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कोलकाता रेप और मर्डर केस में तीसरे दिन भी हड़ताल पर रहे डॉक्टर, मरीज हुए परेशान; काली पट्टी बांधकर कर रहे विरोध

कोलकाता रेप-मर्डर केस में तीसरे दिन भी डॉक्टर हड़ताल पर रहे। इससे मरीजों को परेशानी भी हुई।अस्पतालों में मरीजों की लंबी-लंबी कतारें दिखीं। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ( एम्स) की फैकल्टी एसोसिएशन ने जूनियर डाक्टरों की हड़ताल को समर्थन दिया है। राम मनोहर लोहिया अस्पताल के वरिष्ठ फैकल्टी ने हाथ में काली पट्टी बांधकर कार्य करने का निर्णय लिया है।

By Jagran News Edited By: Nidhi Avinash Updated: Wed, 14 Aug 2024 11:55 PM (IST)
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कोलकाता रेप और मर्डर केस में तीसरे दिन भी हड़ताल पर रहे डॉक्ट (Image: ANI)

नई दिल्ली, जागरण न्यूज नेटवर्क। कोलकाता में जूनियर डाक्टर की दुष्कर्म के बाद बेरहमी से हत्या को लेकर डाक्टरों में आक्रोश चरम पर है। राजधानी समेत देश के विभिन्न हिस्सों में लगातार तीसरे दिन जूनियर डाक्टरों की हड़ताल से लोग परेशान रहे। अस्पतालों में मरीजों की लंबी-लंबी कतारें दिखीं। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की फैकल्टी एसोसिएशन ने जूनियर डाक्टरों की हड़ताल को समर्थन दिया है। एम्स में बुधवार शाम को फैकल्टी के सदस्यों ने जूनियर डाक्टरों के साथ मार्च निकाला।

फैकल्टी ने हाथ में काली पट्टी बांधकर किया काम

राम मनोहर लोहिया अस्पताल के वरिष्ठ फैकल्टी ने हाथ में काली पट्टी बांधकर कार्य करने का निर्णय लिया है। बंगाल में डाक्टरों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हैं। सभी सरकारी अस्पतालों के बाह्य रोगी विभागों (ओपीडी) के पर्ची काउंटरों पर मरीजों की लंबी कतारें लगी रहीं। चंडीगढ़ पीजीआइ व अन्य सरकारी अस्पतालों में तीसरे दिन भी डाक्टरों की हड़ताल के कारण ओपीडी बंद रही।

इलाज नहीं मिलने पर वापस लौट रहे मरीज

इलाज नहीं मिलने पर कुछ मरीज लौट गए। बिहार में डाक्टरों का कार्य बहिष्कार कुछ जगहों पर जारी रहा। पटना स्थित इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान की ओपीडी व पूर्व निर्धारित सर्जरी स्थगित रही। एम्स पटना में तीसरे दिन कार्य बहिष्कार का आंशिक प्रभाव दिखा। झारखंड में जूनियर डाक्टरों का कार्य बहिष्कार जारी रहा। एमजीएम जमशेदपुर, रिम्स रांची और पीएमसीएच धनबाद में सुबह नौ बजे से ही डाक्टर ड्यूटी छोड़ धरने पर बैठे रहे, जबकि मरीजों को अपने इलाज के लिए दिनभर भटकते रहना पड़ा।

उत्तर प्रदेश में भी दिखा हड़ताल का प्रभाव

उत्तर प्रदेश में भी हड़ताल का प्रभाव दिखा। लखनऊ में रेजिडेंट डाक्टरों ने एसजीपीजीआइ, केजीएमयू और लोहिया संस्थान में विरोध प्रदर्शन किया। फेडरेशन आफ रेजिडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) ने मंगलवार को हड़ताल खत्म करने की घोषणा की थी। इसके बाद डाक्टर दो धड़ों में बंटे नजर आ रहे हैं। दिल्ली के कुछ अस्पतालों में हड़ताल खत्म कर दी गई है, लेकिन अधिकतर अस्पतालों में जारी है।

फोर्डा के अध्यक्ष का विरोध

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात करने वाले फोर्डा के अध्यक्ष डा. अविरल माथुर को मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डाक्टर एसोसिएशन (आरडीए) के अध्यक्ष का पद छोड़ना पड़ा है। फोर्डा के अध्यक्ष के तौर पर भी उनका विरोध हो रहा है। उनके स्थान पर डा. अपर्णा सेतिया मौलाना आजाद मेडिकल कालेज आरडीए की अध्यक्ष बनाई गई हैं।

हड़ताल खत्म करने की घोषणा

मौलाना आजाद मेडिकल कालेज ने एक बार हड़ताल खत्म करने की घोषणा कर दी थी, लेकिन बुधवार को नाटकीय घटनाक्रम के बाद डा. अविरल माथुर ने अपने दायित्व नवीन पदाधिकारियों को सौंप दिए। नई आरडीए हड़ताल जारी रखने का एलान कर दिया। डा. अर्पणा सेतिया ने कहा कि शुक्रवार को बैठक बुलाई गई है, जिसमें हड़ताल को लेकर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। बताया जा रहा है कि हड़ताल और रेजिडेंट डाक्टरों को एकजुट रखने की कमान अब फेडरेशन आफ आल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (एफएआइएमए) ने संभाल ली है।

प्रोटक्शन एक्ट लागू नहीं होगा, हड़ताल जारी रहेगी

इसके राष्ट्रीय सलाहकार डा. मनीष जांगड़ा ने कहा, जो अस्पताल हड़ताल से बाहर हुए हैं, उनसे बात की जा रही है। जब तक सेंटर प्रोटक्शन एक्ट लागू नहीं होगा, हड़ताल जारी रहेगी। सफदरजंग अस्पताल के आरडीए के महासचिव डा. आयुष राज ने कहा कि फोर्डा ने सभी अस्पतालों के आरडीए को विश्वास में नहीं लिया। एम्स आरडीए के अध्यक्ष डा. इंद्र शेखर का कहना है कि सरकार सेंट्रल हेल्थकेयर प्रोटेक्शन बिल संसद में लाकर पास कराकर कानून बनाने की समय सीमा निर्धारित करें। तब हड़ताल वापस ली जाएगी।

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