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ऐतिहासिक और सांस्कृतिक कारणों से बेहद खास है कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट, देखें शानदार तस्वीरें

कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे का निर्माण करीब 260 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से किया गया है। यह घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय तीर्थयात्रियों को भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण स्थल पर जाने की सुविधा प्रदान करेगा और दुनिया भर के बौद्ध तीर्थस्थलों को जोड़ने का भी प्रयास है।

By Manish PandeyEdited By: Updated: Wed, 20 Oct 2021 10:12 AM (IST)
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कुशीनगर एक अंतरराष्ट्रीय बौद्ध तीर्थस्थल है जहां भगवान गौतम बुद्ध का महापरिनिर्वाण हुआ था।
नई दिल्ली, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) कुशीनगर में आज उत्तर प्रदेश के तीसरे अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (Kushinagar International Airport) का उद्घाटन किया। इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद रहे। 260 करोड़ रुपये की लागत से बने इस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से नवंबर में नियमित उड़ान शुरू हो जाएगी।

कुशीनगर एक अंतरराष्ट्रीय बौद्ध तीर्थस्थल है जहां भगवान गौतम बुद्ध (Lord Buddha)  का महापरिनिर्वाण हुआ था। दिल्ली और कुशीनगर के बीच की डायरेक्ट फ्लाइट की शुरुआत 26 नवंबर से होगी, कुशीनगर को 18 दिसंबर को मुंबई के साथ जोड़ा जाएगा और कुशीनगर को कोलकाता के साथ भी जोड़ा जाएगा।

हवाई अड्डे के उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री बुधवार को बौद्ध स्थल महापरिनिर्वाण स्तूप और मंदिर में एक कार्यक्रम को भी संबोधित करेंगे जिसमें श्रीलंकाई बौद्ध भिक्षु और श्रीलंका सरकार के मंत्री शामिल होंगे। कुशीनगर बौद्ध परिपथ का केंद्र बिंदु है। इस परिपथ में लुंबिनी, सारनाथ और गया भी शामिल हैं।

पहली उड़ान 125 गणमान्य व्यक्तियों और बौद्ध भिक्षुओं के साथ श्रीलंका के कोलंबो से इस हवाई अड्डे पर उतरेगी। इस हवाई अड्डे से दुनिया भर के बौद्धों को भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण स्थल की यात्रा करने की सुविधा मिल सकेगी।

कुशीनगर हवाई अड्डे के नए टर्मिनल की 3600 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैली इमारत 260 करोड़ रुपये की लागत से भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से बनाई है। यह हवाईअड्डा 300 यात्रियों को संभालने में सक्षम है।

हवाई अड्डे के उद्घाटन से पर्यटकों की आमद में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। इस हवाई अड्डे के उद्घाटन के बाद बौद्ध परिपथ के लुंबिनी, बोधगया, सारनाथ, कुशीनगर, श्रावस्ती, राजगीर, संकिसा और वैशाली की यात्रा कम समय में पूरी की जाएगी।