Kolkata कांड पर प्रदर्शनों के दौरान 23 लोगों की गई जान, कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया
SC on Kolkata Doctor murder case कोलकाता ट्रेनी डॉक्टर हत्या मामले पर फिर से सुनवाई हुई। कोर्ट ने सीबीआई से स्टेटस रिपोर्ट मांगी और उसे देखकर कई सवाल भी उठाए। कोर्ट ने इसी के साथ सीबीआई को अगली सुनवाई पर ताजा स्टेटस रिपोर्ट भी जमा करने का निर्देश दिया। सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि राज्य में डॉक्टरों के काम न करने के चलते 23 लोगों की मौत हो गई।
एजेंसी, नई दिल्ली। SC on Kolkata Doctor murder case सुप्रीम कोर्ट में आज कोलकाता ट्रेनी डॉक्टर हत्या मामले पर फिर से सुनवाई हुई। कोर्ट ने सीबीआई से स्टेटस रिपोर्ट मांगी और उसे देखकर कई सवाल भी उठाए। कोर्ट ने इसी के साथ सीबीआई को 17 सितंबर तक ताजा स्टेटस रिपोर्ट भी जमा करने का निर्देश दिया।
23 लोगों की चली गई जान
कोर्ट को आज बंगाल सरकार की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने स्टेटस रिपोर्ट सौंपी। इस रिपोर्ट का हवाला देते हुए सर्वोच्च न्यायालय को बताया गया कि जब राज्य में डॉक्टर काम नहीं कर रहे थे तब 23 लोगों की मौत हो गई।
सीसीटीवी पर उठे सवाल?
सुप्रीम कोर्ट ने जानना चाहा कि क्या रात 8:30 से 10:45 बजे तक की गई तलाशी और जब्ती प्रक्रिया की फुटेज सीबीआई को सौंपी गई है?एसजी मेहता ने जवाब दिया कि फुटेज के 4 क्लिप और कुल 27 मिनट की अवधि वाली क्लिप सौंपी गई हैं। एसजी मेहता ने कहा कि सीबीआई ने नमूने एम्स और अन्य केंद्रीय फोरेंसिक प्रयोगशाला को भेजने का फैसला किया है।
संदीप घोष के घर और अस्पताल की दूरी पूछी
- मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने आरजी मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के आवास और अस्पताल के बीच की दूरी के बारे में पूछा। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जवाब दिया कि यह लगभग 15-20 मिनट की दूरी पर है।
- सुप्रीम कोर्ट ने अप्राकृतिक मौत की रिपोर्ट दर्ज करने के समय पर स्पष्टीकरण मांगा। सिब्बल ने बताया कि मृत्यु प्रमाण पत्र दोपहर 1:47 बजे जारी किया गया था, लेकिन अप्राकृतिक मौत के लिए पुलिस स्टेशन में एफआईआर दोपहर 2:55 बजे की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
पीठ ने कहा, "सीबीआई द्वारा एक स्थिति रिपोर्ट दायर की गई है, ऐसा प्रतीत होता है कि जांच प्रगति पर है, हम सीबीआई को नई स्थिति रिपोर्ट दायर करने का निर्देश देते हैं, हम सीबीआई को उसकी जांच में मार्गदर्शन नहीं देना चाहते हैं।"मेहता ने पीठ को बताया कि जांच एजेंसी ने आगे की जांच के लिए फोरेंसिक नमूने एम्स भेजने का फैसला किया है।