जानें हैं क्या है रिवर्स जूनोसिस और क्या है सावधानी बरतने की जरूरत..
आइसीएमआर के नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी की निदेशक डा. प्रिया अब्राहम ने कहा कि जब जानवरों से कोई संक्रामक बीमारी मनुष्यों पहुंचती है तो उसे जूनोसिस कहते हैं। इसी तरह जब मनुष्यों से कोई संक्रामक बीमारी जानवरों में पहुंचती है तो उसे रिवर्स जूनोसिस कहा जाता है।
नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना संक्रमण फिलहाल कमजोर दिख रहा है, लेकिन महामारी अभी पूरी तरह से समाप्त नहीं हुई है। ऐसे में सावधानी आवश्यक है। रिवर्स जूनोसिस से सचेत रहने की चेतवानी को गंभीरता से लेना चाहिए। कोरोनो ही नहीं अन्य संक्रामक बीमारियां भी इंसानों से जानवरों में पहुंच सकती हैं।
जानवरों से मनुष्यों और मनुष्यों से जानवरों में संक्रामक बीमारी के फैलने के खतरे के बारे में पूछे जाने पर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी (एनआइवी) की निदेशक डा. प्रिया अब्राहम ने कहा कि हमें अन्य जानवरों की प्रजातियों से निपटते वक्त सतर्क रहना चाहिए, खासकर ऐसे जानवरों से जो आमतौर पर मनुष्यों से मेलजोल नहीं रख पाते हैं।
150 से भी ज्यादा जूनोसिस बीमारियां : वर्तमान में बर्ड फ्लू, स्वाइन फ्लू, इबोला, रेबीज, निपाह, लेप्टोस्पाइरोसिस,हुकवार्म, साल्मोनेलोसिस, ग्लैंडर्स, एवियन इन्फ्लूएंजा, वेस्ट नाइल वायरस जैसी बीमारियां जूनोसिस हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, विश्वभर में वर्तमान में 150 से भी ज्यादा जूनोसिस बीमारियां हैं।
बैक्टीरिया सबसे बड़ी वजह : जूनोसिस बीमारियां फैलाने में सबसे ज्यादा भूमिका बैक्टीरिया की है। 538 तरह के बैक्टीरिया, 307 प्रकार के फफूंद, 287 कृमि, 217 वायरस और 66 प्रकार के प्रोटोजोआ से जानवरों से इंसानों में बीमारी फैलती है।
रिवर्स जूनोसिस : जब कोई बीमारी मनुष्यों से जानवरों में पहुंचती है तो इसे रिवर्स जूनोसिस कहा जाता है। जूनोसिस के रोगजनक बैक्टीरिया, वायरस या परजीवी हो सकते हैं, जो सीधे संपर्क, भोजन, पानी या फिर पर्यावरण के माध्यम से से मनुष्यों में फैल सकते हैं।
क्या कहती है संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट
- 60 प्रतिशत ज्ञात जूनोसिस रोग हैं मनुष्यों में और 70 प्रतिशत जूनोसिस रोग ऐसे हैं जो अभी ज्ञात नहीं हैं।
- 10 लाख लोगों की जूनोसिस रोगों के कारण हर वर्ष मृत्यु हो जाती है विश्व के निम्न-मध्यम आय वाले देशों में।
बचाव के तरीके :
- जूनोसिस और रिवर्स जूनोसिस दोनों को रोकने के लिए कई सावधानियां बताई गई हैं।
- साफ-सफाई और उबले हुए दूध या उससे बने उत्पादों का सेवन करने से जूनोसिस बीमारियों से बचा जा सकता है।
- पशुओं के संपर्क में आने से पहले और बाद में हाथ अच्छी तरह से धोएं। साथ ही पशुओं का समय पर टीकाकरण भी बहुत जरूरी है।