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Amelia Dyer: कहानी 400 से ज्यादा बच्चों को मारने वाली सबसे खौफनाक सीरियल किलर की, कौन थी अमेलिया डायर?

Amelia Dyer ब्रिटेन की सबसे खौफनाक सीरियल किलर थी अमेलिया डायर। अमेलिया डायर ने 400 से ज्यादा नवजातों की हत्या की थी। बच्चों की हत्या के जुर्म में 10 जून 1896 को उसे फांसी के फंदे पर लटका दिया गया था।

By Jagran NewsEdited By: Manish NegiUpdated: Sat, 31 Dec 2022 11:47 AM (IST)
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Amelia Dyer: know who was serial killer Amelia Dyer

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। आज हम आपको कहानी बताएंगे ब्रिटेन की सबसे खूंखार लेडी सीरियल किलर की। वो सीरियल किलर, जिसने 400 बच्चों को मौत के घाट उतार दिया था। जब उस महिला के खूंखार कारनामे का पता चला तो सबके होश उड़ गए थे। इस सीरियल किलर का नाम है अमेलिया डायर। अमेलिया डायर कौन थी? उसने 400 बच्चों का कत्ल क्यों किया? ये आपको हम बताएंगे।

बात 1896 के आसपास की है। ये वो समय था, जब ब्रिटेन में बेबी फार्मिंग का चलन था। बेबी फार्मिंग का मतलब परिजन अपने बच्चों की देखभाल के लिए बेबी फार्मर्स के पास छोड़ देते थे और उन्हें पैसे देते थे। कुछ बेबी फार्मर्स तय समय के लिए बच्चों की देखभाल करते थे, जबकि कुछ हमेशा के लिए बच्चों को अपने पास रख लेते थे और फिर किसी जरूरतमंद को बेच देते थे।

400 बच्चों की हत्या

एक ऐसी भी बेबी फार्मर थी जिसने 400 बच्चों का कत्ल कर डाला। उसने बच्चों की देखभाल के लिए पैसे तो लिए, लेकिन देखभाल की जगह उनकी हत्या कर दी। जब इस मामले का खुलासा हुआ तो हर कोई शख्स हैरान रह गया था। पुलिस ने जब अमेलिया से पूछताछ की तो उसने कहानी बताई। पूछताछ में पता चला कि उसकी मानसिक हालत ठीक नहीं थी।

अमेलिया की मां की भी मानसिक हालत ठीक नहीं थी

अमेलिया ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि सन 1837 में उसका जन्म हुआ था। 5 बहनों में सबसे छोटी अमेलिया की मां की मानसिक हालत भी ठीक नहीं थी। कुछ ही सालों बाद अमेलिया की मां चल बसी जिसके बाद वो अपने रिश्तेदार के साथ रहने लगी। 1861 में 24 साल की उम्र में उसने जॉर्ज थॉमस नाम के शख्स के साथ शादी कर ली। उस वक्त जॉर्ज की उम्र 59 साल थी।

शादी के बाद अमेलिया को एक बेटी हुई। बेटी की देखभाल के लिए अमेलिया ने नौकरी छोड़ दी। पति की मौत के बाद अमेलिया को आर्थिक तंगी होने लगी। इस वजह से उसने बेबी फार्मिंग का काम शुरू किया। अमेलिया लोगों से पैसे लेती और बच्चों की कुछ समय तक देखभाल करने के बाद लौटा देती। 1872 में अमेलिया ने एक मजदूर से शादी कर ली। उससे अमेलिया को दो बच्चे पैदा हुए। कुछ समय बाद ही अमेलिया को उसके पति ने तलाक दे दिया। अमेलिया पर अब तीन बच्चों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी थी।

अमेलिया को बच्चे पालना मुश्किल हो रहा था। इसलिए उसने देखभाल के लिए आने वाले बच्चों की सेहत के साथ खिलवाड़ करने लगी। अमेलिया उन बच्चों को खाना नहीं देती थी, जिस वजह से भुखमरी से उनकी मौत हो गई। पुलिस की जांच में भी पता चला कि अमेलिया की लापरवाही के कारण ही बच्चों की मौत हुई थी। अमेलिया को 6 महीने की जेल हुई।

बेबी फार्मिंग के लिए अमेलिया ने दूसरी तरकीब अपनाई। उसने अलग-अलग नामों से अखबारों में एड देना शुरू किया। अमेलिया की ये तरकीब कारगार साबित होने लगी। लोग आते और पैसे देकर अपने बच्चे उसके पास छोड़ देते थे, लेकिन अमेलिया बच्चों की देखभाल करने की जगह उनका कत्ल कर देती और लाश को नदी में फेंक देती थी। कुछ बच्चों को तो वो दफना भी देती थी।

अमेलिया की करतूतों का ऐसे हुआ खुलासा

कुछ ही दिनों बाद अमेलिया की करतूतों का खुलासा हो गया था। दरअसल, एक मछुआरे को थेम्स नदी में एक पैकेट पड़ा मिला। पैकेट खोलकर देखा तो उसमें बच्चे की लाश थी। देखने से लग रहा था कि बच्चे को टेप से गला घोंटकर मारा गया है। पुलिस को इसकी सूचना दी गई। पुलिस को बच्चे की लाश से एक कागज भी मिला। कागज में एक पता लिखा हुआ था।

पुलिस कागज पर लिखे पते पर पहुंची। वो पता अमेलिया का था। पुलिस घर में घुसी तो हैरान रह गई। अंदर से लाशों के सड़ने की बदबू आ रही थी। बच्चे की गर्दन पर जैसी टेप लगी थी, वो भी बरामद हुई। पुलिस ने अमेलिया को गिरफ्तार कर सख्ती से पूछताछ की। पूछताछ में पता चला कि उसने 400 से ज्यादा बच्चों को मार डाला।

10 जून 1896 को हुई फांसी

पूछताछ के बाद अमेलिया को अदालत में पेश किया गया। कोर्ट ने अमेलिया को फांसी की सजा सुनाई। 10 जून 1896 में उसे फांसी के फंदे पर लटका दिया गया।

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