'आजादी के बाद भी हमें साजिशन गुलामी का इतिहास पढ़ाया गया', Lachit Borphukan के जयंती समारोह में बोले पीएम मोदी
Lachit Borphukan Birth Anniversary अहोम साम्राज्य के सेनापति लचित बोरफुकन की 400वीं जयंती समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज हिस्सा लिया। लचित की जयंती पर यह समारोह कल शुरू हुआ था और आज इसका समापन होना है।
By AgencyEdited By: Mahen KhannaUpdated: Fri, 25 Nov 2022 12:43 PM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसी। पूर्वोत्तर से मुगल सेना को भगाने और युद्ध में धूल चटाने वाले अहोम साम्राज्य के सेनापति लचित बोरफुकन की 400वीं जयंती समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज हिस्सा लिया। लचित की जयंती के समापन समारोह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमें लचित बोरफुकन की 400वीं जयंती मनाने का अवसर ऐसे समय में मिला है जब देश अपनी आजादी का अमृत काल मना रहा है। यह ऐतिहासिक अवसर असम के इतिहास का एक गौरवपूर्ण अध्याय है।
पीएम बोले- हमें साजिशन गुलामी का इतिहास पढ़ाया गया
समारोह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के बाद भी हमें वही इतिहास पढ़ाया गया जिसको गुलामी के कालखंड में साजिशन रचा गया। आजादी के बाद आवश्यकता थी कि गुलामी के एजेंडे को बदला जाए लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
अब अपने नायकों को गर्व से याद कर रहा देश
पीएम मोदी ने कहा कि अब देश गुलामी की मानसिकता को छोड़ अपनी विरासत पर गर्व करने के भाव से भरा हुआ है। आज भारत न सिर्फ अपनी सांस्कृतिक विविधता को मना रहा है बल्कि अपनी संस्कृति के ऐतिहासिक नायक-नायिकाओं को गर्व से याद भी कर रहा है। पीएम ने आगे कहा कि लचित बरफुकन जैसी महान हस्तियां और भारत मां की अमर संतान इस अमृत काल के संकल्पों की पूर्ति के लिए हमारे प्रेरणास्त्रोत हैं।
पीएम ने प्रदर्शनी का दौरा किया
दिल्ली के विज्ञान भवन में चल रहे इस समारोह का उद्घाटन असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने किया था। पीएम मोदी ने सरमा के साथ समारोह के हिस्से के रूप में आयोजित प्रदर्शनी का दौरा भी किया। पीएम ने इसके बाद लचित की तस्वीर पर श्रद्धासुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि भी दी। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के अलावा राज्यपाल जगदीश मुखी, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और अन्य लोग शामिल हुए।