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Mizoram Election: मिजोरम में आठ दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे लालदुहोमा, मोदी सरकार को लेकर कही ये बात

मिजोरम में मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह आठ दिसंबर को होगा। चालीस सदस्यीय राज्य विधानसभा में जेडपीएम को 27 सीटों पर जीत मिली है। जबकि एमएनएफ को केवल 10 सीटों पर जीत हासिल हुई है। लालदुहोमा ने कहा कि उनकी सरकार शपथ ग्रहण के बाद अगले 100 दिनों के लिए सर्वोच्च प्राथमिकताएं तय करेगी। मिजोरम की अगली सरकार केंद्र से अच्छे संबंध बनाए रखेगी।

By Jeet KumarEdited By: Jeet KumarUpdated: Wed, 06 Dec 2023 05:00 AM (IST)
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मिजोरम में आठ दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे लालदुहोमा

आइजल, एएनआइ। विधानसभा चुनाव में जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) द्वारा बड़ी जीत दर्ज करने के बाद मंगलवार रात आठ बजे पार्टी के विधायक दल की एक बैठक मुख्यमंत्री पद के दावेदार लालदुहोमा के आवास पर हुई। जेडपीएम ने बयान जारी कर कहा कि मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह आठ दिसंबर को होगा। चालीस सदस्यीय राज्य विधानसभा में जेडपीएम को 27 सीटों पर जीत मिली है। जबकि एमएनएफ को केवल 10 सीटों पर जीत हासिल हुई है।

लालदुहोमा ने कहा, ‘उनकी सरकार शपथ ग्रहण के बाद अगले 100 दिनों के लिए सर्वोच्च प्राथमिकताएं तय करेगी। मिजोरम की अगली सरकार केंद्र से अच्छे संबंध बनाए रखेगी। उनकी पार्टी किसी राजनीतिक समूह में शामिल नहीं होगी।’ उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकताएं अधूरी परियोजनाओं को पूरा करना होगा।

एमएनएफ ने लालछंदमा राल्ते को विधायक दल का नेता चुना

मिजोरम विधानसभा चुनाव में हार का सामना करने वाले मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) ने मंगलवार को निवर्तमान शिक्षा मंत्री लालछंदमा राल्ते को विधायक दल का नेता चुना। निवर्तमान मुख्यमंत्री जोरमथांगा के आवास पर आयोजित एक बैठक में डंपा विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित एमएनएफ के सलाहकार लालरिंतलुआंगा सेलो को विधायक दल का उप नेता चुना गया। इससे पूर्व निवर्तमान मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने विधानसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के चलते मंगलवार को 33 साल के लंबे कार्यकाल के बाद पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था।

जोरमथंगा ने 33 साल बाद एमएनएफ अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा

मिजोरम के निवर्तमान मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने विधानसभा चुनाव में मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) की करारी हार के चलते मंगलवार को 33 साल के लंबे कार्यकाल के बाद पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। एमएनएफ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष तावंलुइया को भेजे गए अपने त्याग पत्र में जोरमथांगा ने कहा कि वह पार्टी के अध्यक्ष के रूप में चुनावी हार के लिए नैतिक जिम्मेदारी लेते हैं।

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एमएनएफ को इस चुनाव में केवल 10 सीटों पर जीत मिली है

पार्टी के मीडिया प्रकोष्ठ के महासचिव क्रास्नेहजोवा ने कहा कि एमएनएफ की राष्ट्रीय कोर कमेटी की बुधवार को बैठक होगी जिसमें यह तय किया जाएगा कि जोरमथांगा का इस्तीफा स्वीकार किया जाए या नहीं। 1990 में लालडेंगा के निधन के बाद जोरमथांगा एमएनएफ के अध्यक्ष बने थे। एमएनएफ को इस चुनाव में केवल 10 सीटों पर जीत मिली है जबकि 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को 26 सीट पर जीत हासिल हुई थी।

जोरमथांगा खुद भी अपनी आइजोल पूर्व-1 सीट पर जेडपीएम के उपाध्यक्ष लालथनसांगा से 2,101 वोटों के अंतर से हार गए। चालीस सदस्यीय राज्य विधानसभा में जेडपीएम को 27 सीटों पर जीत मिली है। एमएनएफ मिजोरम में तीन बार – 1998, 2003 और 2018 में चुनाव जीतकर सत्ता में आई थी।