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Kozhikode Plane Crash : रेस्‍क्‍यू में शामिल 600 लोग हुए क्‍वारंटाइन, 56 घायलों को अस्‍पताल से मिली छुट्टी

Kozhikode Plane Crash राहत और बचाव कार्य में भाग लेने वाले 600 लोगों को क्‍वारंटाइन में भेज दिया गया है। वहीं दुर्घटना में घायल 56 लोगों को अस्पतालों से छुट्टी मिल गई है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Mon, 10 Aug 2020 04:55 PM (IST)
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Kozhikode Plane Crash : रेस्‍क्‍यू में शामिल 600 लोग हुए क्‍वारंटाइन, 56 घायलों को अस्‍पताल से मिली छुट्टी
कोझिकोड, एजेंसियां। कोझिकोड में विमान दुर्घटना में राहत और बचाव कार्य में भाग लेने वाले 600 लोगों को कोरोना संक्रमण के मद्देनजर एहतियात के तौर पर क्‍वारंटाइन में भेज दिया गया है। क्‍वारंटाइन में भेजे गए लोगों में मलाप्‍पुरम के कलेक्‍टर के गोपालकृष्‍णन भी शामिल हैं। वहीं दूसरी ओर एअर इंडिया एक्सप्रेस ने कहा है कि कोझिकोड में विमान दुर्घटना में घायल 56 लोगों को ठीक होने के बाद विभिन्न अस्पतालों से छुट्टी मिल गई है।

नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शनिवार को कहा था कि 149 लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया जिनमें से 23 लोगों को छुट्टी मिल गई है जबकि तीन गंभीर रूप से घायल हैं। वहीं एअरलाइन ने अपने बयान में कहा है कि एअर इंडिया एक्सप्रेस लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और क्षेत्रीय प्रमुख (दक्षिणी क्षेत्र) परिवार के सदस्यों को सहायता पहुचांने के लिए अब भी कालीकट (कोझिकोड) में ही मौजूद हैं। ठीक होने के बाद 56 घायलों को अस्पतालों से छुट्टी मिल चुकी है।

एयर इंडिया एक्सप्रेस ने कहा है कि विमान के ब्लैक बॉक्स को आगे की जांच के लिए दिल्ली लाया गया है। डीजीसीए ने कहा है कि ब्लैक बॉक्स से जल्द ट्रांसक्रिप्ट को निकाला जाएगा। ट्रांसक्रिप्ट मिलने के बाद विमान निर्माता कंपनी बोइंग से भी संपर्क किया जाएगा। कंपनी से विमान के मूल उपकरण और खामियों की जांच करने के लिए कहा जाएगा। उधर केरल पुलिस ने भी जांच के लिए एसआइटी गठित की है।  

बता दें कि चालक दल के छह सदस्यों समेत 190 लोगों के साथ दुबई से पहुंचा एअर इंडिया एक्सप्रेस का बी737 विमान शुक्रवार रात कोझिकोड हवाईअड्डे पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। विमान भारी बारिश के बीच हवाई पट्टी से फिसलने के बाद 35 फुट गहरी खाई में जा गिरा था जिससे उसके दो टुकड़े हो गए थे। इस हादसे में दोनों पायलटों सहित 18 लोगों की मौत हो गई थी। 

विमान हादसे की जांच करने वाले एयर मार्शल (सेवानिवृत्त) भूषण गोखले ने कहा कि इसकी कई वजहें हो सकती हैं। हादसे के वक्त वहां भारी बारिश हो रही थी और रनवे पर पानी भर गया था, ऐसी स्थिति में लैंडिंग में मुश्किल होती है। रनवे पर तीन मिलीमीटर से ज्यादा पानी नहीं होना चाहिए क्योंकि लैंडिंग के समय विमान के चक्के ब्रेक के चलते लॉक होते हैं जो सतह के संपर्क में आने के बाद खुलते हैं। ऐसे में विमान के गलत दिशा में जाने का खतरा बना रहता है।