडो और पुलिस कर्मी शामिल होते हैं।
- Y श्रेणी में 8 कर्मियों का सुरक्षा विवरण होता है, जिसमें 1 या 2 कमांडो और पुलिस कर्मी शामिल होते हैं।
- X श्रेणी 2 कर्मियों का एक सुरक्षा विवरण है, जिसमें कोई कमांडो नहीं बल्कि केवल सशस्त्र पुलिस कर्मी होते हैं।
विशेष सुरक्षा समूह (SPG)
Z-श्रेणी
Z-श्रेणी देश की तीसरी सबसे ऊंची सुरक्षा श्रेणी है और इसमें कमांडो और पुलिस कर्मियों के साथ 22 कर्मी शामिल होते हैं। Z-श्रेणी के तहत, एक निजी व्यक्ति सुरक्षा कवर के लिए भुगतान करता है। बाबा रामदेव और अभिनेता आमिर खान को Z श्रेणी की सुरक्षा दी गई है।Z-प्लस
SPG कवर के बाद Z-प्लस सुरक्षा उच्चतम स्तर की सुरक्षा है। इस सुरक्षा कवरेज में CRPF कमांडो के साथ 55 कर्मी शामिल हैं, जो 24x7 सुरक्षा प्रदान करते हैं। खुफिया सूचनाओं के आधार पर जरूरत महसूस होने पर राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (SNG) कमांडो के रूप में अतिरिक्त सुरक्षा भी दी जाती है। सुरक्षा कवर में एक बुलेटप्रूफ वाहन और तीन शिफ्ट में एस्कॉर्ट भी शामिल होते हैं।Z-प्लस सुरक्षा बल के कमांडो को विशेषज्ञ मार्शल आर्ट और निहत्थे युद्ध का प्रशिक्षण मिलता है। यह सुरक्षा कवर गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय वित्त मंत्री और अन्य को प्रदान किया गया है। इसके साथ ही एशिया के सबसे अमीर शख्स गौतम अडानी (Gautam Adani) को सरकार ने Z कैटेगरी की सुरक्षा दी है। गृह मंत्रालय (Home Ministry) के सूत्रों के अनुसार, गौतम अडानी को जो सुरक्षा दी गई है, उसका खर्च वो खुद निर्वहन करते हैं। 2021 में, गृह मंत्रालय ने कहा था कि 40 सुरक्षा प्राप्त लोगों को Z-प्लस श्रेणी के तहत सुरक्षा कवर दिया गया था।Y श्रेणी
Y श्रेणी की सुरक्षा में 1 या 2 कमांडो और पुलिस कर्मियों सहित 8 जवानों का सुरक्षा कवच प्रदान किया जाता है। इसमें सुरक्षा के रूप में दो पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (PSO) भी प्रदान किया जाता है। भारत में इस श्रेणी की सुरक्षा पाने वाले लोगों की संख्या काफी ज्यादा है।Y-प्लस
Z-Y श्रेणी के सुरक्षा कवर में कुछ कमांडो समेत 8 से 11 जवान शामिल होते हैं। इसमें 2 निजी सुरक्षा अधिकारी (PSO) भी शामिल होते हैं। भारत में कई VIP लोगों को इस स्तर की सुरक्षा दी गई है। उदाहरण के लिए, अभिनेत्री कंगना रनौत और द कश्मीर फाइल्स के निदेशक विवेक रंजन अग्निहोत्री को Y श्रेणी की सुरक्षा दी गई है।X श्रेणी
X श्रेणी में 2 कर्मियों का सुरक्षा कवर होता है। इसमें कोई कमांडो शामिल नहीं होता है सिर्फ सशस्त्र पुलिस कर्मियों को ही शामिल किया जाता है। यह एक PSO (व्यक्तिगत सुरक्षा अधिकारी) द्वारा प्रदान किया जाता है। भारत में काफी संख्या में लोगों को इस श्रेणी की सुरक्षा मिलती है।VIP को सुरक्षा का अधिकार कैसे मिलता है?
अगर VIP को कोई खतरा है तो सुरक्षा मुहैया कराना सरकार की जिम्मेदारी है। खतरे का सामना करने वाला व्यक्ति अपने निवास के निकटतम पुलिस स्टेशन में एक आवेदन दायर करता है। फिर, व्यक्ति को होने वाले खतरे का पता लगाने के लिए मामले को खुफिया एजेंसियों के पास भेज दिया जाता है। जब खतरे की पुष्टि हो जाती है तो राज्य में गृह सचिव, महानिदेशक और मुख्य सचिव की एक समिति तय करती है कि उस व्यक्ति को किस श्रेणी की सुरक्षा दी जानी है। इसके बाद व्यक्ति का विवरण औपचारिक मंजूरी के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी दिया जाता है।VIP की सुरक्षा के लिए कौन सी एजेंसियां जिम्मेदार हैं?
