G20 Summit: जी20 समिट में दिखी भारत की समृद्ध संस्कृति की विरासत, कोणार्क से लेकर नालंदा तक की छाई रही तस्वीर
भारत के लिए जी-20 महत्वपूर्ण था क्योंकि इस शिखर सम्मेलन स्थल में 13वीं सदी के ओडिशा के कोणार्क मंदिर से लेकर बिहार के प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय तक भारत की समृद्ध वास्तुकला विरासत को देखा गया था। जी20 रात्रिभोज के दौरान मेहमानों का अभिवादन करते समय पीएम मोदी और राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक सहित जी20 के कुछ नेताओं को विश्वविद्यालय के महत्व के बारे में समझाया।
नई दिल्ली, एजेंसी। G20 Summit: भारत के लिए यह सप्ताह काफी खास रहा। 9 और 10 सितंबर को राजधानी दिल्ली में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में दुनिया के शीर्ष नेता शामिल हुए। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मेलन को समाप्त करते हुए 2024 के लिए ब्राजील को G20 की अध्यक्षता सोंपी। बता दें कि भारत के पास नवंबर तक G20 की अध्यक्षता रहेगी।
कोणार्क मंदिर से लेकर बिहार के प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय तक
भारत के लिए जी-20 महत्वपूर्ण था, क्योंकि इस शिखर सम्मेलन स्थल में 13वीं सदी के ओडिशा के कोणार्क मंदिर से लेकर बिहार के प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय तक भारत की समृद्ध वास्तुकला विरासत को देखा गया था। जी20 रात्रिभोज के दौरान मेहमानों का अभिवादन करते समय पीएम मोदी और राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक सहित जी20 के कुछ नेताओं को विश्वविद्यालय के महत्व के बारे में समझाया।
विविधता, योग्यता, विचार की स्वतंत्रता, सामूहिक शासन, स्वायत्तता और ज्ञान साझाकरण का प्रतिनिधित्व करने वाला नालंदा विश्वविद्यालय लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के अनुरूप हैं। शाम को नालंदा और सुबह ओडिशा का कोणार्क पहिया जी-20 समूह स्थल में अलग ही रौनक दे रहा था।
Symbolic and historic!
Leaders' warm greetings with PM @narendramodi feature the Konark Wheel of Odisha, a marvel from the 13th century under King Narasimhadeva-I's rule. This wheel, with its 24 spokes, also graces India's national flag, symbolizing the nation's ancient wisdom,… pic.twitter.com/nWbTAnS64Y
MyGovIndia ने शेयर किया पोस्ट
यूनेस्को की वेबसाइट के अनुसार, कोणार्क मंदिर में 24 पहियों को प्रतीकात्मक डिजाइनों से सजाया गया है और इसका नेतृत्व छह घोड़ों की एक टीम करती है। लोकतंत्र के पहिये के एक शक्तिशाली प्रतीक के रूप में कार्य करता है जो लोकतांत्रिक आदर्शों के लचीलेपन और समाज में प्रगति के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। MyGovIndia ने शनिवार को 'X' (पूर्व में ट्विटर) पर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा विश्व नेताओं को दिए गए स्वागत अभिनंदन का एक वीडियो पोस्ट किया, जिसका शीर्षक था 'G20 का प्रतिष्ठित अभिवादन - कोणार्क का कालचक्र केंद्र में आ गया'।
PM @narendramodi extends a warm welcome to #G20 Heads of Delegations as they arrive at #BharatMandapam for the historic #G20Summit.#G20India#G20SummitDelhi#G20Summit2023#G20India2023 pic.twitter.com/6rKiKtF6tb
नटराज की 27 फुट ऊंची प्रतिमा
संस्कृति मंत्रालय ने भारत की सांस्कृतिक विरासत के साथ-साथ अन्य जी20 सदस्य देशों की सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाया है और शिखर सम्मेलन गलियारे में स्थापित 'संस्कृति गलियारे' के माध्यम से देशों को आमंत्रित किया है। हिंदी में एक अन्य पोस्ट में, मंत्रालय ने नटराज की 27 फुट ऊंची प्रतिमा सहित परिसर के विभिन्न कला तत्वों को भी शेयर किया और लिखा, 'यह महामंडपम हमारी महान सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासतों को दर्शाता है।'