SPG (विशेष सुरक्षा समूह), NSG (राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड), ITBP (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस), और CRPF (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) जैसी विभिन्न एजेंसियां VIP’s को सुरक्षा प्रदान करने के लिए जिम्मेदार होती हैं। 'Z+' श्रेणी की सुरक्षा अतिविशिष्ट व्यक्तियों/नेताओं/खिलाड़ियों और फिल्मी सितारों को प्रदान की जाती है। NSG बड़े पैमाने पर VIP और VVIP को 'जेड प्लस' श्रेणी की सुरक्षा प्रदान करती है।कई NSG कमांडो स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) के तहत भी प्रधानमंत्री की सुरक्षा करते हैं।NSG देश का सबसे उन्नत सुरक्षा बल है जो उच्च खतरे की आशंका वाले व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान करता है। लेकिन पिछले कई सालों में ज़ेड-प्लस श्रेणी की सुरक्षा चाहने वाले लोगों की संख्या बढ़ गई है। जिसके चलते NSG का बोझ कम करने के लिए CISF कर्मियों को भी शामिल किया गया है।यह कैसे करती हैं काम?
क्या आप जानते हैं कि अगर कोई व्यक्ति Z+ श्रेणी की सुरक्षा का हकदार है तो उसे पूरे देश में सुरक्षा मिलेगी? इसके लिए एक तंत्र है।जैसा कि Z+ श्रेणी की सुरक्षा में सुरक्षा एजेंसियों NSG या CISF को तैनात किया जाता है, लेकिन जब कोई व्यक्ति राज्य से बाहर जाता है, तो उसके साथ कुछ कमांडो ही जाते हैं। बाकी की सुरक्षा प्रदान करना उस राज्य विशेष की जिम्मेदारी होती है। लेकिन इसके लिए VIP को राज्य के दौरे की पूर्व सूचना देनी होती है। इस तरह की सुरक्षा व्यवस्था कभी उजागर नहीं की जाती है।किन-किन बड़ी हस्तियों को मिली है सरकार द्वारा सुरक्षा?
सदी के महानायक अमिताभ बच्चन, आमिर खान, अक्षय कुमार और अनुपम खेर के पास X सिक्योरिटी है। बता दें कि शाहरुख की सुरक्षा के लिए पहले सिर्फ दो पुलिस कांस्टेबल तैनात थे। लेकिन हाल ही में, राज्य के गृह विभाग ने आतंकवाद विरोधी दस्ते (ATS) सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और विभागों को एक पत्र जारी किया कि अभिनेता की सुरक्षा बढ़ाई जा रही है। वहीं, सलमान खान को भी Y+ श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है।भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और BCCI के पूर्व अध्यक्ष रह चुके सौरव गांगुली की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। गांगुली को अब Z कैटगरी की सुरक्षा मिली हुई है। सुरक्षा अपग्रेड करने का फैसला पश्चिम बंगाल की सरकार ने किया था। इससे पहले गांगुली के पास Y केटेगरी की सुरक्षा थी। इसके साथ ही मुकेश अंबानी और उनके परिवार को 2013 में Z कैटेगरी की सिक्योरिटी दी गई थी। इसे अब Z+ कर दिया गया है। अंबानी को ये सिक्योरिटी खुफिया एजेंसियों के तरफ से उन पर आतंकी हमले के खतरे की आशंका जताने के बाद दी गई है।भारतीय गृह मंत्रालय की एक आरटीआई(इस खबर को जागरण में प्रकाशित पूर्व खबरों एवं भारतीय गृह मंत्रालय की एक आरटीआई से संदर्भ लेकर बनाया गया है।)
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Z+ सुरक्षा उच्चतम स्तर की सुरक्षा है - जो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय वित्त मंत्री और यहां तक कि पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद जैसे शीर्ष गणमान्य व्यक्तियों को दी जाती है। इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के सशस्त्र कमांडो के साथ 55 लोगों की सुरक्षा टीम शामिल है।
Z+ सुरक्षा केवल शीर्ष राजनेताओं और व्यापारियों को प्रदान की जाती है। इसे पाने के लिए व्यक्ति की जान को खतरा होना चाहिए।
केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) के बजट में 8.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। केंद्रीय बजट 2023 ने वीवीआईपी सुरक्षा के लिए आवंटन में काफी वृद्धि की है। एक अधिकारी के अनुसार, मोटे तौर पर, जेड-प्लस की लागत ₹ 50 लाख और जेड की लागत ₹ 40 लाख प्रति माह है।
व्यक्ति को खतरे की आशंका के आधार पर, श्रेणी को चार स्तरों में विभाजित किया गया है: Z+ (उच्चतम स्तर), Z, Y और X। इसलिए यदि एक आईएएस अधिकारी जो देश के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है और उच्च जोखिम में है। सरकार के मुताबिक व्यक्ति को तभी z+ सुरक्षा मिलेगी।